नई दिल्ली: असम पब्लिक वर्क्स (APW) ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर किया है. इसमें नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की फाइनल सूची के दोबारा सत्यापन की मांग की गई है. संगठन का कहना है कि इस सूची का दोबारा से 100 प्रतिशत सत्यापन किया जाना चाहिए.
31 अगस्त को प्रकाशित एनआरसी सूची में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए एपीडब्लू के हलफनामे में कहा गया कि कई संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी हैं, जिनका नाम अंतिम सूची में शामिल किया गया है.
हलफनामे में संदिग्ध अवैध बांग्लादेशियों के कम से कम 30-35 नाम बताए गए हैं.
राजनीतिक और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य ने बातचीत के दौरान कहा कि कुछ वास्तविक चिंताएं हैं. इसमें कुछ वास्तविक भारतीयों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं.
बता दें, एपीडब्ल्यू असम में एनआरसी की मांग करने वाला पहला ऐसा याचिकाकर्ता है, जिसने एनआरसी के 100 प्रतिशत फिर से वैरिफिकेशन की मांग करते हुए हलफनामा भरा है.
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गौरतलब है कि एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला ने एनआरसी सूची की फिर से वैरिफिकेशन की मांग का समर्थन नहीं किया था. इसके चलते एक गैर सरकारी संगठन एपीडब्लू ने हजेला की भी आलोचना की है.
हलफनामे में कहा गया है कि कोच, राभा, गोगोई, राजबोंगशी, बोडो, तिवा, मिशिंग, कार्बी, देउरी आदि इस देश के मूल निवासी हैं. उन्हें भी अपनी राष्ट्रीयता का सबूत देने के लिए बांग्लादेश से आने वाले अवैध घुसपैठियों के साथ कतार में खड़ा होना पड़ रहा है.
आपको बता दें, एपीडब्लू ने NRC अपडेट प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक पर भी सवाल खड़े किए हैं.
संगठन ने कहा कि प्रक्रिया में प्रयुक्त सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सहित प्रौद्योगिकियों को कुछ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित संस्थान द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए. भट्टाचार्य ने कहा, 'यदि आवश्यक हो तो नवीनतम तकनीक के उपयोग के साथ कुछ सुधार किए जाने चाहिए.'