thumbnail

कांकेर में जान जोखिम में डालकर स्कूल चले हम

By

Published : Aug 8, 2022, 10:21 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 10:35 PM IST

देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आज भी शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार पाने स्कूली बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालना पड़ रहा है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत एक नारा है स्कूल चले हम, लेकिन कांकेर में स्कूल जाने के लिए स्कूली बच्चों को रोज अपनी जान दांव पर लगाना पड़ता है. कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लॉक की सरंडी ग्राम पंचायत में स्कूल सरंडी नदी के उस पार बना हुआ है. ऐसे में बच्चे सरंडी नदी को पार कर रोजाना स्कूल जाते है. सरंडी नदी के उस पार ग्राम पंचायत एडानार है. सरंडी गांव के बच्चे भी उसी स्कूल में आते हैं. अगर स्कूल का संचालन नदी के इस पार किया जाएगा तो एडानार के बच्चों को जान जोखिम में डालकर नदी पार कर सरण्डी गांव आना पड़ेगा. यानी दोनों तरफ से स्कूली बच्चों के लिए स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ेगा. गांव के सरपंच रोहित राणा ने बताया कि ''नदी में पुल बनाने के लिए कई बार विधायक और प्रशानिक अधिकारियों को आवेदन दिए हैं लेकिन हमारी मांगों को अनदेखा कर दिया गया है. मेरी तो मांग है कि जल्द से जल्द पुल का निर्माण किया जाए. अभी तो थोड़ा पानी कम है तो बच्चे स्कूल आ जा रहे हैं वर्ना स्कूल पूरी तरह से बंद हो जाता है. बच्चों के साथ कभी भी कोई बड़ा हादसा होने का खतरा बना रहता है.'' बरसात के दिनों में सरंडी नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ साथ बहाव भी तेज हो जाता है. सरंडी नदी पर कोई पुल न होने के कारण बच्चों को पानी में उतरकर स्कूल जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पिछले कई दशकों से इस समस्या को हल करने के लिए गांववासी पंचायत से लेकर मंत्रियों के आगे गुहार लगा चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस है. अब इसका खामियाजा स्कूली बच्चों को झेलना पड़ रहा है. एक तरफ जहां प्रदेश सरकार शिक्षा सुविधाओं और गांव गांव में विकास का ढिंढोरा पीटकर वाहवाही लूट रही है, वहां ऐसी समस्याओं पर प्रदेश सरकार की कोई नजर नहीं है.
Last Updated : Aug 8, 2022, 10:35 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

author-img

...view details

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.