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BJP Minister statement on Siddaramaiah: बीजेपी के बयान पर सिद्धारमैया ने किया पलटवार, मंत्री ने मांगी माफी

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Published : Feb 16, 2023, 2:15 PM IST

Updated : Feb 16, 2023, 6:06 PM IST

भाजपा कर्नाटक के मंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण ने टीपू के मुद्दे को तूल देते हुए कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पर विवादित बयान दिया है. इधर, सिद्धारमैया ने भी भाजपा मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अश्वथ नारायण मानसिक रूप से बीमार हैं. वहीं मंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने कहा है कि सिद्धरमैया से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. अगर उन्हें मेरी बातें से ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं.

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मांड्या : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने गुरुवार को कर्नाटक के मंत्री सी एन अश्वथ नारायण पर लोगों को उन्हें ‘मार डालने’ के लिए उकसाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. सिद्धरमैया ने नारायण के इस बयान पर आपत्ति जतायी कि उनका (सिद्धरमैया का) 18वीं सदी के तत्कालीन मैसूरु साम्राज्य के शासक टीपू सुल्तान की तरह 'परास्त कर उनके जैसा ही अंजाम होना चाहिए.' उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से नारायण को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करके उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया, नारायण द्वारा मांड्या में हाल में की गई उस टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने, उन्हें (सिद्धरमैया) निशाना बनाया था. नारायण ने कहा था, "टीपू का बेटा सिद्धारमैया आएगा... आप टीपू को चाहते हैं या सावरकर को? हमें टीपू सुल्तान को कहां भेजना चाहिए? उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा ने क्या किया? उसी तरह उन्हें भी बाहर कर दिया जाना चाहिए और भेज दिया जाना चाहिए."

पुराने मैसूर क्षेत्र में एक वर्ग का दावा है कि टीपू की मृत्यु अंग्रेजों से लड़ते हुए नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें दो वोक्कालिगा सरदारों उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा द्वारा मारा गया था. हालांकि कुछ इतिहासकार इससे असहमति जताते हैं. नारायण ने कहा कि उनका बयान व्यक्तिगत रूप से सिद्धारमैया के संबंध में नहीं था और यदि कांग्रेस विधायक दल के नेता आहत हुए हैं, तो वह खेद व्यक्त करेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मतलब केवल चुनावी रूप से हराना है और कोई शारीरिक नुकसान पहुंचाना नहीं है, जैसी कि गलत व्याख्या की जा रही है.

  • I know Kannadigas are enraged by mentally unstable @drashwathcn's appeal to kill me, but I request everyone not to harm him.

    — Siddaramaiah (@siddaramaiah) February 16, 2023 )" class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="( )">( )

सिद्धरमैया ने कहा, "उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण ने लोगों से उसी तरह मुझे भी मार डालने की अपील की है कि जिस तरह टीपू को मारा गया था. अश्वथ नारायण, आप लोगों को भड़काने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? खुद क्यों नहीं बदूंक उठा लेते." पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कई ट्वीट में मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया जिन्होंने लोगों से मारने की खुले तौर पर अपील की है. सिद्धरमैया ने कहा कि इससे पता चलता है कि बोम्मई, गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और उनका 'अक्षम कैबिनेट सो रहा है और अश्वथ नारायण की बात से सहमति रखता है.'

सिद्धरमैया ने सवाल किया कि क्या गुजरात भाजपा की संस्कृति कर्नाटक भाजपा में भी समा गई है? उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2002 (गुजरात दंगों) की तरह अब भी चुप रहेंगे. उन्होंने कहा, "कन्नड़ लोग कभी भी कर्नाटक को गुजरात नहीं बनने देंगे." बोम्मई से नारायण को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और उन्हें गिरफ्तार करने का आग्रह करते हुए, सिद्धारमैया ने कहा, "यदि कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इसका मतलब केवल यह है कि भाजपा भड़काऊ बयान से सहमत है या उन्हें लगता है कि अश्वथ नारायण 'मानसिक रूप से अस्थिर' हो गए हैं."

बयान को तोड़-मरोड़ कर किया गया पेश: अश्वथ नारायण
बयान को लेकर विवादों में घिरने, विपक्षी दल के नेताओं, विशेष रूप से कांग्रेस के नेताओं द्वारा तीखी प्रतिक्रिया जताये जाने के बाद नारायण ने कहा कि उनके बयान की गलत व्याख्या करके पेश करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "लोग ऐसी चीजों को स्वीकार नहीं करेंगे. वह (सिद्धरमैया) वो हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री की तुलना ‘पिल्लै’ से की, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को ‘जोकर’ कहा, प्रधानमंत्री मोदी को ‘नरहन्थक’ (सामूहिक हत्यारा) कहा.... मैंने उनकी तरह कभी भी समाज को धर्म और जाति के नाम बांटने का प्रयास नहीं किया. मेरा आशय उन्हें केवल चुनाव में वोट के जरिए हराना था, व्यक्तिगत रूप से टिप्पणी करना या उन्हें शारीरिक रूप से कोई नुकसान पहुंचाना नहीं."

सिद्धारमैया ने हुबली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "नारायण के मंत्री बने रहने का कोई मतलब नहीं है, मैं राज्यपाल से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का अनुरोध करता हूं." वह नारायण के खेद जताने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. सिद्धरमैया ने दावा किया कि मंशा वोटों का ध्रुवीकरण करना है क्योंकि वे (भाजपा) चुनाव हारने से डरते हैं. उन्होंने कहा, "मैं कोई शिकायत दर्ज नहीं करूंगा, लेकिन यह एक उपयुक्त मामला है जिसमें पुलिस को अश्वथ नारायण के खिलाफ स्वत: कार्रवाई करनी होगी."

(पीटीआई-भाषा)

मांड्या : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने गुरुवार को कर्नाटक के मंत्री सी एन अश्वथ नारायण पर लोगों को उन्हें ‘मार डालने’ के लिए उकसाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. सिद्धरमैया ने नारायण के इस बयान पर आपत्ति जतायी कि उनका (सिद्धरमैया का) 18वीं सदी के तत्कालीन मैसूरु साम्राज्य के शासक टीपू सुल्तान की तरह 'परास्त कर उनके जैसा ही अंजाम होना चाहिए.' उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से नारायण को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करके उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया, नारायण द्वारा मांड्या में हाल में की गई उस टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने, उन्हें (सिद्धरमैया) निशाना बनाया था. नारायण ने कहा था, "टीपू का बेटा सिद्धारमैया आएगा... आप टीपू को चाहते हैं या सावरकर को? हमें टीपू सुल्तान को कहां भेजना चाहिए? उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा ने क्या किया? उसी तरह उन्हें भी बाहर कर दिया जाना चाहिए और भेज दिया जाना चाहिए."

पुराने मैसूर क्षेत्र में एक वर्ग का दावा है कि टीपू की मृत्यु अंग्रेजों से लड़ते हुए नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें दो वोक्कालिगा सरदारों उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा द्वारा मारा गया था. हालांकि कुछ इतिहासकार इससे असहमति जताते हैं. नारायण ने कहा कि उनका बयान व्यक्तिगत रूप से सिद्धारमैया के संबंध में नहीं था और यदि कांग्रेस विधायक दल के नेता आहत हुए हैं, तो वह खेद व्यक्त करेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मतलब केवल चुनावी रूप से हराना है और कोई शारीरिक नुकसान पहुंचाना नहीं है, जैसी कि गलत व्याख्या की जा रही है.

  • I know Kannadigas are enraged by mentally unstable @drashwathcn's appeal to kill me, but I request everyone not to harm him.

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सिद्धरमैया ने कहा, "उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण ने लोगों से उसी तरह मुझे भी मार डालने की अपील की है कि जिस तरह टीपू को मारा गया था. अश्वथ नारायण, आप लोगों को भड़काने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? खुद क्यों नहीं बदूंक उठा लेते." पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कई ट्वीट में मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया जिन्होंने लोगों से मारने की खुले तौर पर अपील की है. सिद्धरमैया ने कहा कि इससे पता चलता है कि बोम्मई, गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और उनका 'अक्षम कैबिनेट सो रहा है और अश्वथ नारायण की बात से सहमति रखता है.'

सिद्धरमैया ने सवाल किया कि क्या गुजरात भाजपा की संस्कृति कर्नाटक भाजपा में भी समा गई है? उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2002 (गुजरात दंगों) की तरह अब भी चुप रहेंगे. उन्होंने कहा, "कन्नड़ लोग कभी भी कर्नाटक को गुजरात नहीं बनने देंगे." बोम्मई से नारायण को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और उन्हें गिरफ्तार करने का आग्रह करते हुए, सिद्धारमैया ने कहा, "यदि कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इसका मतलब केवल यह है कि भाजपा भड़काऊ बयान से सहमत है या उन्हें लगता है कि अश्वथ नारायण 'मानसिक रूप से अस्थिर' हो गए हैं."

बयान को तोड़-मरोड़ कर किया गया पेश: अश्वथ नारायण
बयान को लेकर विवादों में घिरने, विपक्षी दल के नेताओं, विशेष रूप से कांग्रेस के नेताओं द्वारा तीखी प्रतिक्रिया जताये जाने के बाद नारायण ने कहा कि उनके बयान की गलत व्याख्या करके पेश करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "लोग ऐसी चीजों को स्वीकार नहीं करेंगे. वह (सिद्धरमैया) वो हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री की तुलना ‘पिल्लै’ से की, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को ‘जोकर’ कहा, प्रधानमंत्री मोदी को ‘नरहन्थक’ (सामूहिक हत्यारा) कहा.... मैंने उनकी तरह कभी भी समाज को धर्म और जाति के नाम बांटने का प्रयास नहीं किया. मेरा आशय उन्हें केवल चुनाव में वोट के जरिए हराना था, व्यक्तिगत रूप से टिप्पणी करना या उन्हें शारीरिक रूप से कोई नुकसान पहुंचाना नहीं."

सिद्धारमैया ने हुबली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "नारायण के मंत्री बने रहने का कोई मतलब नहीं है, मैं राज्यपाल से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का अनुरोध करता हूं." वह नारायण के खेद जताने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. सिद्धरमैया ने दावा किया कि मंशा वोटों का ध्रुवीकरण करना है क्योंकि वे (भाजपा) चुनाव हारने से डरते हैं. उन्होंने कहा, "मैं कोई शिकायत दर्ज नहीं करूंगा, लेकिन यह एक उपयुक्त मामला है जिसमें पुलिस को अश्वथ नारायण के खिलाफ स्वत: कार्रवाई करनी होगी."

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Feb 16, 2023, 6:06 PM IST
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