बेंगलुरु (कर्नाटक): सिलिकॉन सिटी बेंगलुरु में लगातार बारिश जारी है. आईटी और बीटी मंत्री सीएन अश्वथनारायण ने बुधवार शाम 5 बजे कई सॉफ्टवेयर कंपनियों के प्रमुखों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है. जिसमें वह अभूतपूर्व बारिश के कारण शहर में पैदा हुई समस्याओं पर चर्चा करेंगे. राज्य सरकार के मुख्य सचिव, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त, बैंगलोर जल प्राधिकरण के अधिकारी, शहरी विकास विभाग के अधिकारी और शहर के पुलिस आयुक्त इस बैठक में भाग लेंगे जो विधानसभा के सम्मेलन हॉल में होगी.
वह पहले ही कह चुके हैं कि बारिश से होने वाली परेशानियों के बारे में कारोबारी खुलकर बात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इंफोसिस, विप्रो, एम्फैसिस, नैसकॉम, गोल्डमैन सैक्स, इंटेल, टीसीएस, फिलिप्स, सोनाटा सॉफ्टवेयर और अन्य कंपनियों जैसी कंपनियों के प्रमुख या प्रतिनिधि बैठक में शामिल होंगे. बैठक में प्रतिभागी अपने सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त शहर की समस्याओं पर पीपीटी पेश करेंगे.
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राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कंपनियों की समस्याओं के समाधान के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रही है. चूंकि बेंगलुरू में भारी बारिश के कारण भीषण जलभराव जारी है, इसलिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को शहर में एक जलमग्न आवासीय समाज से लोगों को बचाने के लिए तैनात किया गया है. भारी बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं. लगातार भारी बारिश के कारण बेंगलुरू में भीषण जलभराव के बीच, सोमवार को भारत की सिलिकॉन वैली में कई आईटी पेशेवरों ने अपने कार्यस्थलों तक पहुंचने के लिए ट्रैक्टरों का सहारा लिया.
एचएएल हवाई अड्डे के करीब यमलूर पानी में डूब गया है. इलाके में रहने वाली आईटी कंपनियों के कई कर्मचारी सोमवार को ट्रैक्टर लेकर अपने दफ्तर पहुंचे. हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को शहर की मौजूदा स्थिति के लिए राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कर्नाटक खासकर बेंगलुरु में अभूतपूर्व बारिश हुई है. इस तरह की बारिश पिछले 90 वर्षों में नहीं हुई है. सभी टैंक भरे हुए हैं और उनमें पानी भर गया है. लगातार बारिश हो रही है. आज भी बारिश हो रही है.
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उन्होंने कहा कि यह पिछली कांग्रेस सरकार के कुशासन और पूरी तरह से अनियोजित प्रशासन के कारण हुआ. यह कांग्रेस सरकार के खराब प्रशासन का परिणाम है. उन्होंने झीलों को बनाए रखने के बारे में कभी नहीं सोचा था. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन चौबीसों घंटे काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि मुद्दों के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं. इससे पहले जुलाई में कर्नाटक में बारिश के कारण भारी बाढ़ आई थी, जिसके बाद बचाव अभियान और राहत कार्य करना पड़ा था. मुख्यमंत्री बोम्मई को भी केंद्र से वित्तीय सहायता लेनी पड़ी.