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कश्मीरियों के पास देश के अन्य नागरिकों के समान अधिकार होने चाहिए : सारा अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने कहा कि सारे कश्मीरियों के पास देश के अन्य नागरिकों के समान अधिकार होने चाहिए.

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सारा अब्दुल्ला
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Published : Feb 15, 2020, 2:02 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 10:15 AM IST

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने शुक्रवार को कहा कि सारे कश्मीरियों के पास देश के अन्य नागरिकों के समान अधिकार होने चाहिए.

उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका पर हुई सुनवाई के बाद यहां संवाददाताओं से बात करते हुए सारा ने कहा कि उन्हें जल्दी सुनवाई की उम्मीद है क्योंकि मामला बंदी प्रत्यक्षीकरण का है.

उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को न्याय व्यवस्था में पूरा विश्वास है.

उन्होंने कहा, 'हम यहां इसलिए हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि सभी कश्मीरियों को भारत के सभी नागरिकों के समान अधिकार मिलना चाहिए और हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं.'

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने उमर अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि इसपर दो मार्च को सुनवाई होगी.

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने शुक्रवार को कहा कि सारे कश्मीरियों के पास देश के अन्य नागरिकों के समान अधिकार होने चाहिए.

उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका पर हुई सुनवाई के बाद यहां संवाददाताओं से बात करते हुए सारा ने कहा कि उन्हें जल्दी सुनवाई की उम्मीद है क्योंकि मामला बंदी प्रत्यक्षीकरण का है.

उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को न्याय व्यवस्था में पूरा विश्वास है.

उन्होंने कहा, 'हम यहां इसलिए हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि सभी कश्मीरियों को भारत के सभी नागरिकों के समान अधिकार मिलना चाहिए और हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं.'

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने उमर अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि इसपर दो मार्च को सुनवाई होगी.

यह भी पढ़ें-जम्मू कश्मीर के करीब 250 मुस्लिम परिवार करेंगे धर्म परिवर्तन, जानिए वजह

Last Updated : Mar 1, 2020, 10:15 AM IST
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