Chaitra navratri 2023 : हर नवरात्रि में क्यों बदलता है माता का वाहन - हर नवरात्रि में क्यों बदलता है माता का वाहन
🎬 Watch Now: Feature Video
![ETV Thumbnail thumbnail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/640-480-18071374-thumbnail-16x9-image-aspera.jpg)
सरगुजा : हिंदू धर्म में नवरात्रि का अलग महत्व है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के अवसर पर माता धरती पर आती हैं. इस दौरान नौ दिनों तक भक्त उनकी सेवा सत्कार करते हैं.लेकिन हर बार नवरात्रि के अवसर पर माता अलग अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं. जिनमें से कुछ वाहन शुभ संकेत लाते हैं तो कुछ अशुभ.माता को धरती पर बुलाने के लिए षष्ठी तिथि का दिन निर्धारित है. जब उन्हें निमंत्रण दिया जाता है.इसके बाद सप्तमी तिथि के अवसर पर माता वाहनों पर सवार होकर आती हैं.
हाथी पर आना शुभ संकेत : माता रानी का वाहनों में आने का निर्णय दिन करते हैं. जैसे रविवार या सोमवार के दिन सप्तमी की तिथि आए तो माता गज यानी हाथी पर सवार होकर आती हैं. 'शशि सूर्य गजा रूढ़ा' 'गजे ना जलदादधि' यानी यदि माता गज पर सवार होकर आ रही हैं तो अच्छी वृष्टि होगी.
डोली और नौका पर आने का संकेत : 'गुरु शुक्रे दोलायाम' गुरु और शुक्रवार के दिन सप्तमी तिथि हो तो माता डोली पर आती हैं.ऐसी तिथि आने पर काफी कष्टकारी होता है. वहीं इन्हीं तिथियों में माता नौका पर भी सवार होकर आ सकती हैं. नौका पर माता का आना सबसे सुखद माना जाता है.
घोड़े पर आना माना गया है अशुभ : ' शनि भौम तुरंग मेय' यानी शनिवार और मंगलवार के दिन जब सप्तमी तिथि पड़े तो मानिए ये शुभ संकेत नहीं हैं.ऐसा होने पर राज्य में युद्ध , महामारी का भय होता है.साथ ही राजनीतिक उथल पुथल भी होती है.