रामगढ़ पर्वत से है कालिदास के महाकाव्य मेघदूत का खास कनेक्शन

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महाकवि कालिदास जब एक प्रेमी के प्रेम, प्रणय की व्याकुलता को लिखते हैं और मेघ को दूत मानकर संदेश भिजवाते हैं, तब मेघदूतम जैसे महाकाव्य की रचना होती है. मेघदूतम महाकवि कालिदास की रचनाओं का अमिट हस्ताक्षर है. कहते हैं कालिदास ने ये अद्भुत रचना सरगुजा के रामगढ़ पर्वत पर की थी. शोधकर्ताओं की मानें तो रामगढ़ का पर्वत ही रामगिरि पर्वत है, जिसका उल्लेख महाकाव्य मेघदूतम में मिलता है. दावा है कि यही वो पर्वत है जिसमें बैठकर कालिदास ने प्रेमिका विरह में मेघ पर पत्र लिखे थे और उन्हें अलकापुरी भेजा था. यह दिन था आषाढ़ मास का पहला दिन, जिस दिन वर्षा ऋतु का आगाज माना जाता है. जब घनघोर काले मेघ आसमान में छा जाते हैं और फिर वर्षा बनकर बरसते हैं.
Last Updated : Jan 9, 2021, 10:45 AM IST

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