सूरजपुर: छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए कई सारी योजनाएं हैं, लेकिन हर योजना का लाभ यहां की महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है. हालांकि कुछ महिलाएं अलग रास्ता निकाल लेती हैं. ऐसी ही एक कहानी है सुरजपुर के भैयाथान ब्लॉक के महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं की. यहां की महिलाएं मधुमक्खी पालन कर न केवल लोगों की स्वास्थ्य सुधार रही हैं, अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को भी सुधार रही है.
ग्रामीण इलाकों में आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर आजीविका चला रही हैं. भैयाथान ब्लॉक के सिरसी और सुंदरपुर में महिलाएं मधुमक्खी पालन कर रही हैं. मधुमक्खी पालन के लिए इन्हें प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं. महिलाएं 15 से 20 दिनों में ही 15 से 20 हजार रुपये तक कमा रही हैं. मधुमक्खियों से मिलने वाले शुद्ध शहद महिलाओं के आर्थिक स्थिति को सुधारते नजर आ रही है. महिलाओं की मधुमक्खी पालन की लगन और आमदनी अब दूसरे गांव की महिलाओं को भी आकर्षित कर रहे हैं.
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भैयाथान ब्लॉक के सिरसी और सुंदरपुर पंचायत की महिलाएं शहद उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत महिला समूहों को 100-100 मधुमक्खी पेटी दिया गया था. इसके लिए महिला समूह को प्रशिक्षण भी दिया गया, जिसके बाद महिलाओं ने शहद इकट्ठा करनी शुरू की और देखते ही देखते 15 दिनों के भीतर 45 किलोग्राम शहद उत्पादन किया. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत इन महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ने के लिए शुभकामनाएं देता है.