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सूरजपुर: नवोदय विद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का स्कूल प्रबंधन ने किया विरोध

सूरजपुर जिले के नवोदय विद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने को लेकर स्कूल के सभी स्टाफ समेत छात्रों ने नाराजगी जाहिर की है. स्टाफ का कहना है कि वे यहां निवास करते हैं ऐसे में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनने से परेशानी बढ़ सकती है.

School management protests to make Navodaya Vidyalaya  a quarantine center in Surajpur
क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध
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Published : May 4, 2020, 1:08 PM IST

Updated : May 4, 2020, 3:38 PM IST

सूरजपुर: जिले के नवोदय विद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने को लेकर विद्यालय के सभी स्टाफ ने नाराजगी जाहिर की है. सभी स्कूल स्टाफ ने नीचे बैठकर प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध जताया है. सभी स्टाफ का कहना है कि वे यहां निवास करते हैं ऐसे में यहां क्वॉरेंटाइन सेंटर बनने से परेशानी बढ़ सकती है.

स्कूल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध

कोरोना वायरस के चलते सभी को घर में रहने की हिदायत दी जा रही है, लेकिन ऐसे में स्टाफ के निवास के पास ही क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया जाएगा तो परेशानी बढ़ सकती है. नवोदय विद्यालय की एक शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में लगभग 200 स्टाफ रहते हैं, वहीं असम के 13 माइग्रेट स्टूडेंट भी रहते हैं. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत जिस नवोदय स्कूल में माइग्रेट स्टूडेंट रुके हैं वहां क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं बनाया जा सकता है. ऐसे में डेढ़ सौ मजदूर को यहां लाया जा रहा है, क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की प्रक्रिया चल रही है, ऐसी परिस्थिति में अगर प्रशासन घर जाने का पास बना दें तो सभी लोग घर जा सकते थे, लेकिन आज तक पास नहीं बना. इतना ही नहीं जब प्रशासन को जरूरत हुई तो अचानक कैंपस खाली करने के लिए कहा गया है.

गांव के बीच क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाना सही नहीं

इधर असम की छात्र रूपमिली ने बताया कि 45 दिनों से लॉकडाउन की वजह से घर नहीं जा पा रहे हैं और क्वॉरेंटाइन सेंटर को एकांत जगह बनााया जाना चाहिए ताकि यहां रह रहे लोगों को राहत मिले. इसके साथ ही ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि मजदूरों के लिए हमदर्दी है लेकिन गांव के बीच में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाना सही नहीं है.

पढ़ें- कोरोना हॉटस्पॉट जजावल में प्रशासन अलर्ट, क्षेत्र को किया जा रहा सैनिटाइज

सूरजपुर: जिले के नवोदय विद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने को लेकर विद्यालय के सभी स्टाफ ने नाराजगी जाहिर की है. सभी स्कूल स्टाफ ने नीचे बैठकर प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध जताया है. सभी स्टाफ का कहना है कि वे यहां निवास करते हैं ऐसे में यहां क्वॉरेंटाइन सेंटर बनने से परेशानी बढ़ सकती है.

स्कूल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध

कोरोना वायरस के चलते सभी को घर में रहने की हिदायत दी जा रही है, लेकिन ऐसे में स्टाफ के निवास के पास ही क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया जाएगा तो परेशानी बढ़ सकती है. नवोदय विद्यालय की एक शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में लगभग 200 स्टाफ रहते हैं, वहीं असम के 13 माइग्रेट स्टूडेंट भी रहते हैं. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत जिस नवोदय स्कूल में माइग्रेट स्टूडेंट रुके हैं वहां क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं बनाया जा सकता है. ऐसे में डेढ़ सौ मजदूर को यहां लाया जा रहा है, क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की प्रक्रिया चल रही है, ऐसी परिस्थिति में अगर प्रशासन घर जाने का पास बना दें तो सभी लोग घर जा सकते थे, लेकिन आज तक पास नहीं बना. इतना ही नहीं जब प्रशासन को जरूरत हुई तो अचानक कैंपस खाली करने के लिए कहा गया है.

गांव के बीच क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाना सही नहीं

इधर असम की छात्र रूपमिली ने बताया कि 45 दिनों से लॉकडाउन की वजह से घर नहीं जा पा रहे हैं और क्वॉरेंटाइन सेंटर को एकांत जगह बनााया जाना चाहिए ताकि यहां रह रहे लोगों को राहत मिले. इसके साथ ही ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि मजदूरों के लिए हमदर्दी है लेकिन गांव के बीच में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाना सही नहीं है.

पढ़ें- कोरोना हॉटस्पॉट जजावल में प्रशासन अलर्ट, क्षेत्र को किया जा रहा सैनिटाइज

Last Updated : May 4, 2020, 3:38 PM IST
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