जयपुर. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को जयपुर में जनसभा करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार को भी घेरा. सभा के दौरान ओवैसी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री बहुत पढ़े लिखे हैं, सब जानते हैं. ओवैसी ने कहा कि शराब बंद करने के लिए संविधान में बात है, लेकिन बंद नही करते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत गिने चुने लोगों के पास मुल्क की दौलत जमा है. ऐसे में समानता और अनेकता में फर्क है.
प्रधानमंत्री को इसे समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री समानता की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में वे इससे कोसों दूर हैं. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम शादी के मामले में हिंदुओं से 6 फीसदी आगे हैं. उन्होंने कहा कि मोदी देश को 2 मिनट के नूडल्स की तरह चलाना चाहते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि देश ऐसे नहीं चल सकता है.
मेरी सोच का मुकाबला नहीं कर सकोगेः असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी के नेता कहते हैं मैं जिन्ना की तरह हूं. तुम मेरी सोच का मुकाबला नहीं कर सकोगे, मुसलमान दिखते ही उन्हें जिन्ना नजर आता है. ओवैसी ने कहा कि मैं पूछता हूं तुम क्या गोडसे वाले हो ? जैसे मोदी हिंदू और भारतीय हैं, वैसे मैं भी मुसलमान हूं और भारत का नागरिक हूं. उन्होंने कहा कि यूसीसी के नाम पर पीएम मोदी हिंदू सिविल कोड लाना चाहते हैं, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं, जबकि कांग्रेसी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है.
राजेंद्र गुढ़ा से मुलाकात ने बढ़ाया पाराः असदुद्दीन ओवैसी के इस दौरे पर राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई. अशोक गहलोत सरकार में राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की असदुद्दीन ओवैसी से जयपुर में लगभग 1 घंटे से अधिक की मुलाकात हुई है. इस बीच ओवैसी ने कहा कि प्रदेश में कई कांग्रेस नेता अपनी सरकार से दुखी हैं, मुझसे पूछ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे भी संपर्क में कई नेता हैं. ओवैसी से मुलाकात पर मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि अगर दो राजनीतिक व्यक्ति मिल रहे हैं, तो वहां पर मौसम की चर्चा नहीं होगी, वहां पर सियासत की चर्चा हुई है. आने वाले दिनों में इसके परिणाम भी दिखेंगे. उन्होंने कहा कि यहां जो मुलाकात हुई है, उसमें विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई है और अभी कुछ बातें ऐसी भी हैं, जो बताने लायक नहीं है, समय पर बताई जाएंगी.
अल्पसंख्यकों की स्थिति पर उठाए सवालः सभा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी लगातार कई मुद्दों पर प्रदेश सरकार को घेरते रहे. उन्होंने मुसलमानों से जुड़े मुद्दों पर गहलोत सरकार पर आरोप लगाए. ओवैसी ने कहा कि अप्रैल महीने में राजस्थान में मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक हालत और राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर एक रिपोर्ट तैयार करवाई थी. इस बार के विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यक विकास में पिछड़ेपन और भेदभाव को मुद्दा बनाया जाएगा.
सभा में ओवैसी ने कहा कि प्रदेश के 9 मुस्लिम विधायक अशोक गहलोत के सगे हैं, इसके बावजूद गहलोत मुसलमान की हक की बात नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुसलमानों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. ओवैसी ने एमडी रोड पर जनसभा की अनुमति नहीं देने पर नाराज़गी जताई. उन्होंने कहा कि हम राजस्थान में मज़बूती से चुनाव लड़ेंगे, हमने राजस्थान के मुसलमानों के हालात पर एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. हर 3 में से एक बच्चा अंडर वेट है, मुस्लिम OBC में निरक्षरता ज़्यादा है, राजस्थान के मुसलमान अन्य राज्यों के मुसलमानों से भी पिछड़े हैं.
राजस्थान मुसलमानों की आबादी 9 फीसदी है और महज़ 2 फीसदी ही उच्च शिक्षा हासिल कर पाते हैं. ओवैसी ने कहा राजस्थान में मस्जिद पर हमले हो रहे हैं, कांग्रेस की सरकार के बावजूद कांग्रेस के पार्षदों पर मुकदमे दर्ज हो जाते हैं. उन्होंने भरतपुर के नासिर और जुनैद हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा राजस्थान में मुसलमानों का बुरा हाल है, उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल की मौत पर गहलोत ने 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया था, जबकि जुनैद की मौत पर सिर्फ 5 लाख ही क्यों दिए?.
बता दें कि राजस्थान में 40 सीटों पर मुस्लिम समुदाय का असर है. ऐसे में ओवैसी इन सीटों पर कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं. खास बात यह है कि इन 40 सीटों में से सीधे तौर पर 15-16 सीटों पर हर बार मुस्लिम प्रत्याशी ही जीतते हैं.