नई दिल्ली : लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे आज प्रादेशिक सेना के पहले महानिदेशक बन गए. कमान संभालने के बाद उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया.
प्रादेशिक सेना यानी कि टेरिटोलियल आर्मी भारतीय सेना की ही एक ईकाई होती है. प्रादेशिक सेना में 18 से लेकर 42 वर्ष तक उम्र के भारतीय नागरिक भर्ती हो सकते हैं. इस सेना में सरकारी कर्मचारी और सामान्य श्रमिक भी भर्ती हो सकते हैं.
प्रादेशिक सेना नियमित भारतीय सेना के बाद दूसरी रक्षापंक्ति रही है. प्रादेशिक सेना के लिए यह अवधारणा काम करती है कि युद्ध के समय तैनाती के लिए इसका उपयोग हो सकेगा. प्रादेशिक सेना में शामिल होने वाले नागरिकों को कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वह सक्षम सैनिक बन सकें.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी टेरिटोरियल आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट में दो महीने ट्रेनिंग कर चुके हैं. इस दौरान वह लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर थे.
उनके अलावा राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी 2012 में टेरिटोरियल आर्मी के लेफ्टिनेंट बने थे.