कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि उनकी रणनीति कोविड-19 से निपटने में नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने वाली है. धनखड़ ने ममता पर अल्पसंख्यक समुदाय का खुल्लम खुल्ला तुष्टीकरण करने का आरोप लगाया.
धनखड़ ने ट्वीट किया, 'आशा है कि अच्छी भावना अब प्रबल होंगी और सभी चुनौतियों से निबटने के लिए एकजुटता से आगे बढ़ेंगे, ताकि गहरे संकट में पड़े लोगों को कुछ सांत्वना मिले.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाया था कि राज्य प्रशासन के कामकाज में वह लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं और उनसे कहा कि वह फैसला करें कि किसने संवैधानिक धर्म और मर्यादा की सीमा को लांघा है.
कोविड-19 से मुकाबला करने में राज्य सरकार के तरीकों पर धनखड़ द्वारा लगातार चिंता जताए जाने के परिप्रेक्ष्य में बनर्जी ने उनपर ये आरोप लगाए थे.
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राज्यपाल को कड़े शब्दों में लिखे गए पांच पन्ने के पत्र में बनर्जी ने कहा था कि धनखड़ भूल गए हैं कि ममता एक गौरवशाली भारतीय राज्य की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं जबकि वह नामित राज्यपाल हैं.
गवर्नर के मनोनीत किए जाने से संबंधित ममता की सोच पर अपनी बात रखते हुए धनखड़ ने कहा कि उनका विचार निंदनीय है और इसे संविधान की प्राथमिक अनदेखी के रूप में देखा जा सकता है.
ममता ने अपने पत्र में लिखा, 'आपको खुद पर फैसला करना है कि क्या आपने सीधे मुझ पर, मेरे मंत्रियों पर, अधिकारियों पर हमले किए हैं. आपकी भाषा और तेवर को क्या संसदीय कहा जा सकता है. आप जिस राज्य के राज्यपाल हैं, वहां की सरकार के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन करना, मेरे मंत्रियों के कामकाज में आपके लगातार हस्तक्षेप से स्पष्ट है कि किसने संवैधानिक धर्म का उल्लंघन किया है.'
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बनर्जी ने दावा किया कि राज्यपाल का व्यवहार संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच मर्यादा के मूल मानकों के मुताबिक भी नहीं हैं.
धनखड़ ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'ममता बनर्जी के कार्यालय से पत्र प्राप्त हुआ. तथ्यात्मक रूप से गलत और संवैधानिक रूप से कमजोर है.'
गौरतलब है कि पिछले वर्ष जुलाई में पदभार संभालने के बाद से कई मुद्दों को लेकर धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच ठनी रहती है.
(इनपुट-पीटीआई)