रोहतक: भाजपा के राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा बुधवार को रोहतक में थे. इस बीच पत्रकारों ने उनसे अग्निपथ योजना को लेकर सवाल किया. रामचंद्र जांगड़ ने पहले तो इस योजना की बहुत सारी अच्छाइयां गिनाने की कोशिश की. जब उनसे सवाल किया गया कि इस योजना की जरूरत क्यों पड़ी तो इसके जवाब में रामचंद्र जांगड़ा ने बेतुका जवाब दिया. बीजेपी सांसद ने कहा कि आज का युवा बहुत गुस्से में रहता है. एक मिनट में हत्या हो जाती है. एक मिनट में बलात्कार हो जाते हैं. उन्हें संस्सकारित करने के लिए इस योजना की जरूरत पड़ी.
जांगड़ा ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर की भर्ती को युवाओं की शादी की उम्र से जोड़ दिया (Chander Jangra On Agnipath Scheme) है. उन्होंने सेना में 4 साल की नौकरी को रूपांतरण का जीवन बताया है. उन्होंने कहा कि आजकल तो शादी की उम्र भी 30-31 साल हो गई है. जबकि ये अग्निवीर 22-23 साल की उम्र में वापस आ जाएंगे. उनमें से 25 प्रतिशत को सेना में समायोजित कर लिया जाएगा. बाकी के लिए आरक्षण की व्यवस्था है.
यही नहीं रामचंद्र जांगड़ा ने राजस्थान के कोटा में इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं का उदाहरण तक दे दिया है. उन्होंने कहा कि कोटा सबसे बड़ा सेंटर है, लेकिन वहां से आत्महत्या की खबरें आती हैं. जबकि अग्निपथ का विजन युवाओं में आत्मविश्वास व स्वाभिमान जगाएगा. युवा राष्ट्र प्रेम की भावना से औत प्रोत होंगे. भाजपा के राज्यसभा सदस्य यहीं नहीं रूके और उन्हें पंजाब पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का उदाहरण भी प्रस्तुत किया.
जबकि ये दोनों नेता सैन्य अधिकारी के तौर पर भर्ती हुए थे, न कि जवान के तौर पर. रामचंद्र जांगड़ा मंगलवार को रोहतक के राजीव गांधी खेल परिसर पहुंचे (Yoga Day In Rohtak) थे. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में यह चर्चा निकलकर सामने आई. अपनी बात को मजबूती से रखने के लिए जांगड़ा ने कहा कि आज हमारा युवा नशे का आदि हो जाता है. जबकि अग्निपथ योजना के तहत हर साल 50 हजार नौजवान संस्कारित होकर निकलेंगे.
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उन्होंने कहा कि आज हमारा युवा भटक रहा है और हिंदुस्तान युवा शक्ति का सबसे बड़ा देश है. जो भी युवा अग्निवीर भर्ती होगा, भारत का बेहतरीन नागरिक बनकर निकलेगा. नेताओं के बच्चों के सेना में जवान के तौर पर भर्ती न होने से जुड़े सवाल पर जांगड़ा ने कहा कि उसके बेटों की उम्र तो नहीं है, लेकिन वे अपने पौते को जरूर अग्निपथ योजना के तहत भेजेंगे.