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राष्ट्रवाद और भारत माता के नारे का गलत इस्तेमाल हो रहा : डॉ. मनमोहन सिंह - प्रो. राधाकृष्ण

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के पहले प्रधानमंत्री दिवंगत पं. जवाहरलाल नेहरू के कार्यों व भाषणों जिक्र करते हुए कहा है कि देश में राष्ट्रवाद और भारत माता की जय के नारे का इस्तेमाल भारत की उग्र विशुद्ध भावनात्मक छवि गढ़ने में गतल रूप से किया जा रहा है, जो लाखों नागरिकों को अलग कर देता है.

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Published : Feb 22, 2020, 10:48 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 5:50 AM IST

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के पहले प्रधानमंत्री दिवंगत पं. जवाहरलाल नेहरू के कार्यों व भाषणों जिक्र करते हुए कहा कि देश में राष्ट्रवाद और भारत माता की जय के नारे का इस्तेमाल भारत की उग्र विशुद्ध भावनात्मक छवि गढ़ने में गतल रूप से किया जा रहा है, जो लाखों नागरिकों को अलग कर देता है. पूर्व पीएम ने जवाहरलाल नेहरू पर लिखी गई किताब की लॉन्चिंग के मौके पर यह बात कही.

पुरुषोत्तम अग्रवाल और राधा कृष्णा की किताब, 'हू इज भारत माता' की लॉन्चिंग पर कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के एक तबके के पास दुर्भाग्यवश न तो इतिहास पढ़ने का धैर्य है यह फिर वह अपने पूर्वाग्रह के अनुसार चलते हैं. नेहरू की छवि गलत रूप से दिखाने की कोशिश करते हैं.

डॉ. मनमोहन सिंह का बयान.

उन्होंने कहा कि पं नेहरू ने अस्थिरता के दौर में देख का नेतृत्व किया था. उनके नेतृत्व में ही देश ने सामाजिक, राजनीतिक मतभिन्नता को अपना कर लोकतंत्र का रास्तार अपनाया. अपने युग के महान दृष्ट्रा पंडित नेहरू को भारतीय धरोहर पर गर्व था और उसी विरासत से सूत्र लेकर उन्होंने आधुनिक भारत की आधारशिला रखी थी.

उन्होंने कहा कि आज भारत को जोशीले लोकतंत्र के समुदाय में गिना जाता है. इतना ही नहीं भारत को विश्व की एक बड़ी शक्ति भी माना जाता है, तो वह देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू थे, जिन्हें इसका मुख्य निर्माता माना जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पंडित नेहरु न केवल महान नेता थे बल्कि महान इतिहासकार, दार्शनिक और विद्वान थें. सिंह ने कहा कि कई भाषाओं के जानकार पंडित नेहरू ने आधुनिक भारत के अनेक विश्वविद्यालयों, और सांस्कृतिक संस्थानों की आधारशिला रखी.

पढ़ें : भाजपा ने पूछा- वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ने से कांग्रेस नाखुश क्यों

स्वतंत्रता के बाद देश को जो होना चाहिए वैसा अब तक नहीं हुआ. इस पुस्तक में प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल और प्रो. राधाकृष्ण ने नेहरू को सही परिपेक्ष्य में दिखाने का प्रयास किया है. इस पुस्तक में नेहरू की आत्मकथा सहित उनकी विभिन्न पुस्तकों के अंश, उनके भाषण और साक्षात्कार के अंश संकलित किये गए हैं.

मनमोहन ने नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत माता कौन है ? आप किसकी जीत चाहते हैं. पहाड़ों व नदियों, जंगलों और खेतों सभी के लिए प्यारे होते हैं, लेकिन उन्हें वास्तल में गिना जाता है वह देश के लोग हैं , जो विशाल भूम में हर तरफ फैले हुए हैं.

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के पहले प्रधानमंत्री दिवंगत पं. जवाहरलाल नेहरू के कार्यों व भाषणों जिक्र करते हुए कहा कि देश में राष्ट्रवाद और भारत माता की जय के नारे का इस्तेमाल भारत की उग्र विशुद्ध भावनात्मक छवि गढ़ने में गतल रूप से किया जा रहा है, जो लाखों नागरिकों को अलग कर देता है. पूर्व पीएम ने जवाहरलाल नेहरू पर लिखी गई किताब की लॉन्चिंग के मौके पर यह बात कही.

पुरुषोत्तम अग्रवाल और राधा कृष्णा की किताब, 'हू इज भारत माता' की लॉन्चिंग पर कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के एक तबके के पास दुर्भाग्यवश न तो इतिहास पढ़ने का धैर्य है यह फिर वह अपने पूर्वाग्रह के अनुसार चलते हैं. नेहरू की छवि गलत रूप से दिखाने की कोशिश करते हैं.

डॉ. मनमोहन सिंह का बयान.

उन्होंने कहा कि पं नेहरू ने अस्थिरता के दौर में देख का नेतृत्व किया था. उनके नेतृत्व में ही देश ने सामाजिक, राजनीतिक मतभिन्नता को अपना कर लोकतंत्र का रास्तार अपनाया. अपने युग के महान दृष्ट्रा पंडित नेहरू को भारतीय धरोहर पर गर्व था और उसी विरासत से सूत्र लेकर उन्होंने आधुनिक भारत की आधारशिला रखी थी.

उन्होंने कहा कि आज भारत को जोशीले लोकतंत्र के समुदाय में गिना जाता है. इतना ही नहीं भारत को विश्व की एक बड़ी शक्ति भी माना जाता है, तो वह देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू थे, जिन्हें इसका मुख्य निर्माता माना जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पंडित नेहरु न केवल महान नेता थे बल्कि महान इतिहासकार, दार्शनिक और विद्वान थें. सिंह ने कहा कि कई भाषाओं के जानकार पंडित नेहरू ने आधुनिक भारत के अनेक विश्वविद्यालयों, और सांस्कृतिक संस्थानों की आधारशिला रखी.

पढ़ें : भाजपा ने पूछा- वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ने से कांग्रेस नाखुश क्यों

स्वतंत्रता के बाद देश को जो होना चाहिए वैसा अब तक नहीं हुआ. इस पुस्तक में प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल और प्रो. राधाकृष्ण ने नेहरू को सही परिपेक्ष्य में दिखाने का प्रयास किया है. इस पुस्तक में नेहरू की आत्मकथा सहित उनकी विभिन्न पुस्तकों के अंश, उनके भाषण और साक्षात्कार के अंश संकलित किये गए हैं.

मनमोहन ने नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत माता कौन है ? आप किसकी जीत चाहते हैं. पहाड़ों व नदियों, जंगलों और खेतों सभी के लिए प्यारे होते हैं, लेकिन उन्हें वास्तल में गिना जाता है वह देश के लोग हैं , जो विशाल भूम में हर तरफ फैले हुए हैं.

Last Updated : Mar 2, 2020, 5:50 AM IST
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