नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने शुक्रवार को तीस हजारी अदालत परिसर में पिछले हफ्ते हुई झड़प में एक महिला पुलिस अधिकारी पर कथित हमले की तुरंत जांच की मांग की. शनिवार को हुई हिंसा में कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गये थे.
एक महिला अधिकारी पर कथित हमले के बारे में मीडिया में आयी खबरों का संज्ञान लेते हुए एनसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखा. पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा कि सामने आया ऑडियो और 1.40 मिनट का वीडियो इस मामले की पुष्टि करते हैं.
इस घटना के बाद हमले का शिकार हुई महिला पुलिस अधिकारी, मोनिका भारद्वाज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह परिस्थिति भीड़ को संभालने वाली थी. मैं वहां जिला डीसीपी के तौर पर मौजूद थी. कानूनी कार्रवाई के आदेश अदालत ने दे दिए हैं. मैं अपना बयान जांच प्रक्रिया के दौरान ही दूंगी. आप सभी के सदभाव के लिए धन्यवाद. बता दें कि मोनिका उत्तरी दिल्ली की डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) हैं.
आयोग ने एक अन्य पत्र में बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इस घटना में लिप्त वकीलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है.
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा, 'वीडियो में महिला अधिकारी उस समय मुश्किल स्थिति में दिख रही हैं, जब वकीलों का एक समूह उनका कॉलर पकड़ने का प्रयास करते हुए हमला करता है.'
उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से अधिकारी को 'बचाकर' बाहर निकाला गया. शर्मा ने कहा कि आयोग इस घटना की कड़ी निंदा करता है और मामले की सघन जांच का आग्रह करता है.
उन्होंने कहा, 'इसलिए मैं आपसे यथाशीघ्र उपयुक्त कार्रवाई के लिए मामले की जांच के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध करती हूं.'
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आयोग ने पुलिस से इस मामले में सात दिनों के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने सिफारिश की है कि इस मामले की स्वतंत्र जांच करायी जाए.
बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा को लिखे पत्र में एनसीडब्ल्यू ने कहा कि महिला पुलिस अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार और उन पर हमले में लिप्त वकीलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.