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राज्यसभा सदस्य के रूप में आज शपथ लेंगे पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई

ranjan gogoi
रंजन गोगोई.
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Published : Mar 18, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Mar 19, 2020, 12:07 AM IST

19:58 March 18

रंजन गोगोई के कार्यकाल पर एक नजर

ईटीवी भारत रिपोर्ट

नई दिल्ली : देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई आज दिन में 11 बजे राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया है. पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पिछले वर्ष 17 नवम्बर को सेवानिवृत्त हुए थे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दशकों से चले आ रहे राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. करीब 13 महीनों तक चीफ जस्टिस रहे गोगोई ने रिटायरमेंट से पहले कई अहम फैसले सुनाये थे.

उन्होंने मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के दायरे में लाने, सबरीमाला मंदिर और राफेल लड़ाकू विमान सौदा पर फैसला दिया था. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 47 फैसले दिए.

न्यायपालिका की स्वतंत्रता के पक्षधर रहे गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट में करीब सात सालों तक अपनी सेवाएं दीं. इसमें बतौर मुख्य न्यायाधीश एक साल से अधिक समय का कार्यकाल भी शामिल है. बीते 17 नवम्बर को सेवानिवृत्त हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने 15 नवम्बर को आखिरी बार सुप्रीम कोर्ट में बेंच की अध्यक्षता की थी.

बता दें कि राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किए जाते हैं. ये सदस्य अलग-अलग क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियां होती हैं.

गोगोई को नहीं स्वीकारनी चाहिए राज्यसभा की सदस्यता : पूर्व कानून मंत्री

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे रंगनाथ मिश्रा भी राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. रंगनाथ मिश्रा सितंबर 1990 से नवम्बर 1991 तक देश के मुख्य न्यायाधीश रह चुके थे. उन्हें कांग्रेस ने 1998 में ओडिशा से राज्यसभा के लिए चुना था.

19:58 March 18

रंजन गोगोई के कार्यकाल पर एक नजर

ईटीवी भारत रिपोर्ट

नई दिल्ली : देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई आज दिन में 11 बजे राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया है. पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पिछले वर्ष 17 नवम्बर को सेवानिवृत्त हुए थे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दशकों से चले आ रहे राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. करीब 13 महीनों तक चीफ जस्टिस रहे गोगोई ने रिटायरमेंट से पहले कई अहम फैसले सुनाये थे.

उन्होंने मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के दायरे में लाने, सबरीमाला मंदिर और राफेल लड़ाकू विमान सौदा पर फैसला दिया था. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 47 फैसले दिए.

न्यायपालिका की स्वतंत्रता के पक्षधर रहे गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट में करीब सात सालों तक अपनी सेवाएं दीं. इसमें बतौर मुख्य न्यायाधीश एक साल से अधिक समय का कार्यकाल भी शामिल है. बीते 17 नवम्बर को सेवानिवृत्त हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने 15 नवम्बर को आखिरी बार सुप्रीम कोर्ट में बेंच की अध्यक्षता की थी.

बता दें कि राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किए जाते हैं. ये सदस्य अलग-अलग क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियां होती हैं.

गोगोई को नहीं स्वीकारनी चाहिए राज्यसभा की सदस्यता : पूर्व कानून मंत्री

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे रंगनाथ मिश्रा भी राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. रंगनाथ मिश्रा सितंबर 1990 से नवम्बर 1991 तक देश के मुख्य न्यायाधीश रह चुके थे. उन्हें कांग्रेस ने 1998 में ओडिशा से राज्यसभा के लिए चुना था.

Last Updated : Mar 19, 2020, 12:07 AM IST
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