नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Dhankhar) ने गुरुवार को कहा कि वर्ष 2018 में भ्रष्टाचार-रोधी अधिनियम में संशोधन के साथ धारा 17ए को शामिल करना यह सुनिश्चित करने के लिए 'सही दिशा में उठाया गया कदम' है कि लोक सेवक अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से कर सकें.
धनखड़ 16वें लोक सेवा दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित दो दिवसीय समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. उपराष्ट्रपति ने कहा, 'यह (धारा) संबंधित प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति मिलने के बाद लोक सेवकों द्वारा उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में लिए गए निर्णयों से संबंधित मुद्दों की जांच को नियंत्रित करती है.'
उन्होंने कहा कि 'विकसित भारत' का सपना पूरा करने में लोक सेवाओं की अहम भूमिका है. जगदीप धनखड़ ने कठिन परिश्रम के जरिए विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए नौकरशाही की सराहना भी की.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'हमारे लोक सेवा ढांचे को समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधि मिल रहे हैं. राष्ट्र सदैव प्रथम, हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए.' उपराष्ट्रपति ने 'संघ शासित प्रदेशों और राज्यों के प्रशासन में एकरूपता' की वकालत की क्योंकि यह 'संवैधानिक रूप से अनिवार्य' है.
धनखड़ ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है ताकि 'प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित संघवाद, सहकारी संघवाद का रूप ले सके.' उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ने में शीर्ष स्तरीय नौकरशाहों की भूमिका काफी अहम है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस मोर्चे पर कुछ 'चुनौतियां' हैं क्योंकि अखिल भारतीय सेवाएं 'विनिमयशीलता' के साथ काम करती हैं, जो संघ या राज्य के लिए समान है.
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(पीटीआई-भाषा)