जशपुर में पुलिस ऑफिसर्स की कार्यशाला, महिला अपराध और पॉक्सो एक्ट पर फोकस
जशपुर : महिला अपराध और पाक्सो एक्ट से जुड़े हुए मामलों की जांच और ठोस सबूतों के साथ न्यायालय के समक्ष आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत करने के लिए पुलिस विभाग ने जांच अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया (Police officers workshop in Jashpur) गया. इस कार्यशाला में विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महेश राज ने जांच अधिकारियों को इन मामलों की तकनीकी पहलुओं की जानकारी (investigation of women crime and POCSO act) दी. एसपी डी रविशंकर (SP D Ravi Shankar) ने बताया कि ''सर्वोच्च न्यायालय ने दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत पंजीबद्व किए जाने वाले अपराधों की चार्ज शीट 60 दिन के अंदर न्यायालय के सामने प्रस्तुत करने का सख्त निर्देश दिया है. इसके साथ ही विभागीय वेबसाइट के माध्यम से केन्द्र सरकार भी इन मामलों में की जा रही कार्रवाई की निगरानी करती है.'' समय सीमा में काम करने के बाद भी जांच अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि चार्जशीट कानून के अनुसार तकनीक रूप से मजबूत रहे और आरोपित के खिलाफ न्यायालय के समक्ष साक्ष्य सही तरीके से प्रस्तुत किया जा सके. इसके लिए विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महेश राज (Secretary of Legal Services Authority) ने अधिकारियों को कानून की बारिकियों की जानकारी दी. इस दौरान कार्यशाला में शामिल अधिकारियों द्वारा पूछे गए प्रश्न और उनके शंका का भी उन्होनें विस्तार से समाधान करते हुए सचिव महेश राज ने बताया कि ''पाक्सो एक्ट से जुड़े हुए अपराध की जांच में सबसे पहले पीड़ित के उम्र की पुष्टि,जन्म संबंधी दस्तावेज लेकर अवश्य कर लेना चाहिए. जब भी इस तरह के मामले की जांच कोई भी पुलिस अधिकारी करता है तो उसे इस बात को विशेष तरह से याद रखना चाहिए वह मामले में एक पुलिस अधिकारी के रूप में नहीं,बल्कि समिति के सदस्य के रूप में संबंधितों का बयान दर्ज करने की कार्रवाई कर रहा है.''