नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि उसने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से छूट गये ऐसे बच्चों को अंतिम फैसला आने तक डिटेंशन सेंटर में नहीं भेजने का फैसला किया है, जिनके माता-पिता को इस सूची में रखा गया है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि एनआरसी के मसौदे से छूट गए बच्चों के लिए दावों और आपत्तियों के निस्तारण की मानक परिचालन प्रक्रियाओं में विशेष प्रावधान हैं.
नित्यानंद ने कहा, 'भारत के अटॉर्नी जनरल ने छह जनवरी, 2020 को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि असम में एनआरसी में शामिल माता-पिता के बच्चों को उनसे अलग नहीं किया जाएगा और उन्हें डिटेंशन सेंटर में नहीं भेजा जाएगा, जब तक कि आवेदन पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता.'
गौरतलब है कि असम में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एनआरसी की प्रक्रिया की गई थी और अगस्त 2019 में प्रकाशित अंतिम सूची में करीब 19 लाख लोगों को जगह नहीं मिली थी.