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सूरजपुर: हाथियों की मौत के मामले में जांच हुई तेज, राज्यस्तरीय 5 सदस्यीय टीम पहुंची प्रतापपुर

हाथियों की मौत के मामले में जांच का दौर शुरू हो गया है. राज्यस्तरीय पांच सदस्यों की जांच टीम ने प्रतापपुर पहुंचकर कुछ स्थानों का निरीक्षण किया है. स्थानीय रेस्ट हाउस में सुबह 8 बजे से 3 बजे तक स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का बयान दर्ज किया है.

statelevel five members investigation team on elephant death
5 सदस्यीय टीम पहुंची प्रतापपुर
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Published : Jun 26, 2020, 12:36 PM IST

सूरजपुर: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में 15 दिनों पहले हाथियों की मौत के मामले में जांच का दौर शुरू हो गया है. एक दिन पहले जहां सेंट्रल की टीम जांच कर जा चुकी थी, तो वहीं शुक्रवार को राज्यस्तरीय पांच सदस्यों की जांच टीम प्रतापपुर पहुंची है. टीम ने कुछ स्थानों का निरीक्षण कर स्थानीय रेस्ट हाउस में सुबह 8 बजे से 3 बजे तक स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का बयान दर्ज किया है.

हाथियों की मौत में जांच हुई तेज

पढ़ें- संकट में गजराज: 10 दिन में 6 हाथियों ने गंवाई जान, मौत के कारण से विभाग अनजान


11 मई से 18 जून के बीच एक-एक कर 7 हाथियों के शव मिले हैं. इनमें से 3 सूरजपुर के प्रतापपुर, एक बलरामपुर के जंगल में, एक धमतरी और दो धरमजयगढ़ में मिले हैं. लगातार गजराज की मौत ने छत्तीसगढ़ के वन्यप्राणी प्रेमियों को बेचैन किया, तो सरकार भी चेती. सवालों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन विभाग के साथ बैठक की.

हाथियों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं

मंगलवार को केंद्र की ओर से तीन सदस्यीय जांच टीम तीन हाथियों की मौत के मामले में गोपनीय तरीके से जांच करवा रही थी, तो वहीं राज्य की जांच समिति रेस्ट हाउस में दिनभर जांच के नाम पर डटे रहे. वहीं जांच समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने बताया कि जांच की प्रक्रिया जारी है. हाथियों की मौत के मामले में कुछ भी स्पष्ट रूप से कहना फिलहाल मुश्किल है. जांच के बाद रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दिया जाएगा, जिसके बाद ही कुछ निष्कर्ष निकाला जाएगा.

statelevel five members investigation team on elephant death
5 सदस्यीय टीम पहुंची प्रतापपुर

पढ़ें- छत्तीसगढ़: लगातार हाथियों की मौत ने तोड़ी नींद, सीएम के साथ बैठक में बड़े फैसले

अब तक स्षट नहीं हुआ हाथियों की मौत का कारण

सूरजपुर का प्रतापपुर वनमंडल हाथियों के नाम से ही जाना जाता है. जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में लगातार एक महीने के अंदर चार मादा हाथियों का शव मिल चुका है. इस वन परिक्षेत्र में हथिनी का शव मिलने के बाद विभाग ने कीटनाशक से मौत की आशंका जताई थी, हालांकि दूषित पानी पीने से भी मौत की बात सामने आ रही थी, लेकिन अब तक वन विभाग इस बात का पता नहीं लगा पाया है कि आखिर एक के बाद एक गजराज की जान जा क्यों रही है.


पढ़ें- हाथियों का कब्रगाह बना छत्तीसगढ़, एक महीने में 6 की मौत

मोबाइल एप के जरिए से हाथियों की होगी मॉनिटरिंग

इस मामले में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि लगातार हाथियों की करंट से मौत हो रही है. इसे लेकर फैसला लिया गया है कि जहां भी अवैध कनेक्शन पाया जाएगा, वहां कार्रवाई होगी. मंत्री अकबर ने कहा कि हाथियों का दल जिस ओर जाता है, वहां उनके पहुंचने के पहले मोबाइल एप के माध्यम से गांव वालों को सूचना दी जाती है और उन्हें सुरक्षित करने की कोशिश की जाती है और आगे भी इनकी लगातार मॉनिटरिंग होती रहेगी.

सूरजपुर: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में 15 दिनों पहले हाथियों की मौत के मामले में जांच का दौर शुरू हो गया है. एक दिन पहले जहां सेंट्रल की टीम जांच कर जा चुकी थी, तो वहीं शुक्रवार को राज्यस्तरीय पांच सदस्यों की जांच टीम प्रतापपुर पहुंची है. टीम ने कुछ स्थानों का निरीक्षण कर स्थानीय रेस्ट हाउस में सुबह 8 बजे से 3 बजे तक स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का बयान दर्ज किया है.

हाथियों की मौत में जांच हुई तेज

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11 मई से 18 जून के बीच एक-एक कर 7 हाथियों के शव मिले हैं. इनमें से 3 सूरजपुर के प्रतापपुर, एक बलरामपुर के जंगल में, एक धमतरी और दो धरमजयगढ़ में मिले हैं. लगातार गजराज की मौत ने छत्तीसगढ़ के वन्यप्राणी प्रेमियों को बेचैन किया, तो सरकार भी चेती. सवालों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन विभाग के साथ बैठक की.

हाथियों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं

मंगलवार को केंद्र की ओर से तीन सदस्यीय जांच टीम तीन हाथियों की मौत के मामले में गोपनीय तरीके से जांच करवा रही थी, तो वहीं राज्य की जांच समिति रेस्ट हाउस में दिनभर जांच के नाम पर डटे रहे. वहीं जांच समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने बताया कि जांच की प्रक्रिया जारी है. हाथियों की मौत के मामले में कुछ भी स्पष्ट रूप से कहना फिलहाल मुश्किल है. जांच के बाद रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दिया जाएगा, जिसके बाद ही कुछ निष्कर्ष निकाला जाएगा.

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5 सदस्यीय टीम पहुंची प्रतापपुर

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अब तक स्षट नहीं हुआ हाथियों की मौत का कारण

सूरजपुर का प्रतापपुर वनमंडल हाथियों के नाम से ही जाना जाता है. जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में लगातार एक महीने के अंदर चार मादा हाथियों का शव मिल चुका है. इस वन परिक्षेत्र में हथिनी का शव मिलने के बाद विभाग ने कीटनाशक से मौत की आशंका जताई थी, हालांकि दूषित पानी पीने से भी मौत की बात सामने आ रही थी, लेकिन अब तक वन विभाग इस बात का पता नहीं लगा पाया है कि आखिर एक के बाद एक गजराज की जान जा क्यों रही है.


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मोबाइल एप के जरिए से हाथियों की होगी मॉनिटरिंग

इस मामले में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि लगातार हाथियों की करंट से मौत हो रही है. इसे लेकर फैसला लिया गया है कि जहां भी अवैध कनेक्शन पाया जाएगा, वहां कार्रवाई होगी. मंत्री अकबर ने कहा कि हाथियों का दल जिस ओर जाता है, वहां उनके पहुंचने के पहले मोबाइल एप के माध्यम से गांव वालों को सूचना दी जाती है और उन्हें सुरक्षित करने की कोशिश की जाती है और आगे भी इनकी लगातार मॉनिटरिंग होती रहेगी.

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