नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मणिपुर जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी. इस परियोजना के तहत मणिपुर के 16 जिलों के 2,80,756 परिवारों के घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना संकट काल में भी देश रुका नहीं है, देश थमा नहीं है और देश थका नहीं है. जबतक वैक्सीन नहीं आती है, हमें मजबूती से लड़ते रहना है.
उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है, क्योंकि अब पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है. पूर्व के जीवन के लिए, साथ ही साथ एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है. इसके लिए राजमार्ग हो, रेलवे ट्रैक बिछाना हो या फिर हवाई अड्डों को अद्यतन करना हो, सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में संपर्क बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधारशिला रखने का कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पैदा हुए संकट के दौरान भी देश में काम बंद नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि टीका विकसित होने तक हमें करोना वायरस संक्रमण से पूरी ताकत के साथ लड़ना है साथ ही विकास कार्यों को भी पूरी ताकत से आगे बढ़ाना है.
बाह्य स्रोतों से वित्त पोषित मणिपुर जलापूर्ति परियोजना कुछ इस तरह से तैयार की गई है जिससे कि ग्रेटर इम्फाल योजना क्षेत्र, 25 कस्बों और 1731 ग्रामीण बस्तियों के शेष बचे परिवारों को ताजा जल के घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) मुहैया कराए जा सकें.
बयान में कहा गया, 'इस तरह से यह परियोजना मणिपुर के 16 जिलों के 2,80,756 परिवारों को कवर कर लेगी.'
भारत में लगभग 19 करोड़ परिवार हैं. इनमें से केवल 24 फीसद के पास ही एफएचटीसी हैं. मिशन का उद्देश्य राज्य सरकारों, पंचायती राज संस्थानों और स्थानीय समुदायों सहित सभी हितधारकों की साझेदारी के जरिए 14,33,21,049 परिवारों को एफएचटीसी मुहैया कराना है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि मणिपुर जलापूर्ति परियोजना वर्ष 2024 तक हर घर जल के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के ठोस प्रयासों का एक महत्वपूर्ण घटक है.
परियोजना का परिव्यय न्यू डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित ऋण घटक के साथ लगभग 3054.58 करोड़ रुपये है.
केंद्र सरकार ने 1,42,749 परिवारों वाली 1,185 बस्तियों को कवर करने के उद्देश्य से एफएचटीसी के लिए मणिपुर को जल जीवन मिशन के तहत धनराशि उपलब्ध कराई है. मणिपुर सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग से प्राप्त धनराशि सहित वित्त पोषण के अतिरिक्त स्रोतों के जरिए शेष परिवारों को कवर करने की योजना बनाई है.
भारत सरकार ने हर घर जल के मूल मंत्र के साथ वर्ष 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की है.
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इस कार्यक्रम के तहत अनिवार्य घटक के रूप में जल स्रोतों का स्थायित्व सुनिश्चित करने संबंधी उपायों को भी लागू किया जाता है जिनमें धूसर जल के प्रबंधन के जरिए पुनर्भरण एवं पुन: उपयोग, जल संरक्षण, वर्षा जल का संचयन, इत्यादि शामिल हैं.
जल जीवन मिशन दरअसल जल के लिए सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें मिशन के प्रमुख घटकों के रूप में व्यापक सूचनाएं, शिक्षा और संचार शामिल हैं. यह मिशन जल के लिए एक जन आंदोलन का माहौल बनाने और इस तरह से इसे हर किसी की प्राथमिकता बनाए जाने के पक्ष में है.