नई दिल्ली: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश की अध्यक्षता में कोविड-19 महामारी पर वायु प्रदूषण के प्रभाव पर चर्चा की. समिति ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार के उठाए गए उपायों पर भी ध्यान दिया.
हमारे ध्यान में हैं सरकार के उठाए गए कदम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्ववीट करते हुए लिखा कि गुरुवार को, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी स्थायी समिति ने स्वास्थ्य, पर्यावरण और शहरी मामलों के मंत्रालयों के साथ मिलकर COVID-19 और वायु प्रदूषण पर चर्चा की. हम जल्द ही फिर से मिलेंगे." वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए स्थायी समिति के एक सदस्य ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार के उठाए गए कदम हमारे ध्यान में हैं. हम चाहते हैं कि प्रदूषण का स्तर इस स्तर तक कम हो जाए कि नागरिकों का स्वास्थ्य बिल्कुल भी प्रभावित ना हो.
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Today the Standing Committee on Science and Technology, Environment, Forests and Climate Change met with Ministries of Health, Environment and Urban Affairs to discuss Covid-19 and air pollution. We will be meeting again soon. pic.twitter.com/FuZ1EaDWgN
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बढ़ गई चिंता
स्थाई समिति के सदस्य ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप की वजह से वायु प्रदूषण में वृद्धि से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है कि यह मौजूदा स्थिति को कितना बढ़ा सकता है और श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है. हालांकि, वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के कार्यान्वयन सहित केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न पहल की गई है.
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सरकार के कदमों से संतुष्ट हैं स्थाई समिति के सदस्य
सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में और क्या ये वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए प्रभावी होंगे इस पर स्थायी समिति के सदस्य ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है. हम सैद्धांतिक रूप से संतुष्ट हैं, लेकिन हमें यह देखने की जरूरत है कि व्यावहारिक रूप से क्या हो रहा है. सरकार को इन कदमों को लागू करना होगा और हमारा सवाल यह है कि प्रदूषण इस स्तर तक नीचे चला गया है कि यह नागरिकों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित नहीं करता है क्योंकि कोविड -19 और कई अन्य स्वास्थ्य खतरे प्रदूषण से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं.
304 तक पहुंच गया दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स
बता दें, विज्ञान मंत्रालय के SAFAR ऐप के अनुसार सोमवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 304 तक पहुंच गया था. जो बहुत खराब था. वहीं, यह उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार तक यह 321 तक पहुंच जाएगा. स्थाई समिति के सदस्य ने कहा कि पराली जलाने के मामले पहले ही 7 हजार का आकड़ा पार कर चुके थे. पिछले दो वर्षों के तुलना में इस वर्ष मामलों की संख्या अधिक है. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने भी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा तैयार किए गए एक स्टब डीकंपोजर का सुझाव दिया है, ताकि पराली जलाने की प्रक्रिया को दूर किया जा सके.