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संगीत मार्तंड पंडित जसराज का निधन अपूरणीय क्षति, देखें स्मृतियां

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Published : Aug 17, 2020, 7:16 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 10:03 PM IST

पंडित जसराज का निधन संगीत की अपूरणीय क्षति है. कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद से 90 वर्षीय पंडित जसराज न्यूजर्सी में ही थे. उन्होंने आज सुबह आखिरी सांस ली. उनकी बेटी दुर्गा जसराज ने भाषा को यह जानकारी दी. उनके परिवार में दुर्गा के अलावा पत्नी मधुरा के अलावा संगीतकार पुत्र शारंग देव हैं. मधुरा सुप्रसिद्ध फिल्मकार वी शांताराम की बेटी हैं. देखें पंडित जसराज की कुछ यादगार प्रस्तुतियां...

memories of pandit jasraj
memories of pandit jasraj

हैदराबाद : प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका में निधन हो गया. न्यूजर्सी में हृदयाघात के कारण पंडित जसराज का निधन हुआ. वह 90 वर्ष के थे. पंडित जसराज का निधन संगीत के चाहने वालों के लिए अपूरणीय क्षति है. पंडित जसराज की बेटी दुर्गा ने मुंबई में हैं. उन्होंने बताया,' बापूजी नहीं रहे.' इसके अलावा वह कुछ नहीं बोल सकीं.

मेवाती घराने के आखिरी मजबूत स्तंभ पंडित जसराज के परिवार ने एक बयान में कहा ,' बहुत दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी का अमेरिका के न्यूजर्सी में अपने आवास पर आज सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.'

उन्होंने कहा, 'हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान कृष्ण स्वर्ग के द्वार पर उनका स्वागत करें जहां वह अपना पसंदीदा भजन ' ओम नमो भगवते वासुदेवाय' उन्हें समर्पित करें. हम उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना करते हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'आपकी प्रार्थनाओं के लिये धन्यवाद. बापूजी जय हो.'

देखें पंडित जसराज की कुछ यादगार प्रस्तुतियां

पंडित जसराज की यादगार प्रस्तुति

पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी, 1930 को हुआ था. पंडित जसराज का संबंध मेवाती घराने से था. जसराज जब चार वर्ष के थे तभी उनके पिता पंडित मोतीराम का देहांत हो गया था और उनका पालन पोषण बड़े भाई पंडित मणिराम ने किया.

यह भी पढ़ें: पंडित जसराज के स्वर्गवास पर पीएम मोदी समेत पूरा देश शोक संतप्त

अपने आठ दशक से अधिक के संगीतमय सफर में पंडित जसराज को पद्म विभूषण (2000), पद्म भूषण (1990) और पद्मश्री (1975) जैसे सम्मान मिले . पिछले साल सितंबर में सौरमंडल में एक ग्रह का नाम उनके नाम पर रखा गया था और यह सम्मान पाने वाले वह पहले भारतीय कलाकार बने थे . इंटरनेशनल एस्ट्रोनामिकल यूनियन (आईएयू) ने 'माइनर प्लेनेट' 2006 वीपी 32 (नंबर 300128) का नामकरण पंडित जसराज के नाम पर किया था जिसकी खोज 11 नवंबर 2006 को की गई थी.

पंडित जसराज की यादगार प्रस्तुति

इस साल जनवरी में अपना 90वां जन्मदिन मनाने वाले पंडित जसराज ने नौ अप्रैल को हनुमान जयंती पर फेसबुक लाइव के जरिये वाराणसी के संकटमोचन हनुमान मंदिर के लिए दी थी.

इसके अलावा उन्होंने अपनी बेटी और प्रोड्यूसर दुर्गा की संगीतमय वेब सीरिज 'उत्साह' में भी भाग लिया था जो लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर आयोजित की जा रही है.

हैदराबाद : प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका में निधन हो गया. न्यूजर्सी में हृदयाघात के कारण पंडित जसराज का निधन हुआ. वह 90 वर्ष के थे. पंडित जसराज का निधन संगीत के चाहने वालों के लिए अपूरणीय क्षति है. पंडित जसराज की बेटी दुर्गा ने मुंबई में हैं. उन्होंने बताया,' बापूजी नहीं रहे.' इसके अलावा वह कुछ नहीं बोल सकीं.

मेवाती घराने के आखिरी मजबूत स्तंभ पंडित जसराज के परिवार ने एक बयान में कहा ,' बहुत दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी का अमेरिका के न्यूजर्सी में अपने आवास पर आज सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.'

उन्होंने कहा, 'हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान कृष्ण स्वर्ग के द्वार पर उनका स्वागत करें जहां वह अपना पसंदीदा भजन ' ओम नमो भगवते वासुदेवाय' उन्हें समर्पित करें. हम उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना करते हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'आपकी प्रार्थनाओं के लिये धन्यवाद. बापूजी जय हो.'

देखें पंडित जसराज की कुछ यादगार प्रस्तुतियां

पंडित जसराज की यादगार प्रस्तुति

पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी, 1930 को हुआ था. पंडित जसराज का संबंध मेवाती घराने से था. जसराज जब चार वर्ष के थे तभी उनके पिता पंडित मोतीराम का देहांत हो गया था और उनका पालन पोषण बड़े भाई पंडित मणिराम ने किया.

यह भी पढ़ें: पंडित जसराज के स्वर्गवास पर पीएम मोदी समेत पूरा देश शोक संतप्त

अपने आठ दशक से अधिक के संगीतमय सफर में पंडित जसराज को पद्म विभूषण (2000), पद्म भूषण (1990) और पद्मश्री (1975) जैसे सम्मान मिले . पिछले साल सितंबर में सौरमंडल में एक ग्रह का नाम उनके नाम पर रखा गया था और यह सम्मान पाने वाले वह पहले भारतीय कलाकार बने थे . इंटरनेशनल एस्ट्रोनामिकल यूनियन (आईएयू) ने 'माइनर प्लेनेट' 2006 वीपी 32 (नंबर 300128) का नामकरण पंडित जसराज के नाम पर किया था जिसकी खोज 11 नवंबर 2006 को की गई थी.

पंडित जसराज की यादगार प्रस्तुति

इस साल जनवरी में अपना 90वां जन्मदिन मनाने वाले पंडित जसराज ने नौ अप्रैल को हनुमान जयंती पर फेसबुक लाइव के जरिये वाराणसी के संकटमोचन हनुमान मंदिर के लिए दी थी.

इसके अलावा उन्होंने अपनी बेटी और प्रोड्यूसर दुर्गा की संगीतमय वेब सीरिज 'उत्साह' में भी भाग लिया था जो लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर आयोजित की जा रही है.

Last Updated : Aug 17, 2020, 10:03 PM IST
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