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विधानसभा चुनावों में भाजपा एकजुट, आंतरिक कलह की अटकलें गलत : सुदेश वर्मा

तीन राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर भाजपा जमकर तैयारी कर रही है. इसी दौरान भाजपा में पदों को लेकर आंतरिक कलह की भी बाते सामने आ रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा
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Published : Sep 12, 2019, 11:53 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 9:58 AM IST

नई दिल्लीः आने वाले दिनों में तीन राज्यों- महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भाजपा इन चुनावों की तैयारियों में जुट गई है. हालांकि, बीजेपी ने पार्टी में आंतरिक कलह की बात खारिज कर दी है.

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के पद को लेकर खींचतान की खबरें सामने आई हैं. झारखंड में रघुवर दास और अर्जुन मुंडा के बीच आपसी खींचतान के अलावा महाराष्ट्र और हरियाणा में भी आपसी मतभेद की अटकलें हैं.

इन सवालों पर बीजेपी प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा कि पार्टी में इन फाइटिंग (अंदरुनी लड़ाई) कहना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से बीजेपी के पास चांस ज्यादा है. उन्होंने कहा कि हर कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने की इच्छा हो सकती है.

भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा की ईटीवी भारत से बातचीत

सुदेश वर्मा ने कहा कि बीजेपी का सक्रिय कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहता है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. सबकी महत्वाकांक्षा होती है, लेकिन टिकट सीमित है, इसलिए सभी लोगों को मौका नहीं मिल सकता. एक बार टिकट मिलने के बाद सभी लोग उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने लगते हैं.

पढ़ें-पीएम मोदी के जन्मदिन को 'सेवा सप्ताह' की तरह मनाएगी भाजपा

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर भी पार्टी के नेताओं में मुख्यमंत्री बनने की होड़ है. सूत्रों से पता चला कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस मसले ने निपटने की जिम्मेदारी सौंपी है.

इससे जुड़े सवाल पर सुदेश वर्मा ने कहा कि ये तो अच्छी बात है कि बीजेपी का हर कार्यकर्ता खुद को सीएम कैंडिडेट समझता है. ये हमारी पार्टी की क्षमता और मजबूती दिखाता है.

बकौल सुदेश वर्मा, जब तक पार्टी सीएम का नाम पार्टी प्रोजेक्ट नहीं करती, जिसे टिकट मिलेगा, वे चुनाव जीतेंगे और सीएम का नाम तय होगा और यही प्रक्रिया है.

नई दिल्लीः आने वाले दिनों में तीन राज्यों- महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भाजपा इन चुनावों की तैयारियों में जुट गई है. हालांकि, बीजेपी ने पार्टी में आंतरिक कलह की बात खारिज कर दी है.

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के पद को लेकर खींचतान की खबरें सामने आई हैं. झारखंड में रघुवर दास और अर्जुन मुंडा के बीच आपसी खींचतान के अलावा महाराष्ट्र और हरियाणा में भी आपसी मतभेद की अटकलें हैं.

इन सवालों पर बीजेपी प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा कि पार्टी में इन फाइटिंग (अंदरुनी लड़ाई) कहना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से बीजेपी के पास चांस ज्यादा है. उन्होंने कहा कि हर कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने की इच्छा हो सकती है.

भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा की ईटीवी भारत से बातचीत

सुदेश वर्मा ने कहा कि बीजेपी का सक्रिय कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहता है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. सबकी महत्वाकांक्षा होती है, लेकिन टिकट सीमित है, इसलिए सभी लोगों को मौका नहीं मिल सकता. एक बार टिकट मिलने के बाद सभी लोग उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने लगते हैं.

पढ़ें-पीएम मोदी के जन्मदिन को 'सेवा सप्ताह' की तरह मनाएगी भाजपा

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर भी पार्टी के नेताओं में मुख्यमंत्री बनने की होड़ है. सूत्रों से पता चला कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस मसले ने निपटने की जिम्मेदारी सौंपी है.

इससे जुड़े सवाल पर सुदेश वर्मा ने कहा कि ये तो अच्छी बात है कि बीजेपी का हर कार्यकर्ता खुद को सीएम कैंडिडेट समझता है. ये हमारी पार्टी की क्षमता और मजबूती दिखाता है.

बकौल सुदेश वर्मा, जब तक पार्टी सीएम का नाम पार्टी प्रोजेक्ट नहीं करती, जिसे टिकट मिलेगा, वे चुनाव जीतेंगे और सीएम का नाम तय होगा और यही प्रक्रिया है.

Intro:बीजेपी एक तरफ जहां महाराष्ट्र, हरयाणा,झारखंड और उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में जाने की तैयारी कर रही है वहीं अगले साल जनवरी-फरवरी माह में दिल्ली विधानसभा के चुनाव की तैयारी भी लगभग अभिषेक शुरू कर चुकी है मगर वहीं दूसरी तरफ पार्टी अलग-अलग राज्यों में चल रहे अंदरूनी कलह को लेकर भी परेशान है यहां तक कि कुछ राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष या फिर मुख्यमंत्री को लेकर खींचतान इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अगला मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन हो इस पर पार्टी के नेता टूटने तक को तैयार है मगर फिलहाल अंदर खाने आलाकमान ने इसे गंभीरता से लेते हुए फरमान जारी कर दिया है कि अगर किसी नेता ने भी इससे संबंधित कोई भी बाइट मीडिया में दी या मीडिया के सामने इस तरह की कोई भी बयान बाजी दिखी तो पार्टी ऐसे चुनाव के समय में उसे बक्से कि नहीं


Body:महाराष्ट्र में जहां पार्टी के अंदर ही अंदर दूसरी पार्टी से आ रहे हो विद्वानों को लेकर पार्टी के नेताओं में खलबली मची है वहीं झारखंड में रघुवर दास और अर्जुन मुंडा के बीच दोनों गुटों में आपसी खींचतान अंदर खाने एक बार फिर जारी है झारखंड में भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ पार्टी के अंदर या फिर सरकार को लेकर राज्य में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर काफी ज्यादा हावी है और इसी बात का फायदा दूसरे गुट उठाना चाह रहे हैं इसी तरह हरियाणा में हालांकि पार्टी मनोहर लाल खट्टर को एक बार फिर अपना उम्मीदवार सांकेतिक तौर पर बता चुकी है मगर बावजूद जाट लॉबी अंदर खाने एक बार फिर से खट्टर के खिलाफ सक्रिय नजर आ रही


Conclusion:यही नहीं आया कि दिल्ली में तो चुनाव इन तीनों ही राज्यों की बात है बावजूद उसके राजधानी दिल्ली भाजपा प्रदेश में भाजपा के राज्य अध्यक्ष को लेकर खींचतान इस कदर बढ़ गई है सातों सांसद अपने अपने आप को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे यहां तक कि सूत्रों के मुताबिक आलाकमान ने इन नेताओं को 3 दिन पहले ही एक साथ आकर मीडिया के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की हिदायत दी थी जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मैसेज मीडिया में तीन बार आने के बाद उसे तीन बार कैंसिल किया गया क्योंकि सभी सांसद और पार्टी के नेता एक साथ आने को तैयार ही नहीं थे
अ अंततः सूत्रों के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को इन प्रदेश अध्यक्षों और मुख्यमंत्रियों तथा बाकी नेताओं से बातचीत करने का जिम्मा सौंपा और कार्यकारी अध्यक्ष ने इन तमाम नेताओं को हिदायत दी है कि अगर ऐसे मौके पर जब सिर पर चुनाव है पार्टी के नेता अंदर निकल आते हैं तो पार्टी के परिणाम भुगतने के लिए भी वह तैयार रहें
Last Updated : Sep 30, 2019, 9:58 AM IST
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