नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल ने आतंकवाद को लेकर बयान दिया. डोभाल ने कहा कि आतंकियों के दबाव में रहने का कारण कहीं न कहीं FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) है.
डोभाल ने आतंकवाद को 'स्टेट स्पॉन्सर टेरेरिज्म' बताते हुए कहा कि हमें इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. एनआईए ने कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जो प्रभाव डाला है, वह किसी भी अन्य एजेंसी की तुलना में अधिक है.
पाकिस्तान पर कसा शिकंजा
डोभाल ने कहा, यदि किसी अपराधी को राज्य का समर्थन प्राप्त है, तो यह एक बड़ी चुनौती बन जाती है. कुछ राज्यों को इसमें महारत हासिल है, हमारे मामले में पाकिस्तान ने इसे अपनी राज्य नीति का एक साधन बना लिया है.
एफएटीएफ की बैठक पेरिस में
गौरतलब है कि एफएटीएफ की बैठक अभी पेरिस में जारी है. आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुखों की बैठक को संबोधित कर रहे डोभाल ने कहा कि पाकिस्तान पर सबसे अधिक दबाव एफएटीएफ के पदाधिकारी बना रहे हैं.
कोई देश युद्ध की हालत में नहीं
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कोई भी देश युद्ध करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि इसमें जानमाल का बड़ा नुकसान होगा और किसी की जीत भी सुनिश्चित नहीं होगी.
सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि पाकिस्तान देश की नीति के एक साधन के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है.
डोभाल ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद एक सस्ता विकल्प है जो दुश्मनों को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकता है.
क्या है एफएटीएफ
आपको बता दें, एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है. अंतरराष्ट्रीय वित्त प्रणाली की अखंडता को धनशोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण सहित पेश होने वाले अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने के लिए 1989 में इसकी स्थापना की गई थी.
NIA महानिदेशक ने क्या कहा
वहीं, एनआईए के महानिदेशक योगेश चंदर मोदी ने कहा किहाल ही में हमने देखा है कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMP) ने बिहार, महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं.
गौरतलब है कि संबंधित एजेंसियों के साथ 125 संदिग्धों के नाम साझा किए गए हैं.
NIA के उपनिदेशक का बयान
इससे पहले एनआईए उप महानिदेशक आलोक मित्तल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंक के वित्त पोषण के मुख्य मामले में, पेशेवर संगठनों और शीर्ष अलगाववादी नेताओं के प्रमुखों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें आरोपित किया गया है.
उन्होंने कहा कि इस मामले पर अभी तक किसी को भी जमानत नहीं मिली.
सीमा से हो रहा लगातार प्रयास
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में आतंकी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए सीमा पार से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. 8 मामलों में लक्षित हत्याओं के लिए 16 गिरफ्तार, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को शामिल पाया गया इसके लिए यूके, इटली, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया से फंड भेजे गए थे.
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मित्तल ने कहा कि न्याय के लिए सिखों की भारत विरोधी गतिविधियों पर आधारित ताजा मामला दर्ज किया गया, वह सोशल मीडिया पर एक अभियान चला रहे हैं और सिख युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले साल यूपी के शामली में गिरफ्तार 5 लोगों ने स्वीकार किया कि उन्हें 'रेफरेंडम 2020' प्रचार के जरिए कट्टरपंथी बनाया गया.