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कार्यकर्ताओं को सरकारी तनख्वाह देकर पार्टी का काम करवा रहे केजरीवाल: सुधांशु त्रिवेदी

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर एक और घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकारी पद देकर सरकारी तनख्वाह पर नियुक्त कर रहे हैं लेकिन उनसे सरकारी नहीं बल्कि पार्टी का काम करवा रहे हैं.

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Published : Jul 8, 2023, 12:40 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर एक और घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकारी पद देकर सरकारी तनख्वाह पर नियुक्त कर रहे हैं, लेकिन उनसे सरकारी नहीं बल्कि पार्टी का काम करवा रहे हैं. भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ मीडिया से बात करते हुए त्रिवेदी ने आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का नाम लिया जो सरकारी खजाने से वेतन लेकर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा काम करने वाले कई आप कार्यकर्ता अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट को डिलीट कर रहे हैं.

त्रिवेदी ने आप और उसके नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में कट्टर ईमानदार होने का दावा करने वाले लोगों के नित नए किरदार उभर कर सामने आ रहे हैं. पहले शराब के कारोबार में उनका किरदार दिखा, फिर बिजली के व्यापार में और उसके बाद अदालत के अंदर एवं भ्रष्टाचारियों के साथ सरोकार में भी उनका किरदार दिखा. अब उनका एक नए प्रकार का किरदार दिख रहा है जिसमें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकारी तनख्वाह पर नियुक्त करना और उनसे सरकारी पद पर रहते हुए पार्टी का काम करवाना शामिल है.

उन्‍होंने कहा कि ऐसे कईं लोगों के नाम सामने आए हैं, जो तनख्वाह सरकार से पा रहे हैं, लेकिन काम अरविंद केजरीवाल के लिए कर रहे हैं. जबकि यह वही पार्टी है जिसने शपथ पत्र पर लिखा था कि हम मकान, वाहन और सुरक्षा नहीं लेंगे। आज वो सरकारी खजाने का लगातार दुरुपयोग कर रहे हैं. सिर्फ 10 साल में ही उनकी यह हालत हो गई है. सचदेवा ने केजरीवाल सरकार द्वारा की गई अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की इन नियुक्तियों को पूरी तरह से असंवैधानिक बताते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने लगभग 437 नियुक्तियां रद्द की हैं.

पढ़ें : राहुल गांधी को वायनाड के मतदाताओं से माफी मांगनी चाहिए : मुरलीधरन

सार्वजनिक रूप से जारी पहली सूची में 116 लोगों के नाम थे। उन 116 लोगों की जब उन्होंने जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की, तो आधी रात तक सबके सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट हो गए. उन्होंने आप के कई कार्यकर्ताओं का नाम और उन्हें सरकारी खजाने से मिलने वाले वेतन का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल से इस पूरे मामले की जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर एक और घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकारी पद देकर सरकारी तनख्वाह पर नियुक्त कर रहे हैं, लेकिन उनसे सरकारी नहीं बल्कि पार्टी का काम करवा रहे हैं. भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ मीडिया से बात करते हुए त्रिवेदी ने आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का नाम लिया जो सरकारी खजाने से वेतन लेकर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा काम करने वाले कई आप कार्यकर्ता अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट को डिलीट कर रहे हैं.

त्रिवेदी ने आप और उसके नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में कट्टर ईमानदार होने का दावा करने वाले लोगों के नित नए किरदार उभर कर सामने आ रहे हैं. पहले शराब के कारोबार में उनका किरदार दिखा, फिर बिजली के व्यापार में और उसके बाद अदालत के अंदर एवं भ्रष्टाचारियों के साथ सरोकार में भी उनका किरदार दिखा. अब उनका एक नए प्रकार का किरदार दिख रहा है जिसमें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकारी तनख्वाह पर नियुक्त करना और उनसे सरकारी पद पर रहते हुए पार्टी का काम करवाना शामिल है.

उन्‍होंने कहा कि ऐसे कईं लोगों के नाम सामने आए हैं, जो तनख्वाह सरकार से पा रहे हैं, लेकिन काम अरविंद केजरीवाल के लिए कर रहे हैं. जबकि यह वही पार्टी है जिसने शपथ पत्र पर लिखा था कि हम मकान, वाहन और सुरक्षा नहीं लेंगे। आज वो सरकारी खजाने का लगातार दुरुपयोग कर रहे हैं. सिर्फ 10 साल में ही उनकी यह हालत हो गई है. सचदेवा ने केजरीवाल सरकार द्वारा की गई अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की इन नियुक्तियों को पूरी तरह से असंवैधानिक बताते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने लगभग 437 नियुक्तियां रद्द की हैं.

पढ़ें : राहुल गांधी को वायनाड के मतदाताओं से माफी मांगनी चाहिए : मुरलीधरन

सार्वजनिक रूप से जारी पहली सूची में 116 लोगों के नाम थे। उन 116 लोगों की जब उन्होंने जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की, तो आधी रात तक सबके सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट हो गए. उन्होंने आप के कई कार्यकर्ताओं का नाम और उन्हें सरकारी खजाने से मिलने वाले वेतन का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल से इस पूरे मामले की जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की.

(पीटीआई-भाषा)

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