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चीनी सेना द्वारा अपहृत पांच युवकों का अब तक कोई पता नहीं : पुलिस

चीनी सेना ने इसी सप्ताह अरुणाचल प्रदेश के पांच युवकों का कथित रूप अपहरण कर किया था. इस मामले पर अरुणाचल प्रदेश पुलिस का कहना है कि चीनी सेना द्वारा अपहृत पांच युवाओं का अब तक कोई पता नहीं चला है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

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पीएलए द्वारा अपहृत पांच युवक
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Published : Sep 7, 2020, 9:57 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 10:06 PM IST

ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर स्थित अपर सुबनसिरी जिले के पांच युवकों का कोई पता नहीं चल पाया है. इन युवकों को कथित तौर पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अगवा किया है.

जिले के नाचो इलाके के पांच ग्रामीण युवक जंगल में शिकार करने गए थे, उन्हें कथित तौर पर पीएलए ने अगवा कर लिया.

यह युवक सेना के लिए कुली और गाइड का काम करते थे. बीते शुक्रवार को उनके परिजनों ने सोशल मीडिया पर उनके लापता होने की जानकारी दी.

समूह के दो सदस्य घर लौटे और उन्होंने बाकी के पांच युवकों के परिवारों को बताया कि सेरा-7 से चीन के सैनिक उन्हें ले गए. सेरा-7 भारतीय सेना का गश्ती क्षेत्र है जो नाचो के उत्तर में 12 किमी की दूरी पर स्थित है.

नाचो मैकमोहन लाइन पर अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह जिला मुख्यालय दापोरजियो से 120 किमी की दूरी पर स्थित है.

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किरण रिजिजू का ट्वीट.

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के संभवत: अपहृत किए गए पांच युवकों के बारे में भेजे गए 'हॉटलाइन मैसेज' का चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से जवाब आने का इंतजार किया जा रहा है.

किरण रिजिजू ने रविवार को ट्वीट किया, 'भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश सीमा पर पीएलए के समकक्ष प्रतिष्ठान को हॉटलाइन पर संदेश भेजा है. जवाब का इंतजार है.'

तेजपुर में रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने कहा, 'हमने अपने दलों को अलर्ट कर दिया है और वे असैन्य प्रशासन के संपर्क में लगातार बने हुए हैं. अपर सुबनसिरी के एसपी ने बताया कि उनके पास अभी तक लापता होने की शिकायत नहीं आई है.'

इससे पहले, इस घटना के बारे में अपर सुबनसिरी के पुलिस अधीक्षक तारू गुस्सार ने कहा, 'हमें स्थानीय सूत्रों से पता चला कि तागिन समुदाय के पांच लोगों को नाचो के निकट जंगल से पीएलए ने अगवा कर लिया. युवक वहां शिकार पर गए थे.'

उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ने पुलिस के पास लापता की औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं करवाई है, सैन्य बलों के पास भी शिकायत नहीं आई है जो दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर रणनीतिक महत्व के इलाकों की रक्षा करते हैं.

तारू गुस्सार ने कहा, 'हम तथ्य का सत्यापन करने की कोशिश कर रहे हैं और सेना के संपर्क में निरंतर बने हुए हैं क्योंकि स्थानीय लोगों को एलएसी से पीएलए द्वारा अगवा करने और बाद में छोड़े जाने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं.'

जो युवक कथित तौर पर अगवा किए गए हैं उनकी पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई है.

यह भी पढ़ें- सेना ने पांच लोगों के कथित अपहरण का मुद्दा पीएलए के समक्ष उठाया

ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टुडेंट्स यूनियन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों से युवकों की जल्द एवं सुरक्षित रिहाई की मांग की.

उसने कहा, 'यह इस तरह की इकलौती घटना नहीं है, पहले भी पीएलए लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देता रहा है.'

इससे पहले मार्च में भी पीएलए ने मैकमोहन लाइन से एक युवक को पकड़ लिया था. उसे 19 दिन कैद में रखने के बाद छोड़ा गया था.

ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर स्थित अपर सुबनसिरी जिले के पांच युवकों का कोई पता नहीं चल पाया है. इन युवकों को कथित तौर पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अगवा किया है.

जिले के नाचो इलाके के पांच ग्रामीण युवक जंगल में शिकार करने गए थे, उन्हें कथित तौर पर पीएलए ने अगवा कर लिया.

यह युवक सेना के लिए कुली और गाइड का काम करते थे. बीते शुक्रवार को उनके परिजनों ने सोशल मीडिया पर उनके लापता होने की जानकारी दी.

समूह के दो सदस्य घर लौटे और उन्होंने बाकी के पांच युवकों के परिवारों को बताया कि सेरा-7 से चीन के सैनिक उन्हें ले गए. सेरा-7 भारतीय सेना का गश्ती क्षेत्र है जो नाचो के उत्तर में 12 किमी की दूरी पर स्थित है.

नाचो मैकमोहन लाइन पर अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह जिला मुख्यालय दापोरजियो से 120 किमी की दूरी पर स्थित है.

ARUNACHAL-PRADESH-POLICE-ON-FIVE-YOUTH-ABDUCTED-BY-PLA
किरण रिजिजू का ट्वीट.

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के संभवत: अपहृत किए गए पांच युवकों के बारे में भेजे गए 'हॉटलाइन मैसेज' का चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से जवाब आने का इंतजार किया जा रहा है.

किरण रिजिजू ने रविवार को ट्वीट किया, 'भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश सीमा पर पीएलए के समकक्ष प्रतिष्ठान को हॉटलाइन पर संदेश भेजा है. जवाब का इंतजार है.'

तेजपुर में रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने कहा, 'हमने अपने दलों को अलर्ट कर दिया है और वे असैन्य प्रशासन के संपर्क में लगातार बने हुए हैं. अपर सुबनसिरी के एसपी ने बताया कि उनके पास अभी तक लापता होने की शिकायत नहीं आई है.'

इससे पहले, इस घटना के बारे में अपर सुबनसिरी के पुलिस अधीक्षक तारू गुस्सार ने कहा, 'हमें स्थानीय सूत्रों से पता चला कि तागिन समुदाय के पांच लोगों को नाचो के निकट जंगल से पीएलए ने अगवा कर लिया. युवक वहां शिकार पर गए थे.'

उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ने पुलिस के पास लापता की औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं करवाई है, सैन्य बलों के पास भी शिकायत नहीं आई है जो दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर रणनीतिक महत्व के इलाकों की रक्षा करते हैं.

तारू गुस्सार ने कहा, 'हम तथ्य का सत्यापन करने की कोशिश कर रहे हैं और सेना के संपर्क में निरंतर बने हुए हैं क्योंकि स्थानीय लोगों को एलएसी से पीएलए द्वारा अगवा करने और बाद में छोड़े जाने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं.'

जो युवक कथित तौर पर अगवा किए गए हैं उनकी पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई है.

यह भी पढ़ें- सेना ने पांच लोगों के कथित अपहरण का मुद्दा पीएलए के समक्ष उठाया

ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टुडेंट्स यूनियन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों से युवकों की जल्द एवं सुरक्षित रिहाई की मांग की.

उसने कहा, 'यह इस तरह की इकलौती घटना नहीं है, पहले भी पीएलए लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देता रहा है.'

इससे पहले मार्च में भी पीएलए ने मैकमोहन लाइन से एक युवक को पकड़ लिया था. उसे 19 दिन कैद में रखने के बाद छोड़ा गया था.

Last Updated : Sep 7, 2020, 10:06 PM IST
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