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चीनी नागरिकों को वीजा देने में रिश्वत लेने के आरोपी भास्कर रमन को जमानत मिली - चीनी नागरिकों को वीजा

सीबीआई के मुताबिक, 14 मई को पी चिदंबरम के आवास पर तलाशी के बाद मामला दर्ज किया गया था. इस मामले के सह आरोपी कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उसने अवैध रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत प्राप्त करने के बाद 250 चीनी नागरिकों के वीजा की सुविधा प्रदान कर रहे थे. CBI के मुताबिक, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) ने बेल टूल्स लिमिटेड को 50 लाख की राशि का भुगतान किया, जिसने इसे चीनी वीजा के लिए रिश्वत के रूप में एस भास्कर रमन को दिया था.

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Published : Jun 9, 2022, 9:24 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने में रिश्वत लेने के मामले के आरोपी और कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कर रमन को जमानत दे दी है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने दो लाख रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.


भास्कर रमन को 17 मई को चेन्नई से गिरफ्तार किया था. CBI भास्कर रमन को चेन्नई से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर दिल्ली आई थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 19 मई को भास्कर रमन को एक जून तक CBI हिरासत में भेजा था. उसके बाद से भास्कर रमन न्यायिक हिरासत में था. भास्कर रमन की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने कहा कि भास्कर रमन एक वरिष्ठ नागरिक है और एक प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी पिछले 36 सालों से चार्टर्ड अकाउंटेंट की प्रैक्टिस कर रहे हैं.

पेस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ ईडी और सीबीआई के कुछ मामलों में केस चल रहा है, लेकिन वह एक ही मामले में गिरफ्तार हुआ है. उसे तीन अन्य मामले में अग्रिम जमानत मिल चुकी है. उसका पासपोर्ट ईडी के कब्जे में ही है. उन्होंने कहा कि आरोपी के भागने की कोई संभावना नहीं है. आरोपी की ओर से गवाहों को प्रभावित करने या साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है. आरोपी ने पहले के उन मामलों में भी साक्ष्यों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं की है. भास्कर रमन की जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है. अभी दूसरे सह आरोपियों की गिरफ्तारी और पूछताछ बाकी है. सीबीआई ने कहा कि अब तक जो साक्ष्य मिले हैं, उससे साफ है कि आरोपी अपराध में संलिप्त है.


सीबीआई के मुताबिक, 14 मई को पी चिदंबरम के आवास पर तलाशी के बाद मामला दर्ज किया गया था. इस मामले के सह आरोपी कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उसने अवैध रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत प्राप्त करने के बाद 250 चीनी नागरिकों के वीजा की सुविधा प्रदान कर रहे थे. CBI के मुताबिक, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) ने बेल टूल्स लिमिटेड को 50 लाख की राशि का भुगतान किया, जिसने इसे चीनी वीजा के लिए रिश्वत के रूप में एस भास्कर रमन को दिया था.

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने में रिश्वत लेने के मामले के आरोपी और कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कर रमन को जमानत दे दी है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने दो लाख रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.


भास्कर रमन को 17 मई को चेन्नई से गिरफ्तार किया था. CBI भास्कर रमन को चेन्नई से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर दिल्ली आई थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 19 मई को भास्कर रमन को एक जून तक CBI हिरासत में भेजा था. उसके बाद से भास्कर रमन न्यायिक हिरासत में था. भास्कर रमन की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने कहा कि भास्कर रमन एक वरिष्ठ नागरिक है और एक प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी पिछले 36 सालों से चार्टर्ड अकाउंटेंट की प्रैक्टिस कर रहे हैं.

पेस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ ईडी और सीबीआई के कुछ मामलों में केस चल रहा है, लेकिन वह एक ही मामले में गिरफ्तार हुआ है. उसे तीन अन्य मामले में अग्रिम जमानत मिल चुकी है. उसका पासपोर्ट ईडी के कब्जे में ही है. उन्होंने कहा कि आरोपी के भागने की कोई संभावना नहीं है. आरोपी की ओर से गवाहों को प्रभावित करने या साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है. आरोपी ने पहले के उन मामलों में भी साक्ष्यों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं की है. भास्कर रमन की जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है. अभी दूसरे सह आरोपियों की गिरफ्तारी और पूछताछ बाकी है. सीबीआई ने कहा कि अब तक जो साक्ष्य मिले हैं, उससे साफ है कि आरोपी अपराध में संलिप्त है.


सीबीआई के मुताबिक, 14 मई को पी चिदंबरम के आवास पर तलाशी के बाद मामला दर्ज किया गया था. इस मामले के सह आरोपी कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उसने अवैध रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत प्राप्त करने के बाद 250 चीनी नागरिकों के वीजा की सुविधा प्रदान कर रहे थे. CBI के मुताबिक, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) ने बेल टूल्स लिमिटेड को 50 लाख की राशि का भुगतान किया, जिसने इसे चीनी वीजा के लिए रिश्वत के रूप में एस भास्कर रमन को दिया था.

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