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उत्तराखंड में भारी बारिश से कई सड़कें बाधित, केदारनाथ यात्रा भी बंद - bad weather in Uttarkashi

उत्तराखंड में भारी बारिश लगातार जारी है. इससे यहां के लोगों का जन जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. यहां पर आए दिन बादलों के फटने के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ रही है. कई इलाकों में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा बंद
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Published : Aug 18, 2019, 5:20 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 10:15 AM IST

हरिद्वारः उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश जारी है. इसके कारण उत्तराखंड में चार-धाम यात्रा बाधित होने की आशंका है. केदारनाथ की यात्रा बंद कर दी गई है. शनिवार देर रात से हो रही बारिश के कारण उत्तरकाशी में जन जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. गंगोत्री हाइवे चुंगी बड़ेथी में पहाड़ी टूटने से बंद हो गया है.

गंगोत्री हाई-वे का विकल्प मनेरा बाईपास भी बाधित हो गया है. जिस कारण मोरी के लिए रवाना प्रशासन की टीम को भी वापस लौटना पड़ा. साथ ही यमुनोत्री हाईवे भी डाबरकोट में बंद हो गया है. वहीं, सड़कें भी पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो चुकी हैं.

गौरतलब है कि उत्तरकाशी जनपद में गंगा घाटी से लेकर यमुना घाटी में भारी बारिश से जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. जहां मोरी में जल प्रलय का तांडव जारी है, तो वहीं गंगा घाटी में जगह- जगह सड़कें बंद हो गई हैं. मनेरा बाईपास में सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं. दूसरी ओर यमुनोत्री हाईवे के डाबरकोट में बंद होने के कारण गीड़ पट्टी का सम्पर्क जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय से कट गया है.

उत्तर काशी में भारी बारिश से सड़कों की हालत

साथ ही मनेरा बाईपास भी बंद होने क्व कारण अब लोगों को पैदल ही आवाजाही करनी पड़ रही है. साथ ही हाईवे भी नालों और तालाब में तब्दील हो चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर हर्षिल में जालंधरी नदी और अन्य नदियों के उफान पर आने के कारण सुरक्षा दीवारों पर कटाव शुरू हो गया है. जिस कारण अब हर्षिल बाजार और स्थानीय लोगों के घरों पर भी खतरा मंडराने लगा है. हर्षिल निवासी माधवेन्द्र रावत ने बताया कि जालंधरी से पानी अब ग्रामीणों के घरों में घुसने लगा है, जिससे कि लोग डरे और सहमे हुए हैं.

जिले में दो दिनों से लगातार बारिश जारी है. बारिश के कारण आम-जन जीवन प्रभावित हो गया है. केदारनाथ धाम से ही मंदाकिनी नदी विकराल रूप में बह रही है. जिसके चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी के ऊपर आवाजाही के लिये बनाया गया पुल बह गया है.

जबकि, केदारनाथ धाम में घाट के किनारे मंदाकिनी नदी पर बनाई गई पैदल पुलिया भी पानी के बहाव में क्षतिग्रस्त हो गई है. साथ ही गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भूस्खलन होने से पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर रास्ते पर गिर रहे हैं. जिसके चलते लोगों और यात्रियों के साथ हादसा होने की संभावना लगातार बनी हुई है.

बता दें कि जिले में भारी बारिश का कहर जारी है. जिसके चलते ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. वहीं मंदाकिनी नदी ने भी विकराल रूप धारण कर लिया है. जिसके चलते केदारनाथ धाम में मंदाकिनी नदी पर आवाजाही के लिये बनाई गई अस्थाई पुलिया भी नदी के तेज बहाव की बह गई है. वहीं रामबाड़ा में पैदल आवाजाही के लिये बनाया गया पुल भी नदी के तेज बहाव के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है.

रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के बाद हालात

साथ ही केदारनाथ हाईवे भी भारी बारिश के चलते बांसबाड़ा, भीरी, डोलिया देवी, और जामू क्षेत्र पर क्षतिग्रस्त हो गया है. जिसके चलते हाईवे पर जगह-जगह फंसे यात्री और स्थानीय लोग हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह बोल्डर गिरने का सिलसिला जारी है.

बीते शुक्रवार को गौरीकुण्ड पैदल मार्ग पर बोल्डर गिर रहे थे जिनकी चपेट में आने से एक खच्चर दर्दनाक मौत हो गई. पूर्व में रामबाड़ा और लिनचैली के बीच पहाड़ी दरकने से दो लोगों की मौत हो गई थी. जबकि, कई यात्री घायल हो गये थे.

पढ़ें: पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ P0K पर बातचीत होगी : राजनाथ सिंह

इन परिस्थितियों के चलते केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है. हालांकि, यात्रियों की सहायता के लिये पैदल मार्ग पर प्रशासन ने पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को तैनात किया है. वहीं, यात्रियों की संख्या में आई गिरावट के चलते स्थानीय लोगों का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

हरिद्वारः उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश जारी है. इसके कारण उत्तराखंड में चार-धाम यात्रा बाधित होने की आशंका है. केदारनाथ की यात्रा बंद कर दी गई है. शनिवार देर रात से हो रही बारिश के कारण उत्तरकाशी में जन जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है. गंगोत्री हाइवे चुंगी बड़ेथी में पहाड़ी टूटने से बंद हो गया है.

गंगोत्री हाई-वे का विकल्प मनेरा बाईपास भी बाधित हो गया है. जिस कारण मोरी के लिए रवाना प्रशासन की टीम को भी वापस लौटना पड़ा. साथ ही यमुनोत्री हाईवे भी डाबरकोट में बंद हो गया है. वहीं, सड़कें भी पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो चुकी हैं.

गौरतलब है कि उत्तरकाशी जनपद में गंगा घाटी से लेकर यमुना घाटी में भारी बारिश से जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. जहां मोरी में जल प्रलय का तांडव जारी है, तो वहीं गंगा घाटी में जगह- जगह सड़कें बंद हो गई हैं. मनेरा बाईपास में सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं. दूसरी ओर यमुनोत्री हाईवे के डाबरकोट में बंद होने के कारण गीड़ पट्टी का सम्पर्क जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय से कट गया है.

उत्तर काशी में भारी बारिश से सड़कों की हालत

साथ ही मनेरा बाईपास भी बंद होने क्व कारण अब लोगों को पैदल ही आवाजाही करनी पड़ रही है. साथ ही हाईवे भी नालों और तालाब में तब्दील हो चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर हर्षिल में जालंधरी नदी और अन्य नदियों के उफान पर आने के कारण सुरक्षा दीवारों पर कटाव शुरू हो गया है. जिस कारण अब हर्षिल बाजार और स्थानीय लोगों के घरों पर भी खतरा मंडराने लगा है. हर्षिल निवासी माधवेन्द्र रावत ने बताया कि जालंधरी से पानी अब ग्रामीणों के घरों में घुसने लगा है, जिससे कि लोग डरे और सहमे हुए हैं.

जिले में दो दिनों से लगातार बारिश जारी है. बारिश के कारण आम-जन जीवन प्रभावित हो गया है. केदारनाथ धाम से ही मंदाकिनी नदी विकराल रूप में बह रही है. जिसके चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी के ऊपर आवाजाही के लिये बनाया गया पुल बह गया है.

जबकि, केदारनाथ धाम में घाट के किनारे मंदाकिनी नदी पर बनाई गई पैदल पुलिया भी पानी के बहाव में क्षतिग्रस्त हो गई है. साथ ही गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भूस्खलन होने से पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर रास्ते पर गिर रहे हैं. जिसके चलते लोगों और यात्रियों के साथ हादसा होने की संभावना लगातार बनी हुई है.

बता दें कि जिले में भारी बारिश का कहर जारी है. जिसके चलते ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. वहीं मंदाकिनी नदी ने भी विकराल रूप धारण कर लिया है. जिसके चलते केदारनाथ धाम में मंदाकिनी नदी पर आवाजाही के लिये बनाई गई अस्थाई पुलिया भी नदी के तेज बहाव की बह गई है. वहीं रामबाड़ा में पैदल आवाजाही के लिये बनाया गया पुल भी नदी के तेज बहाव के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है.

रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के बाद हालात

साथ ही केदारनाथ हाईवे भी भारी बारिश के चलते बांसबाड़ा, भीरी, डोलिया देवी, और जामू क्षेत्र पर क्षतिग्रस्त हो गया है. जिसके चलते हाईवे पर जगह-जगह फंसे यात्री और स्थानीय लोग हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह बोल्डर गिरने का सिलसिला जारी है.

बीते शुक्रवार को गौरीकुण्ड पैदल मार्ग पर बोल्डर गिर रहे थे जिनकी चपेट में आने से एक खच्चर दर्दनाक मौत हो गई. पूर्व में रामबाड़ा और लिनचैली के बीच पहाड़ी दरकने से दो लोगों की मौत हो गई थी. जबकि, कई यात्री घायल हो गये थे.

पढ़ें: पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ P0K पर बातचीत होगी : राजनाथ सिंह

इन परिस्थितियों के चलते केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है. हालांकि, यात्रियों की सहायता के लिये पैदल मार्ग पर प्रशासन ने पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को तैनात किया है. वहीं, यात्रियों की संख्या में आई गिरावट के चलते स्थानीय लोगों का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

Intro:उत्तरकाशी में भारी बरसात के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गंगोत्री हाइवे दो जगह बन्द हो गया है। तो यमुनोत्री हाइवे भी बन्द हो गया है। जिला प्रशासन की टीम जिला मुख्यालय में ही फंसी। मोरी के लिए रवाना टीम मनेरा से आगे नहीं बढ़ पाई। उत्तरकाशी। शनिवार देर रात से हो रही बारिश के कारण उत्तरकाशी में जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गंगोत्री हाइवे चुंगी बड़ेथी में पहाड़ी टूटने से बन्द हो गया है। साथ ही हाइवे का विकल्प मनेरा बाईपास भी बन्द हो गया है। जिस कारण मोरी के लिए रवाना प्रशासन की टीम को भी निराश वापस लौटना पड़ा। साथ ही यमुनोत्री हाइवे भी डाबरकोट में बन्द हो गया है। वहीं सड़के भी पूरी तरह नालों और तालाब में तब्दील हो चुकी हैं।


Body:वीओ-1, उत्तरकाशी जनपद में गंगा घाटी से लेकर यमुना घाटी में भारी बारिश से जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है। जहां मोरी में जलप्रलय का तांडव जारी है। तो वहीं गंगा घाटी में जगह जगह सड़कें बन्द हो गई है। मनेरा बाईपास में सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं। वहीं दूसरी और यमुनोत्री हाइवे के डाबरकोट में बन्द होने के कारण गीड़ पट्टी का सम्पर्क जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय से कट गया है। साथ ही मनेरा बाईपास भी बन्द होने क्व कारण अब लोगों को पैदल ही आवाजाही करनी पड़ रही है। साथ ही हाइवे भी नालों और तालाब में तब्दील हो चुके हैं। जिस प्रकार बारिश जारी है। तो हाइवे खोलने मुश्किल हैं।


Conclusion:वीओ-2, वहीं दूसरी और हर्षिल में जालंधरी नदी और अन्य नदियों के उफान पर आने के कारण सुरक्षा दीवारों पर कटाव शुरू हो गया है। जिस कारण अब हर्षिल बाजार और स्थानीय लोगों के घरों पर भी खतरा मंडराने लगा है। हर्षिल निवासी माधवेन्द्र रावत ने बताया कि जालंधरी से पानी अब ग्रामीणों के घरों में घुसने लगा है। जिससे कि लोग डरे सहमे हुए हैं। बाईट- चालक।
Last Updated : Sep 27, 2019, 10:15 AM IST
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