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गैर कश्मीरियों की हत्याओं से दहशत में स्थानीय लोग, प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाई

जम्मू कश्मीर में गैर कश्मीरियों पर लगातार हो रहे हमलों के बीच प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. जिले में अलग-अलग जगहों पर नाकेबंदी कर दी गई है, जबकि आने-जाने वालों से पूछताछ की जा रही है. साथ ही पुलिस ने इमरजेंसी एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत, कश्मीर में सभी गैर-स्थानीय मजदूरों को पुलिस और सेना के कैंपों में लाया जाएगा.

प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाई
प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाई
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Published : Oct 17, 2021, 10:52 PM IST

Updated : Oct 17, 2021, 11:04 PM IST

श्रीनगर : पिछले कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर में गैर-मूल निवासियों की हत्या को लेकर आम जनता में चिंता का माहौल है. पहले श्रीनगर में गैर-कश्मीरी मजदूरों की हत्या हुई और अब पुलवामा जिले में भी कई मजदूरों की हत्या हो गई है. कुल मिलाकर इस साल अब तक घाटी में ढाई दर्जन से अधिक नागरिकों की हत्या हुई है.

शनिवार को बिहार के सहारनपुर जिले के एक गैर स्थानीय मजदूर सगीर की अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी, जिसके बाद इलाके में भय और दहशत का माहौल है.

सगीर एक लकड़ी की फैक्ट्री में मजदूर का काम करता था और काम के बाद वह अपने बाकी साथियों के साथ कैंप में आया, जिसके बाद उसने उसके बाद रात के खाने का इंतजाम करना शुरू कर दिया. वह हाथ धोने के लिए वॉशरूम चला गया, जहां अज्ञात बंदूकधारियों ने उस पर नजदीक से गोलियां चलाईं.

हालांकि उसके बाकी साथियों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

वहीं प्रशासन ने हमलों से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. अलग-अलग जगहों पर नाकेबंदी कर दी गई है, जबकि आने-जाने वालों से पूछताछ की जा रही है. साथ ही पुलिस ने इमरजेंसी एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत, कश्मीर में सभी गैर-स्थानीय मजदूरों को पुलिस और सेना के कैंपों में लाया जाएगा.

इस बीच आज सगीर के शव का पोस्टमार्टम किया गया और कानूनी कार्यवाही के बाद शव उसके परिवार को सौंप दिया गया.

पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : बिहार के दो मजूदर टारगेट किलिंग के शिकार, आतंकियों ने की हत्या

इस संबंध में सगीर के साथ काम करने वाले उनके साथी ने कहा कि मैं खाना बना रहा था तभी अचानक से गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी. जिसके बाद मैं बाहर आया. सगीर जमीन पर घायल पड़ा था. हम उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

वहीं घटना को लेकर लकड़ी के कारखाने के मालिक सज्जाद अहमद ने कहा कि उनकी फैक्ट्री में 12 गैर स्थानीय मजदूर थे, जिनमें से कुछ छुट्टी पर चले गए थे. उन्होंने कहा कि ये लोग गरीब हैं और यहां रोजी-रोटी कमाने आते हैं. उन्हें घटनाओं से बहुत डर लग रहा है.

कश्मीर ने नागरिक हत्याओं से जुड़ी अन्य खबरें-

  1. कश्मीर में हिंदू और सिखों को चुन-चुनकर क्यों मार रहा है TRF, जानिए क्या है आतंकियों की साजिश ?
  2. कश्मीर में गैर-मुस्लिमों की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, स्वत: संज्ञान लेने की अपील
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श्रीनगर : पिछले कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर में गैर-मूल निवासियों की हत्या को लेकर आम जनता में चिंता का माहौल है. पहले श्रीनगर में गैर-कश्मीरी मजदूरों की हत्या हुई और अब पुलवामा जिले में भी कई मजदूरों की हत्या हो गई है. कुल मिलाकर इस साल अब तक घाटी में ढाई दर्जन से अधिक नागरिकों की हत्या हुई है.

शनिवार को बिहार के सहारनपुर जिले के एक गैर स्थानीय मजदूर सगीर की अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी, जिसके बाद इलाके में भय और दहशत का माहौल है.

सगीर एक लकड़ी की फैक्ट्री में मजदूर का काम करता था और काम के बाद वह अपने बाकी साथियों के साथ कैंप में आया, जिसके बाद उसने उसके बाद रात के खाने का इंतजाम करना शुरू कर दिया. वह हाथ धोने के लिए वॉशरूम चला गया, जहां अज्ञात बंदूकधारियों ने उस पर नजदीक से गोलियां चलाईं.

हालांकि उसके बाकी साथियों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

वहीं प्रशासन ने हमलों से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. अलग-अलग जगहों पर नाकेबंदी कर दी गई है, जबकि आने-जाने वालों से पूछताछ की जा रही है. साथ ही पुलिस ने इमरजेंसी एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत, कश्मीर में सभी गैर-स्थानीय मजदूरों को पुलिस और सेना के कैंपों में लाया जाएगा.

इस बीच आज सगीर के शव का पोस्टमार्टम किया गया और कानूनी कार्यवाही के बाद शव उसके परिवार को सौंप दिया गया.

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इस संबंध में सगीर के साथ काम करने वाले उनके साथी ने कहा कि मैं खाना बना रहा था तभी अचानक से गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी. जिसके बाद मैं बाहर आया. सगीर जमीन पर घायल पड़ा था. हम उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

वहीं घटना को लेकर लकड़ी के कारखाने के मालिक सज्जाद अहमद ने कहा कि उनकी फैक्ट्री में 12 गैर स्थानीय मजदूर थे, जिनमें से कुछ छुट्टी पर चले गए थे. उन्होंने कहा कि ये लोग गरीब हैं और यहां रोजी-रोटी कमाने आते हैं. उन्हें घटनाओं से बहुत डर लग रहा है.

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Last Updated : Oct 17, 2021, 11:04 PM IST
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