हरिद्वारः उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश जारी है. इसके कारण उत्तराखंड में चार-धाम यात्रा बाधित होने की आशंका है. केदारनाथ की यात्रा बंद कर दी गई है. शनिवार देर रात से हो रही बारिश के कारण उत्तरकाशी में जन जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. गंगोत्री हाइवे चुंगी बड़ेथी में पहाड़ी टूटने से बंद हो गया है.
गंगोत्री हाई-वे का विकल्प मनेरा बाईपास भी बाधित हो गया है. जिस कारण मोरी के लिए रवाना प्रशासन की टीम को भी वापस लौटना पड़ा. साथ ही यमुनोत्री हाईवे भी डाबरकोट में बंद हो गया है. वहीं, सड़कें भी पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो चुकी हैं.
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जनपद में गंगा घाटी से लेकर यमुना घाटी में भारी बारिश से जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. जहां मोरी में जल प्रलय का तांडव जारी है, तो वहीं गंगा घाटी में जगह- जगह सड़कें बंद हो गई हैं. मनेरा बाईपास में सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं. दूसरी ओर यमुनोत्री हाईवे के डाबरकोट में बंद होने के कारण गीड़ पट्टी का सम्पर्क जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय से कट गया है.
साथ ही मनेरा बाईपास भी बंद होने क्व कारण अब लोगों को पैदल ही आवाजाही करनी पड़ रही है. साथ ही हाईवे भी नालों और तालाब में तब्दील हो चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर हर्षिल में जालंधरी नदी और अन्य नदियों के उफान पर आने के कारण सुरक्षा दीवारों पर कटाव शुरू हो गया है. जिस कारण अब हर्षिल बाजार और स्थानीय लोगों के घरों पर भी खतरा मंडराने लगा है. हर्षिल निवासी माधवेन्द्र रावत ने बताया कि जालंधरी से पानी अब ग्रामीणों के घरों में घुसने लगा है, जिससे कि लोग डरे और सहमे हुए हैं.
जिले में दो दिनों से लगातार बारिश जारी है. बारिश के कारण आम-जन जीवन प्रभावित हो गया है. केदारनाथ धाम से ही मंदाकिनी नदी विकराल रूप में बह रही है. जिसके चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी के ऊपर आवाजाही के लिये बनाया गया पुल बह गया है.
जबकि, केदारनाथ धाम में घाट के किनारे मंदाकिनी नदी पर बनाई गई पैदल पुलिया भी पानी के बहाव में क्षतिग्रस्त हो गई है. साथ ही गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भूस्खलन होने से पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर रास्ते पर गिर रहे हैं. जिसके चलते लोगों और यात्रियों के साथ हादसा होने की संभावना लगातार बनी हुई है.
बता दें कि जिले में भारी बारिश का कहर जारी है. जिसके चलते ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. वहीं मंदाकिनी नदी ने भी विकराल रूप धारण कर लिया है. जिसके चलते केदारनाथ धाम में मंदाकिनी नदी पर आवाजाही के लिये बनाई गई अस्थाई पुलिया भी नदी के तेज बहाव की बह गई है. वहीं रामबाड़ा में पैदल आवाजाही के लिये बनाया गया पुल भी नदी के तेज बहाव के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है.
साथ ही केदारनाथ हाईवे भी भारी बारिश के चलते बांसबाड़ा, भीरी, डोलिया देवी, और जामू क्षेत्र पर क्षतिग्रस्त हो गया है. जिसके चलते हाईवे पर जगह-जगह फंसे यात्री और स्थानीय लोग हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह बोल्डर गिरने का सिलसिला जारी है.
बीते शुक्रवार को गौरीकुण्ड पैदल मार्ग पर बोल्डर गिर रहे थे जिनकी चपेट में आने से एक खच्चर दर्दनाक मौत हो गई. पूर्व में रामबाड़ा और लिनचैली के बीच पहाड़ी दरकने से दो लोगों की मौत हो गई थी. जबकि, कई यात्री घायल हो गये थे.
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इन परिस्थितियों के चलते केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है. हालांकि, यात्रियों की सहायता के लिये पैदल मार्ग पर प्रशासन ने पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को तैनात किया है. वहीं, यात्रियों की संख्या में आई गिरावट के चलते स्थानीय लोगों का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.