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असम पब्लिक वर्क्स ने NRC सूची के 100 प्रतिशत पुन: सत्यापन की मांग की - assam public works

असम पब्लिक वर्क्स (APW) ने असम में रहने वाले लोगों के लिए जारी की गई राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को फिर से वैरिफाई करने की मांग की है. APW ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. इस पर ईटीवी भारत ने राजनीतिक और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य से बातचीत की. जानें पूरा विवरण

सुबिमल भट्टाचार्य
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Published : Sep 19, 2019, 8:32 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 4:05 AM IST

नई दिल्ली: असम पब्लिक वर्क्स (APW) ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर किया है. इसमें नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की फाइनल सूची के दोबारा सत्यापन की मांग की गई है. संगठन का कहना है कि इस सूची का दोबारा से 100 प्रतिशत सत्यापन किया जाना चाहिए.

विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य से हुई बातचीत

31 अगस्त को प्रकाशित एनआरसी सूची में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए एपीडब्लू के हलफनामे में कहा गया कि कई संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी हैं, जिनका नाम अंतिम सूची में शामिल किया गया है.

हलफनामे में संदिग्ध अवैध बांग्लादेशियों के कम से कम 30-35 नाम बताए गए हैं.

राजनीतिक और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य ने बातचीत के दौरान कहा कि कुछ वास्तविक चिंताएं हैं. इसमें कुछ वास्तविक भारतीयों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं.

बता दें, एपीडब्ल्यू असम में एनआरसी की मांग करने वाला पहला ऐसा याचिकाकर्ता है, जिसने एनआरसी के 100 प्रतिशत फिर से वैरिफिकेशन की मांग करते हुए हलफनामा भरा है.

पढ़ें: असम NRC : विदेशी ट्रिब्यूनलों पर NGO ने उठाए गंभीर सवाल

गौरतलब है कि एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला ने एनआरसी सूची की फिर से वैरिफिकेशन की मांग का समर्थन नहीं किया था. इसके चलते एक गैर सरकारी संगठन एपीडब्लू ने हजेला की भी आलोचना की है.

हलफनामे में कहा गया है कि कोच, राभा, गोगोई, राजबोंगशी, बोडो, तिवा, मिशिंग, कार्बी, देउरी आदि इस देश के मूल निवासी हैं. उन्हें भी अपनी राष्ट्रीयता का सबूत देने के लिए बांग्लादेश से आने वाले अवैध घुसपैठियों के साथ कतार में खड़ा होना पड़ रहा है.

आपको बता दें, एपीडब्लू ने NRC अपडेट प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक पर भी सवाल खड़े किए हैं.

संगठन ने कहा कि प्रक्रिया में प्रयुक्त सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सहित प्रौद्योगिकियों को कुछ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित संस्थान द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए. भट्टाचार्य ने कहा, 'यदि आवश्यक हो तो नवीनतम तकनीक के उपयोग के साथ कुछ सुधार किए जाने चाहिए.'

नई दिल्ली: असम पब्लिक वर्क्स (APW) ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर किया है. इसमें नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की फाइनल सूची के दोबारा सत्यापन की मांग की गई है. संगठन का कहना है कि इस सूची का दोबारा से 100 प्रतिशत सत्यापन किया जाना चाहिए.

विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य से हुई बातचीत

31 अगस्त को प्रकाशित एनआरसी सूची में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए एपीडब्लू के हलफनामे में कहा गया कि कई संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी हैं, जिनका नाम अंतिम सूची में शामिल किया गया है.

हलफनामे में संदिग्ध अवैध बांग्लादेशियों के कम से कम 30-35 नाम बताए गए हैं.

राजनीतिक और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य ने बातचीत के दौरान कहा कि कुछ वास्तविक चिंताएं हैं. इसमें कुछ वास्तविक भारतीयों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं.

बता दें, एपीडब्ल्यू असम में एनआरसी की मांग करने वाला पहला ऐसा याचिकाकर्ता है, जिसने एनआरसी के 100 प्रतिशत फिर से वैरिफिकेशन की मांग करते हुए हलफनामा भरा है.

पढ़ें: असम NRC : विदेशी ट्रिब्यूनलों पर NGO ने उठाए गंभीर सवाल

गौरतलब है कि एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला ने एनआरसी सूची की फिर से वैरिफिकेशन की मांग का समर्थन नहीं किया था. इसके चलते एक गैर सरकारी संगठन एपीडब्लू ने हजेला की भी आलोचना की है.

हलफनामे में कहा गया है कि कोच, राभा, गोगोई, राजबोंगशी, बोडो, तिवा, मिशिंग, कार्बी, देउरी आदि इस देश के मूल निवासी हैं. उन्हें भी अपनी राष्ट्रीयता का सबूत देने के लिए बांग्लादेश से आने वाले अवैध घुसपैठियों के साथ कतार में खड़ा होना पड़ रहा है.

आपको बता दें, एपीडब्लू ने NRC अपडेट प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक पर भी सवाल खड़े किए हैं.

संगठन ने कहा कि प्रक्रिया में प्रयुक्त सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सहित प्रौद्योगिकियों को कुछ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित संस्थान द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए. भट्टाचार्य ने कहा, 'यदि आवश्यक हो तो नवीनतम तकनीक के उपयोग के साथ कुछ सुधार किए जाने चाहिए.'

Intro:New Delhi: The Assam Public Works (APW) ON Wednesday has filled a fresh affidavit in the Supreme Court demanding 100 percent re-varification of the final National Register of Citizen (NRC) list.


Body:Alleging anomalies in the NRC list that was published on August 31, the APW affidavit said that there are many suspected illegal Bangladeshi whose name have been included in the final list.

The affidavit also named at least 30-35 names of suspected illegal Bangladeshi.

"There are some genuine concerns that names of genuine Indians gave been left out from the final NRC. And APW being the first petitioner demanding NRC in Assam has filled the affidavit demanding 100 percent re-varification of the NRC," said Subimal Bhattacharjee, a political and strategic affairs expert to ETV Bharat.

The APW, a non governmental organisation, also criticised NRC coordinator (Prateek Hajela) for not supporting its earlier demand for reverification of the NRC list.

The affidavit said that the Koch, Rabha, Gogoi, Rajbongshi, Bodo, Tiwa, Mishing, Karbi, Deuri etc are the sons of the soil, too had to stand in que with illegal intruders coming from Bangladesh to proof their nationality.


Conclusion:The APW also questioned the technology being used for the NRC update process.

The organisation said that the technologies including the software and hardware used in the process must be verified by some internationally acclaimed institution.

"If necessary some corrections should be done with the use of latest technology," Bhattacharjee said.

end.
Last Updated : Oct 1, 2019, 4:05 AM IST
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