मुंबई : महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि पुलिस उस महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी, जिसने यहां 'फ्री कश्मीर' (कश्मीर मुक्त करो) की तख्ती के साथ विरोध प्रदर्शन किया था.
देशमुख ने कहा कि यदि महिला का इरादा घाटी को वर्तमान स्थिति से मुक्ति दिलाने का था तो ऐसा करना 'भारत विरोधी' कार्य नहीं कहा जा सकता.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले जेएनयू हमले के खिलाफ यहां हुए विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए महक प्रभु नामक महिला ने 'फ्री कश्मीर' (कश्मीर मुक्त करो) की तख्ती दिखाई थी.
इस घटना ने जनता का ध्यान खींचा था और पुलिस भी हरकत में आ गई थी. बाद में पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया था. हालांकि प्रभु ने इसके लिए माफी मांग ली थी, लेकिन कोलाबा पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता 153बी के तहत मामला दर्ज कर लिया था.
'फ्री कश्मीर' मामले के बारे में पूछे जाने पर देशमुख ने कहा, 'हमने उस महिला का वाट्सएप संदेश देखा था, जिसमें उसने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में कोई इंटरनेट, मोबाइल सेवा नहीं है और विपक्षी नेता वहां गिरफ्तार हैं. क्या वह इस स्थिति से आजादी चाहती थी, उसका यह भी इरादा हो सकता था.'
देशमुख ने कहा कि शुरुआत में गृह विभाग ने सोचा होगा कि महिला का इरादा 'देश विरोधी' था.
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उन्होंने कहा, 'लेकिन हम इसकी भी जांच कर रहे हैं कि उसका कोई और मकसद भी हो सकता है. अगर उसे लगता है कि कश्मीर को वर्तमान स्थिति से आजादी मिलनी चाहिए तो इसमें कोई बुराई नहीं है और यह राष्ट्र विरोधी कार्य नहीं है. अगर उसका इरादा राष्ट्र विरोधी नहीं है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई प्रश्न नहीं उठता है.'