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सीएम की मानहानि हो, ऐसी बयानबाजी न करें : महिला अधिकारी से मणिपुर हाईकोर्ट

मणिपुर में एक महिला अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर ड्रग डीलर को छोड़ने का दबाव डालने का आरोप लगाया था. जिसपर कोर्ट ने उसे सीएम एन बीरेन सिंह के खिलाफ किसी भी तरह का मानहानिकारक बयान नहीं देने का निर्देश दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Manipur HC direction to women police officer
मणिपुर हाईकोर्ट
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Published : Jul 23, 2020, 6:43 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 7:54 PM IST

इम्फाल : मणिपुर की एक अदालत ने एक महिला पुलिस अधिकारी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खिलाफ किसी भी तरह का 'निराधार और मानहानिकारक' बयान नहीं देने का निर्देश दिया है. अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर एक कथित ड्रग डीलर को छोड़ने के लिए उन पर दबाव डालने का आरोप लगाया था.

बुधवार को अपने आदेश में, दीवानी न्यायाधीश वाई समरजीत सिंह ने मणिपुर पुलिस सेवा की अधिकारी थौनाओजाम बृंदा और कुछ समाचार पत्रों सहित 10 अन्य प्रतिवादियों को मौखिक रूप से मानहानिकारक बयान देने, रिपोर्टिंग करने या प्रकाशित करने से बचने का निर्देश दिया है.

अदालत सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिकारी को उनके खिलाफ 'मानहानिकारक' बयान देने और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप से संबंधित सामग्री को मीडिया में प्रकाशित करने से रोकने का आदेश देने का आग्रह किया गया था.

पढ़ें - मणिपुर में कल से 14 दिनों के लिए लॉकडाउन का एलान

अखबारों ने वृंदा की ओर से दायर एक हलफनामे के आधार पर एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मुख्यमंत्री ने उन पर एक ड्रग रैकेट के कथित सरगना लुखोसेई जोउ को छोड़ने का दबाव डाला था.

इम्फाल : मणिपुर की एक अदालत ने एक महिला पुलिस अधिकारी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खिलाफ किसी भी तरह का 'निराधार और मानहानिकारक' बयान नहीं देने का निर्देश दिया है. अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर एक कथित ड्रग डीलर को छोड़ने के लिए उन पर दबाव डालने का आरोप लगाया था.

बुधवार को अपने आदेश में, दीवानी न्यायाधीश वाई समरजीत सिंह ने मणिपुर पुलिस सेवा की अधिकारी थौनाओजाम बृंदा और कुछ समाचार पत्रों सहित 10 अन्य प्रतिवादियों को मौखिक रूप से मानहानिकारक बयान देने, रिपोर्टिंग करने या प्रकाशित करने से बचने का निर्देश दिया है.

अदालत सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिकारी को उनके खिलाफ 'मानहानिकारक' बयान देने और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप से संबंधित सामग्री को मीडिया में प्रकाशित करने से रोकने का आदेश देने का आग्रह किया गया था.

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अखबारों ने वृंदा की ओर से दायर एक हलफनामे के आधार पर एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मुख्यमंत्री ने उन पर एक ड्रग रैकेट के कथित सरगना लुखोसेई जोउ को छोड़ने का दबाव डाला था.

Last Updated : Jul 23, 2020, 7:54 PM IST
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