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जम्मू-कश्मीर: अलगावादी नेताओं पर सरकार की कारवाई उचित

नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की कार्रवाई को राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक का समर्थन. हालांकि, कश्मीर में स्थापित किए जाने को प्राथमिकता बताया.

यासीन मलिक,सय्यद शाह गिलानीऔर मीर वाईय उमर फारुक
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Published : Apr 11, 2019, 11:31 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक नितिन गोखले ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ केंद्र की कार्रवाई का समर्थन किया. साथ ही उन्होंने उन क्षेत्रों से भी 35A को खत्म करने का समर्थन किया है जहां अस्थिरता का माहौल है.

गुरुवार को ईटीवी भारत से बात करते हुए गोखले ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब सरकार ने अलगावादी नेताओं के खिलाफ कारवाई की है और इन नेताओं पर पहली बार हवाला और भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर एनआईए कारवाई कर रही है.

ईटीवी भारत से बात करते नितिन गोखले

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: NH बैन से जुड़ी अफवाहों का गृह मंत्रालय ने खंडन किया

उन्होनें कहा कि अनुच्छेद 35A को खत्म किया जा सकता है लेकिन इसमें जल्द बाजी न का जाए. जबकि संविधान के अनुच्छेद 370 पर बात करते हुए उन्होनें कहा कि 370 को अभी खत्म करना ठीक नही है.

उन्होने इस बात पर भी जोर दिया कि सबसे पहले जम्मू कश्मीर में शांति का माहौल बनाया जाए.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक नितिन गोखले ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ केंद्र की कार्रवाई का समर्थन किया. साथ ही उन्होंने उन क्षेत्रों से भी 35A को खत्म करने का समर्थन किया है जहां अस्थिरता का माहौल है.

गुरुवार को ईटीवी भारत से बात करते हुए गोखले ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब सरकार ने अलगावादी नेताओं के खिलाफ कारवाई की है और इन नेताओं पर पहली बार हवाला और भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर एनआईए कारवाई कर रही है.

ईटीवी भारत से बात करते नितिन गोखले

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: NH बैन से जुड़ी अफवाहों का गृह मंत्रालय ने खंडन किया

उन्होनें कहा कि अनुच्छेद 35A को खत्म किया जा सकता है लेकिन इसमें जल्द बाजी न का जाए. जबकि संविधान के अनुच्छेद 370 पर बात करते हुए उन्होनें कहा कि 370 को अभी खत्म करना ठीक नही है.

उन्होने इस बात पर भी जोर दिया कि सबसे पहले जम्मू कश्मीर में शांति का माहौल बनाया जाए.

Intro:New Delhi: The National Security Analysts on Thursday supported Centre's action against separatist leaders in Jammu and Kashmir. The analysts also emphasised on the need to scrapping of Article 35A from the troubled region .


Body:"It's for the first-time that government of India is taking actions against separatist leaders which was very much necessary. These separatists have become hindrance in the path of development," said national security analyst Nitin Gokhle.

Talking to ETV Bharat, Gokhale said that "such decision of taking actions against the separatist should have been taken earlier."

Referring to Article 35A, Gokhale said that this article needed to be scrapped. "Scrapping Article 370 should not be done in a hurry. In fact, emphasis should be given on the scrapping of Article 35A," said Gokhale.


Conclusion:The Bharatiya Janata Party (BJP) in its election manifesto has talked about scrapping of Article 35A. The manifesto said that Article 35A is an obstacle in the development of the state.

The manifesto also talked about Article 370 in Jammu and Kashmir. "We reiterate our position since the time of the Jan Sangh to the abrogation of Article 370," the BJP manifesto said.

Ever since the February 14 Pulwama massacre took place where 40 CRPF personnel have lost their lives, Central governmnet has put all the separatists under scanner besides arresting many of them. The discussion over the scrapping of Article 370 and Articel 35A also gain momentum.

end.
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