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कर्नाटक के शिवमोग्गा में 85 साल की महिला दो दिन तक भटकती रही जंगल में, सुरक्षित घर लौटी

कर्नाटक के शिवमोग्गा में एक बुजुर्ग महिला घर से निकलकर बाहर मवेशी को चराने निकली, लेकिन वह इस दौरान घर का रास्ता भूल गई और लौटकर वापस नहीं आई. लेकिन बीती 5 नवंबर से लापता बुजुर्ग महिला बुधवार सुबह सही-सलामत मिल गई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 8, 2023, 7:41 PM IST

woman came back from the forest
जंगल से वापस आई महिला

शिवमोग्गा: कर्नाटक में होसानगर तालुक के सदागल्लु गांव में तीन दिन से लापता एक वृद्ध महिला सुरक्षित मिल गई. शरदम्मा (85) होसानगर तालुक के सदागल्लु गांव की निवासी हैं. वह रविवार (5 नवंबर) को घर के पखवाड़े के बगीचे में गई और लापता हो गई. रविवार रात को भी जब शरदम्मा घर नहीं आई तो परिवार ने खोजबीन शुरू की. लेकिन वह नहीं मिली.

बाद में परिजनों ने सोमवार की सुबह नगर थाने में शिकायत दर्ज करायी, जिसके बाद पुलिस ने वन विभाग को सूचित किया. सोमवार को सदागल्लू, चिक्कट्टब्बी झील के आसपास और कुएं सहित वन क्षेत्र में उनकी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिलीं. मंगलवार को फिर पुलिस के साथ डॉग स्क्वायड, वन विभाग, वृद्धा के परिजन और ग्रामीणों ने तलाश शुरू की.

मंगलवार रात को भी शरदम्मा का पता नहीं चला. परिवार वालों को लगा कि शायद शरदम्मा जंगल में जानवरों का शिकार हो गई है. परिवार के सदस्यों ने घर आकर बुधवार (आज) को तलाश जारी रखने का फैसला किया. उसी दौरान शरदम्मा के बेटे को पता चला कि वह मिल गईं हैं और वह जीवित है. यह जानकारी कब्बानहिट्टालू गांव के सुरेश शेट्टी ने दी थी. इस खबर के साथ पूरा परिवार खुश हो गया.

बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर जब शरदम्मा घर के बैकयार्ड बने बगीचे में गई, तो मवेशियों को संभालते हुए काफी आगे निकल गईं. वह घर वापसी का रास्ता भूल गईं. उनके साथ आया कुत्ता उनके पीछे-पीछे चला गया. मंगलवार दोपहर को चार या पांच मवेशी शरदम्मा को दिखाई दिए. वह मवेशियों के पीछे-पीछे चल पड़ीं, लेकिन मवेशी उनसे काफी आगे निकल गए. भूख और प्यास से वह कमजोर हो गईं थी, जिसके चलते मवेशी उनसे आगे निकल गए और वह रास्ते से भटक गईं.

शिवमोग्गा: कर्नाटक में होसानगर तालुक के सदागल्लु गांव में तीन दिन से लापता एक वृद्ध महिला सुरक्षित मिल गई. शरदम्मा (85) होसानगर तालुक के सदागल्लु गांव की निवासी हैं. वह रविवार (5 नवंबर) को घर के पखवाड़े के बगीचे में गई और लापता हो गई. रविवार रात को भी जब शरदम्मा घर नहीं आई तो परिवार ने खोजबीन शुरू की. लेकिन वह नहीं मिली.

बाद में परिजनों ने सोमवार की सुबह नगर थाने में शिकायत दर्ज करायी, जिसके बाद पुलिस ने वन विभाग को सूचित किया. सोमवार को सदागल्लू, चिक्कट्टब्बी झील के आसपास और कुएं सहित वन क्षेत्र में उनकी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिलीं. मंगलवार को फिर पुलिस के साथ डॉग स्क्वायड, वन विभाग, वृद्धा के परिजन और ग्रामीणों ने तलाश शुरू की.

मंगलवार रात को भी शरदम्मा का पता नहीं चला. परिवार वालों को लगा कि शायद शरदम्मा जंगल में जानवरों का शिकार हो गई है. परिवार के सदस्यों ने घर आकर बुधवार (आज) को तलाश जारी रखने का फैसला किया. उसी दौरान शरदम्मा के बेटे को पता चला कि वह मिल गईं हैं और वह जीवित है. यह जानकारी कब्बानहिट्टालू गांव के सुरेश शेट्टी ने दी थी. इस खबर के साथ पूरा परिवार खुश हो गया.

बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर जब शरदम्मा घर के बैकयार्ड बने बगीचे में गई, तो मवेशियों को संभालते हुए काफी आगे निकल गईं. वह घर वापसी का रास्ता भूल गईं. उनके साथ आया कुत्ता उनके पीछे-पीछे चला गया. मंगलवार दोपहर को चार या पांच मवेशी शरदम्मा को दिखाई दिए. वह मवेशियों के पीछे-पीछे चल पड़ीं, लेकिन मवेशी उनसे काफी आगे निकल गए. भूख और प्यास से वह कमजोर हो गईं थी, जिसके चलते मवेशी उनसे आगे निकल गए और वह रास्ते से भटक गईं.

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