मुंबई : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को भारतीय लड़ाकू विमान संबंधी जानकारी मुहैया कराने के मामले में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के एक कर्मी को गिरफ्तार किया गया है. यह जानकारी महाराष्ट्र पुलिस ने शुक्रवार को दी.
पुलिस ने बताया कि व्यक्ति की पहचान दीपक शिरसाठ के रूप में की गई है.
पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि व्यक्ति भारतीय लड़ाकू विमान और उसकी विनिर्माण इकाई के संबंध में गोपनीय जानकारी आईएसआई को दे रहा था.
बयान में कहा गया कि राज्य आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) की नासिक इकाई को व्यक्ति के बारे में विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी जो आईएसआई के लगातार संपर्क में था.
पुलिस ने बताया कि व्यक्ति भारतीय लड़ाकू विमान के बारे में गोपनीय सूचना और उसकी संवेदनशील विस्तृत जानकारी के अलावा नासिक के पास ओझर स्थित एचएएल विमान विनिर्माण इकाई, एयरबेस और विनिर्माण इकाई में प्रतिबंधित क्षेत्र संबंधी जानकारी मुहैया करा रहा था.
एक अधिकारी ने बताया कि 41 वर्षीय दीपक शिरसाठ के खिलाफ शासकीय गोपनीयता कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि नासिक एटीएस इकाई के अधिकारियों ने व्यक्ति को नासिक स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया.
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उन्होंने बताया कि उसके कब्जे से पांच सिम कार्ड के साथ ही तीन मोबाइल फोन और दो मेमोरी कार्ड जब्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि फोन और सिम कार्ड को जांच के लिए फोरेंसिक साइंस प्रयोगशाला भेज दिया गया है.
अधिकारी ने बताया कि आरोपी को शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया और उसे 10 दिन के लिए एटीएस की हिरासत में भेज दिया गया.
एचएएल का नासिक स्थित विमान प्रभाग मिग-21 एफएल विमान और के-13 मिसाइलों के लाइसेंसी निर्माण के लिए 1964 में स्थापित किया गया था. यह नासिक से करीब 24 किलोमीटर दूर और मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर ओझर में स्थित है.
इस प्रभाग ने मिग-21एम, मिग-21 बीआईएस, मिग-27 एम और अत्याधुनिक विमान सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान जैसे विमानों का भी निर्माण किया है. यह प्रभाग मिग श्रृंखला के विमानों और सुखोई-30 एमकेआई विमान की मरम्मत का काम भी करता है.