Chhattisgarh Assembly Elections: सर्व आदिवासी समाज की चुनावी हुंकार से मची खलबली !
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बिलासपुर: सर्व आदिवासी समाज ने छ्त्तीसगढ़ के 50 विधानसभाओं में उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि सामाजिक क्रियाकलापों के बाद अब राजनीति के क्षेत्र में भी हमे आगे आना है. 20 साल पुरानी इस संस्था में आदिवासी समाज के कई वरिष्ठ सामाजिक और राजनीतिक लोग शामिल हैं, जो समाज को लाभ दिलाने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि "पिछले 23 सालों से वे इंतजार कर रहे है कि राजनीतिक पार्टी पेसा कानून लागू करे. लेकिन पेसा कानून लागू होने के बाद भी आदिवासियों से उनका अधिकार छीन लिया गया. जैसे शरीर तो दे दिया गया लेकिन उसमें से आत्मा निकाल ली गई हो.
50 सीटों पर चुनाव लड़ाने चल रही तैयारी: जल जंगल जमीन बचाने के लिए खतरा मोल लेना पड़ रहा है. इसलिए अब समाज चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर रही है. जो सीटें आरक्षित हैं. वहां से चुनाव तो लड़ा ही जाएगा साथ ही जिन सीटों में 20 से 40 फीसदी आदिवासी मतदाता हैं. वहां भी चुनाव लड़ाया जाएगा. 50 से 55 सीटों पर सर्व आदिवासी समाज चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. विभिन्न छोटे दलों से भी उनकी चर्चा चल रही है. अगर वह भी साथ आ गए तो एडजस्ट करके चुनाव लड़ा जाएगा. बस्तर में लगभग 20 से 25 जगह आंदोलन किए जा रहे हैं. मगर ना सरकार न प्रशासन कोई भी आंदोलन खत्म कराने की दिशा में काम नहीं कर रहा है.
सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार उतारने से आदिवासी सीटों पर चुनावी संग्राम में इजाफा होगा. मुकाबला काफी ज्यादा दिलचस्प होने की उम्मीद है.