सूरत (गुजरात): माना जाता है कि छुट्टी के समय शिक्षक भी अपने परिवार के साथ छुट्टियों का आनंद लेते हैं. हालांकि, सूरत के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेश मेहता ने नई मिसाल पेश की है. वे छुट्टियों में बच्चों को भगवद गीता सिखा रहे हैं. नरेश मानते हैं कि भगवद गीता सभी के घर में होती है, लोग उसकी पूजा करते हैं लेकिन पढ़ते नहीं. इसी उद्देश्य के लिए नरेश मेहता ने ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया और आज उनके फॉलोवर बढ़ते जा रहे हैं.
1000 छात्र रजिस्टर्ड: स्कूलों में इस समय गर्मी की छुट्टी चल रही हैं. उस समय सूरत नगर प्राथमिक विद्यालय संत डोंगरेजी महाराज के आचार्य नरेश मेहता प्रतिदिन 1000 से अधिक बच्चों को भगवद्गीता के श्लोक सुना रहे थे. वे एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं. हालांकि वर्तमान गर्मी की छुट्टी के दौरान युवाओं को भगवद गीता के बारे में बताने के लिए ऑनलाइन पाठ भी आयोजित कर रहे हैं. भगवद गीता का अध्ययन 1000 छात्रों द्वारा किया जा रहा है.
गुजराती में अनुवाद कर देते हैं जानकारी: नरेश मेहता की मुफ्त कक्षा में हर दिन 1000 से अधिक छात्र भगवद गीता के अंश का पाठ करते हैं. राज्य सरकार ने अनिवार्य किया है कि विद्यार्थियों को भगवद् गीता सिखाई जाए. इस कार्यक्रम के तहत प्राचार्य प्रतिदिन स्कूल के बच्चों को गीता की जानकारी देते हैं. संस्कृत और गुजराती में अनुवाद और व्याख्या ताकि कोई भी शिक्षार्थी कविताओं का पाठ कर सके और गीता का अनुसरण कर सकें.
सरल भाषा में गीता का ज्ञान: सरल भाषा में भगवद् गीता: नरेश मेहता बुनियादी ऑनलाइन शिक्षक हैं जो विद्यार्थियों को गीता की कविताएं सिखाते हैं. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी उन्हें अभिनंदन पत्र लिखा है. हर दिन एक घंटे के लिए नरेश मेहता सोशल मीडिया के माध्यम से एक लिंक पास करके माइक्रोसॉफ्ट टीम ऐप का उपयोग करके जानकारी साझा करते हैं. आचार्य के इस प्रयास से माता-पिता भी उत्साहित हैं. इस ऑनलाइन पाठ ने सूरत ही नहीं पूरे गुजरात के छात्रों को आकर्षित किया है.
छुट्टियों का सदुपयोग: आचार्य नरेश मेहता ने कहा कि 1117 छात्रों ने पंजीकरण कराया है. हमने ऑनलाइन पंजीकरण किया है. इसके लिए 8 मई तक 1117 छात्रों ने पंजीकरण कराया था. प्रतिदिन 10 से 11 बजे तक इन बच्चों को गीता के श्लोक ऑनलाइन माध्यम से पढ़ा रहा हूं. हम सभी के घर में गीता की पुस्तक है और हम उसकी पूजा करते हैं लेकिन उसे पढ़ते नहीं हैं. मैं गर्मी की छुट्टियों में यह क्लास इस इरादे से लेता हूं कि ये सभी छात्र गीता पढ़ें. मैं छात्रों के साथ उनके माता-पिता को भी शामिल करने का प्रयास करता हूं. छात्र इतने प्रभावित हैं कि वे छुट्टी पर कहीं नहीं जाते और पाठ में शामिल होते हैं.
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