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फ्रांस की रक्षा मंत्री बोलीं- राफेल से भारत को मिलेगी बढ़त

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Published : Sep 10, 2020, 8:16 PM IST

फ्रांस की रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के लिए राफेल लड़ाकू विमान को शामिल करने से समूचे क्षेत्र में बढ़त मिलेगी. अंबाला वायुसेना अड्डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में पांच राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है.

फ्रांस की रक्षा मंत्री
फ्रांस की रक्षा मंत्री

अंबाला : फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल लड़ाकू विमानों के शामिल होने के बाद भारत को अपने लोगों की रक्षा करने में समूचे क्षेत्र पर बढ़त मिलेगी. पार्ली ने विमानों को वायुसेना में शामिल करने के कार्यक्रम को दोनों देशों के बीच रिश्तों की मजबूती का प्रतीक बताया.

भारतीय वायुसेना में पांच राफेल विमानों को शामिल करने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पार्ली ने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देश रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं. भारत को 36 राफेल विमानों की आपूर्ति करने वाले कार्यक्रम के कई मायने हैं.

पार्ली ने कहा कि सैन्य संदर्भ में देखें तो इसका अर्थ है कि भारत विश्व स्तरीय क्षमता हासिल कर लेगा, जो सचमुच दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक होगी और आपकी वायुसेना को अविश्वसनीय संप्रभुता संपन्न अस्त्र देगा. राफेल का साहित्यिक अर्थ आंधी का झोंका या आग का गोला है. दोनों ही शब्द विश्वसनीय क्षमता को व्यक्त करते हैं. यह दोनों देशों के बीच के मजबूत रिश्तों का एक प्रतीक भी है. उन्होंने भारत की मेक इन इंडिया योजना के लिए फ्रांस के समर्थन को भी व्यक्त किया.

पढ़ें- राफेल इंडक्शन समारोह में स्वदेशी विमान तेजस व सारंग का शौर्य, देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि हम मेक इन इंडिया पहल के साथ-साथ अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारतीय विनिर्माताओं को आगे भी शामिल करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि कई साल से फ्रांस के उद्योग के लिए मेक इन इंडिया एक वास्तविकता रही है, खासकर पनडुब्बियों जैसे रक्षा उपकरणों में. फ्रांस की कई कंपनियां और डिजाइन कार्यालय अब भारत में स्थापित हो गए हैं. अब मुझे उम्मीद है कि अन्य भी अपने समर्थन और सेवा की पेशकश करने के लिए आएंगे. बाद में अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पार्ली ने कहा कि इस कार्यक्रम ने 1998 में हुई रणनीतिक साझेदारी में एक कदम आगे बढ़ाया है.

रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी साझा मूल्यों और मित्रता पर आधारित है जो कई दशकों में विकसित हुई है. भारत की आजादी से ही दोनों लोकतंत्र बहुत करीब से सहयोग कर रहे हैं. फ्रांस अच्छे और बुरे वक्त में भारत के साथ खड़ा रहा है.

फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने कोविड-19 स्वास्थ्य संकट का प्रबंधन करने में एक दूसरे की मदद करके एकजुटता दिखाई है. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जब फ्रांस में महामारी अपने चरम पर थी तब भारत ने जरूरी दवाएं भेजकर हमारी मदद की थी. पार्ली ने कहा कि फ्रांस ने आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए हाल में चिकित्सा उपकरण भारत भेजे हैं.

पढ़ें- सीमा पर बन रहे माहौल के बीच वायुसेना के लिए राफेल गेमचेंजर : रक्षा मंत्री

उन्होंने कहा आप यहां जो राफेल देख रहे हैं यह उस मार्ग का व्यवहारिक प्रतीक है, जो हमने मिलकर तय किया और जो हमारे रिश्तों का उत्साह और ताकत है. पार्ली ने कहा कि भारतीय पायलट नियमित रूप से हमारे वायु सेना और नौसेना के पायलटों के साथ प्रशिक्षण लेते हैं. अगले साल प्रशिक्षण अभ्यास में भारतीय राफेल विमानों को दोनों तरफ से उड़ते हुए देखकर हमें गर्व होगा.

फ्रांस की मंत्री ने कहा कि रणनीतिक सहयोग अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है क्योंकि दोनों देश समान तरीके से सहयोग करते हैं और हमारी सामरिक स्वायत्तता और संप्रभुता का बहुत सम्मान करते हैं. पार्ली ने कहा कि दोनों देशों की समुद्री सुरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता को संरक्षित करने के साझे लक्ष्य हैं.

उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को बेहतरीन, ठोस और महत्त्वाकांक्षी बताया और कहा कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी महामारी के बाद के परिदृश्य में और भी अधिक महत्वपूर्ण होगी.

उन्होंने कहा मुझे यकीन है कि हम इस मौजूदा चुनौती से उबरेंगे. गौतरलब है कि भारतीय वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमानों को शामिल किए जाने के इस समारोह में पारंपरिक सर्व धर्म पूजा की गई. इस अवसर पर पानी की बौछारों से फ्रांस निर्मित नए जेट को सलामी दी गई और विमानों ने दिल थाम देने वाले कई करतब दिखाए.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आरके.एस भदौरिया समेत कई अन्य पदाधिकारी इस समारोह में शामिल हुए. पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को भारत पहुंचा था. इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 36 विमानों की खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

अंबाला : फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल लड़ाकू विमानों के शामिल होने के बाद भारत को अपने लोगों की रक्षा करने में समूचे क्षेत्र पर बढ़त मिलेगी. पार्ली ने विमानों को वायुसेना में शामिल करने के कार्यक्रम को दोनों देशों के बीच रिश्तों की मजबूती का प्रतीक बताया.

भारतीय वायुसेना में पांच राफेल विमानों को शामिल करने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पार्ली ने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों देश रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं. भारत को 36 राफेल विमानों की आपूर्ति करने वाले कार्यक्रम के कई मायने हैं.

पार्ली ने कहा कि सैन्य संदर्भ में देखें तो इसका अर्थ है कि भारत विश्व स्तरीय क्षमता हासिल कर लेगा, जो सचमुच दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक होगी और आपकी वायुसेना को अविश्वसनीय संप्रभुता संपन्न अस्त्र देगा. राफेल का साहित्यिक अर्थ आंधी का झोंका या आग का गोला है. दोनों ही शब्द विश्वसनीय क्षमता को व्यक्त करते हैं. यह दोनों देशों के बीच के मजबूत रिश्तों का एक प्रतीक भी है. उन्होंने भारत की मेक इन इंडिया योजना के लिए फ्रांस के समर्थन को भी व्यक्त किया.

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उन्होंने कहा कि हम मेक इन इंडिया पहल के साथ-साथ अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारतीय विनिर्माताओं को आगे भी शामिल करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि कई साल से फ्रांस के उद्योग के लिए मेक इन इंडिया एक वास्तविकता रही है, खासकर पनडुब्बियों जैसे रक्षा उपकरणों में. फ्रांस की कई कंपनियां और डिजाइन कार्यालय अब भारत में स्थापित हो गए हैं. अब मुझे उम्मीद है कि अन्य भी अपने समर्थन और सेवा की पेशकश करने के लिए आएंगे. बाद में अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पार्ली ने कहा कि इस कार्यक्रम ने 1998 में हुई रणनीतिक साझेदारी में एक कदम आगे बढ़ाया है.

रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी साझा मूल्यों और मित्रता पर आधारित है जो कई दशकों में विकसित हुई है. भारत की आजादी से ही दोनों लोकतंत्र बहुत करीब से सहयोग कर रहे हैं. फ्रांस अच्छे और बुरे वक्त में भारत के साथ खड़ा रहा है.

फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने कोविड-19 स्वास्थ्य संकट का प्रबंधन करने में एक दूसरे की मदद करके एकजुटता दिखाई है. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जब फ्रांस में महामारी अपने चरम पर थी तब भारत ने जरूरी दवाएं भेजकर हमारी मदद की थी. पार्ली ने कहा कि फ्रांस ने आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए हाल में चिकित्सा उपकरण भारत भेजे हैं.

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उन्होंने कहा आप यहां जो राफेल देख रहे हैं यह उस मार्ग का व्यवहारिक प्रतीक है, जो हमने मिलकर तय किया और जो हमारे रिश्तों का उत्साह और ताकत है. पार्ली ने कहा कि भारतीय पायलट नियमित रूप से हमारे वायु सेना और नौसेना के पायलटों के साथ प्रशिक्षण लेते हैं. अगले साल प्रशिक्षण अभ्यास में भारतीय राफेल विमानों को दोनों तरफ से उड़ते हुए देखकर हमें गर्व होगा.

फ्रांस की मंत्री ने कहा कि रणनीतिक सहयोग अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है क्योंकि दोनों देश समान तरीके से सहयोग करते हैं और हमारी सामरिक स्वायत्तता और संप्रभुता का बहुत सम्मान करते हैं. पार्ली ने कहा कि दोनों देशों की समुद्री सुरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता को संरक्षित करने के साझे लक्ष्य हैं.

उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को बेहतरीन, ठोस और महत्त्वाकांक्षी बताया और कहा कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी महामारी के बाद के परिदृश्य में और भी अधिक महत्वपूर्ण होगी.

उन्होंने कहा मुझे यकीन है कि हम इस मौजूदा चुनौती से उबरेंगे. गौतरलब है कि भारतीय वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमानों को शामिल किए जाने के इस समारोह में पारंपरिक सर्व धर्म पूजा की गई. इस अवसर पर पानी की बौछारों से फ्रांस निर्मित नए जेट को सलामी दी गई और विमानों ने दिल थाम देने वाले कई करतब दिखाए.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आरके.एस भदौरिया समेत कई अन्य पदाधिकारी इस समारोह में शामिल हुए. पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को भारत पहुंचा था. इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 36 विमानों की खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

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