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अजित पवार ने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में पीएम मोदी से मांगी मदद - modi intervention in Maharashtra Karnataka border dispute

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की बात कही है.

अजित पवार
अजित पवार
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Published : Aug 11, 2021, 7:15 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 7:23 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पड़ोसी कर्नाटक के साथ काफी समय से लंबित राज्य के सीमा विवाद को हल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है.

नौ अगस्त को लिखे पत्र में पवार ने मोदी से अनुरोध किया कि वह कर्नाटक सरकार द्वारा कथित तौर पर मराठी भाषी लोगों पर किए जा रहे 'अत्याचारों' को रोकने और विवादित इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करने के लिए कदम उठाएं.

महाराष्ट्र बेलगाम, करवार और निप्पानी समेत कुछ निश्चित इलाकों पर दावा जताता है जोकि कर्नाटक का हिस्सा हैं. उसका दावा है कि इन इलाकों की अधिकतर आबादी मराठी भाषी है. दोनों राज्यों के बीच बेलगाम और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर विवाद कई वर्षों से उच्चतम न्यायालय में लंबित है.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य का गठन हुए 60 साल से भी अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन कर्नाटक के बेलगाम, करवार, बीदर और निप्पानी समेत अन्य मराठी भाषी इलाकों को अब तक महाराष्ट्र में शामिल नहीं किया गया है.

पढ़ें :- सीमा विवाद पर उद्धव बोले, विवादित क्षेत्र केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाए

उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के लोगों और महाराष्ट्र की सीमा से लगे कर्नाटक के मराठी भाषी इलाकों में रहने वाले लोगों को इस बात का अफसोस है कि इस मुद्दे का अभी तक समाधान नहीं हुआ है.

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में पवार ने कहा, कानूनी माध्यम से लड़ाई जारी रहेगी. हम चाहते हैं कि आप महाराष्ट्र के लोगों की इच्छाओं का संज्ञान लें और न्याय सुनिश्चित करें.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पड़ोसी कर्नाटक के साथ काफी समय से लंबित राज्य के सीमा विवाद को हल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है.

नौ अगस्त को लिखे पत्र में पवार ने मोदी से अनुरोध किया कि वह कर्नाटक सरकार द्वारा कथित तौर पर मराठी भाषी लोगों पर किए जा रहे 'अत्याचारों' को रोकने और विवादित इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करने के लिए कदम उठाएं.

महाराष्ट्र बेलगाम, करवार और निप्पानी समेत कुछ निश्चित इलाकों पर दावा जताता है जोकि कर्नाटक का हिस्सा हैं. उसका दावा है कि इन इलाकों की अधिकतर आबादी मराठी भाषी है. दोनों राज्यों के बीच बेलगाम और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर विवाद कई वर्षों से उच्चतम न्यायालय में लंबित है.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य का गठन हुए 60 साल से भी अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन कर्नाटक के बेलगाम, करवार, बीदर और निप्पानी समेत अन्य मराठी भाषी इलाकों को अब तक महाराष्ट्र में शामिल नहीं किया गया है.

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उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के लोगों और महाराष्ट्र की सीमा से लगे कर्नाटक के मराठी भाषी इलाकों में रहने वाले लोगों को इस बात का अफसोस है कि इस मुद्दे का अभी तक समाधान नहीं हुआ है.

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में पवार ने कहा, कानूनी माध्यम से लड़ाई जारी रहेगी. हम चाहते हैं कि आप महाराष्ट्र के लोगों की इच्छाओं का संज्ञान लें और न्याय सुनिश्चित करें.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 11, 2021, 7:23 PM IST
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