नई दिल्ली: लॉ एसोसिएशन फॉर एशिया एंड द पैसेफिक (लॉएशिया) सम्मेलन के समापन समारोह में अपने भाषण में नायडू ने कहा कि हिंसा मानवाधिकारों के उल्लंघन का “सबसे खराब रूप” है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांति स्थापित करने की दिशा में काम करने की अपील की.
नायडू ने कहा, “हिंसा मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे खराब रूप है क्योंकि लोकतंत्र असल में व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों का संरक्षण है. विडम्बना है कि कुछ कार्यकर्ता समूह मानवाधिकारों के प्रति विरोधाभासी दृष्टिकोण रखते हैं. वे या तो हिंसक समूहों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन का बचाव करते हैं या चुप्पी साधे रखते हैं और राज्य द्वारा कानून के पालन एवं शांति को बढ़ाने के लिए की गई कड़ी कार्रवाई की निंदा करने के लिए तैयार रहते हैं.”