नई दिल्ली : भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर.एम. लोढ़ा ने मानवाधिकार दिवस पर हैदराबाद बलात्कार और हत्या मामले में पुलिस द्वारा चार अभियुक्तों की कथित तौर पर हत्या की कड़ी आलोचना की है.
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था द्वारा मानवाधिकार दिवस मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हम मानवाधिकार दिवस मना रहे हैं और हम मानव अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं. क्या हम जंगलराज की तरफ बढ़ रहे हैं ?'
उन्होंने आगे कहा कि लोग 17वीं शताब्दी के हम्मूराबी कोड, आंख के बदले आंख, दांत के बदले दांत, नाखून के बदले नाखून की तरफ वापस जा रहे हैं.
बलात्कारियों की भीड़ द्वारा हत्या की मांग दिखाती है कि समाज हम्मुराबी की संहिता के दिनों में वापस जा रहा है. अगर कोई कानून नहीं है, कोई नियत प्रक्रिया नहीं है, तो मानव अधिकार कैसे बचेंगे?
पूर्व CJI की टिप्पणी तब आई जब तेलंगाना उच्च न्यायालय हैदराबाद के पास एक पशु चिकित्सक की बलात्कार और हत्या के बाद आरोपियों को मारने वाली पुलिस के खिलाफ दो याचिकाओं पर विचार कर रहा है.
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तेलंगाना पुलिस के अनुसार, शुक्रवार (6 दिसंबर, 2019) सुबह तड़के चंदनपल्ली, शादनगर में हुई मुठभेड़ में सभी चारों आरोपी मारे गए थे.
पशु चिकित्सक का 27 नवंबर को शमशाबाद क्षेत्र में आरोपियों द्वारा क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और और जला दिया गया था. 28 नवंबर को उनका शव बरामद किया गया.