नई दिल्ली : फर्जी जीएसटी बिल मामले में कर अधिकारियों ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की. देशभर में चलाए गए अभियान में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जीएसटी के खुफिया अधिकारियों ने एक महिला को भी गिरफ्तार किया है.
वित्त मंत्रालय ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि फर्जी चालान जारी कर फर्जी फर्मों को चलाने में शामिल चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक सिंघल को गिरफ्तार किया गया है.
सूत्रों के अनुसार सीजीएसटी जयपुर की जांच में सामने आया कि सीए अभिषेक सिंघल तीन फर्जी फर्मों में शामिल थे, जो सामानों की वास्तविक आपूर्ति के बिना विविध वस्तुओं के नकली जीएसटी चालान तैयार कर रहे थे.
इस मामले के एक जानकार ने बताया कि, 'उन्होंने जांच के दौरान अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं किया, जिसके बाद उनके खिलाफ आर्थिक अपराध न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया गया, जहां उन्होंने बाद में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.' अभिषेक सिंघल 10 वें चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, जिन्हें जीएसटी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है. जीएसटी फर्जी बिल मामले में अब तक 329 लोग पकड़े जा चुके हैं.
329 लोग किया जा चुके गिरफ्तार
सूत्रों का कहना है कि अब तक गिरफ्तार किए गए 329 व्यक्तियों में चार लोगों पर COFEPOSA (विदेशी मुद्रा का संरक्षण और तस्करी की रोकथाम अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सूत्रों का कहना है कि 'जीएसटी खुफिया और सीजीएसटी अधिकारियों ने अब तक 9600 नकली जीएसटीआईएन संस्थाओं के खिलाफ 3200 से अधिक मामले दर्ज किए हैं. इसके अलावा, अधिकारियों ने इन धोखेबाजों से 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बरामद किए हैं.'
अब तक 10 सीए गिरफ्तार
कर अधिकारियों के अनुसार अब तक गिरफ्तार किए गए 329 अपराधियों में से 131 मास्टरमाइंड, 113 प्रोपराइटर, 46 डायरेक्टर या मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. इनमें 5 अपराधी तो अपनी कंपनियों के सीईओ, सीएफओ या सीएमडी थे.
अधिकारियों ने अब तक 10 चार्टर्ड अकाउंटेंट, 4 अकाउंटेंट और एक-एक कंपनी सेक्रेटरी, ब्रोकर और जीएसटी प्रैक्टिशनर को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्तियों में फर्जी संस्था के संचालक और अंतिम लाभार्थी शामिल हैं, जो इन जालसाजों के साथ मिलकर नकली चालान का कारोबार करते हैं. प्रौद्योगिकी ने जीएसटी पारिस्थितिकी तंत्र और खुफिया अधिकारियों को इन नकली संस्थाओं की परत-दर-परत गतिविधियों की पहचान करने में सक्षम बनाया है.
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सूत्रों के अनुसार जीएसटी अधिकारी धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाने के लिए गहरी डेटा एनालिटिक्स, एकीकृत डेटा-शेयरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग कर रहे हैं.
बढ़ रहा कर संग्रह
देशभर में जीएसटी अधिकारी जो अभियान चला रहे हैं उसका ही नतीजा है कि इस बार जीएसटी संग्रह ने रिकॉर्ड तोड़ा था.जीएसटी संग्रह ने दिसंबर में 1.15 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड स्तर और जनवरी में 1.20 लाख करोड़ रुपये का स्तर छू लिया. कर अधिकारियों को उम्मीद है कि फरवरी 2021 के महीने में भी इसी तरह के उच्च संग्रह की प्रवृत्ति जारी रहेगी.