नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने रविवार को देश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए दो टीकों के आपात उपयोग की मंजूरी दिए जाने को कोविड-19 के खिलाफ अभियान में एक निर्णायक मोड़ बताया.
उन्होंने कहा कि इस चुनौती को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों और उद्योग ने जिस गति से साथ मिलकर काम किया, वह 'आत्मानिर्भर भारत' की भावना और क्षमता को दर्शाता है.
भारत के औषधि नियामक डीसीजीआई ने रविवार को देश में सीमित आपात उपयोग के लिये सीरम इस्टीट्यूट द्वारा विनिर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीका कोविशील्ड तथा स्वदेश विनिर्मित भारत बॉयोटक की कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी. इससे बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान का रास्ता साफ हो गया है.
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A day of pride & inspiration for us all!
— NITI Aayog (@NITIAayog) January 3, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Today is a turning point in India's fight against Covid-19 as two Made-in-India vaccines get approval for emergency use: #NITIAayog Member & Chairman National Expert Group on Vaccine Administration Dr. VK Paulhttps://t.co/YSpYnEDRrg pic.twitter.com/Hen1knYpWZ
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नीति आयोग ने पॉल के हवाले से ट्विटर पर लिखा है, 'भारत के कोविड-19 के खिलाफ जारी अभियान में आज का दिन निर्णायक मोड़ है, क्योंकि भारत में बने दोनों टीकों को आपात उपयोग के लिए मंजूरी मिल गई है.' पॉल टीका प्रबंधन पर बने राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के चेयरमैन भी हैं.
इसमें कहा गया है, 'जिस गति के साथ हमारे वैज्ञानिक और उद्योग इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए एक साथ आए, वह आत्मनिर्भर भारत की भावना और क्षमता का प्रतीक है.'
डीसीजीआई ने दी है टीके को मंजूरी
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी प्रदान की है.
डीसीजीआई डॉ. वीजी सोमानी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'सीडीएससीओ ने पर्याप्त अध्ययन के बाद विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है और उसके अनुसार मेसर्स सीरम और मेसर्स भारत बायोटेक के टीकों के आपात स्थिति में सीमित उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की जा रही है.' इससे आने वाले दिनों में भारत में कम से कम दो टीकों के जारी होने का रास्ता साफ हो गया है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड के विनिर्माण के लिये एस्ट्राजेनका के साथ गठजोड़ किया है. वहीं कोवैक्सी का विकास भारत बॉयोटेक ने भारत चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर किया है.
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