ETV Bharat / state

Third Day of navratri : माता चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें, जानिए पूजन का शुभकाल - माता चंद्रघंटा

नवरात्रि का तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित होता है. इस दिन माता चंद्रघंटा की आराधना से जातक को कई तरह के कष्टों से छुटकारा मिलता है. चंद्रघंटा माता जीवन में स्थिरता और शीतलता लाती है.

Etv Bharat
माता चंद्रघंटा की कैसे करें आराधना
author img

By

Published : Mar 22, 2023, 8:10 PM IST

नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को है समर्पित

रायपुर : चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को चंद्रघंटा माता की पूजा करने का दिवस है. माता चंद्रघंटा, दानवों का और दैत्यों का नाश करने वाली देवी मानी जाती है. माता चंद्रघंटा का कुमकुम, मौली, रोली, अक्षत और पान से अभिषेक किया जाता है. सर्वप्रथम माता को शुद्ध गंगा, यमुना, सरस्वती नदी के जल से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थल साफ करके भगवती की पूजा करनी चाहिए.

माता चंद्रघंटा अपने हाथ में तलवार, त्रिशूल, धनुष और गदा धारण करने वाली देवी हैं. उनके माथे पर अर्धचंद्र विराजमान हैं. इसलिए माता का नाम चंद्रघंटा पड़ा. माता को अक्षत, पुष्प सफेद, दूध से बने हुए पदार्थ, सेब और केला अर्पित किए जाते हैं.


माता चंद्रघंटा को कमल अर्पित करना शुभ :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "माता को पीले रंग का कमल या सफेद रंग का कमल चढ़ाना शुभ माना गया है. माता को सुनहरी चमकीली साड़ी अर्पित की जाती है. ओम चंद्रघंटा नमः या देवी सर्वभूतेषु माता चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमसस्तस्ये नमसस्तस्ये नमसस्तस्ये नमो नमः, इस महामंत्र का पाठ करना चाहिए. माता चंद्रघंटा भक्तों की कामनाएं पूर्ण करती है. श्वेत वस्त्र धारण करके माता चंद्रघंटा की उपासना करने पर देवी प्रसन्न होती है. आज के शुभ दिन पूरी तरह से सात्विक और सकारात्मक होकर जीवन जीना चाहिए."

ये भी पढ़ें- क्या है अक्षय तृतीया के दिन दान का महत्व



कैसे करें माता चंद्रघंटा की पूजा : :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के शुभ दिन ध्यान योग और यज्ञ करना भी श्रेष्ठ माना गया है. प्राणायाम के अभ्यास से संपूर्ण शरीर को महान ऊर्जा मिलती है. नवरात्रि में किया गया प्राणायाम और ध्यान भक्तों में महान ऊर्जा का संचार करता है. भगवती के सामने बैठकर ध्यान मग्न होकर पूजा करने से भगवती प्रसन्न होती है. माता चंद्रघंटा ने वैदिक स्वरूप में दैत्यों और दानवों का संपूर्ण विनाश किया था. आज के शुभ दिन माता चंद्रघंटा की कृपा से भक्तों पर आत्मविश्वास और नैतिक गुणों में वृद्धि होती है. मुकदमे और शत्रुओं पर विजय मिलने की संभावना बढ़ती है."

नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को है समर्पित

रायपुर : चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को चंद्रघंटा माता की पूजा करने का दिवस है. माता चंद्रघंटा, दानवों का और दैत्यों का नाश करने वाली देवी मानी जाती है. माता चंद्रघंटा का कुमकुम, मौली, रोली, अक्षत और पान से अभिषेक किया जाता है. सर्वप्रथम माता को शुद्ध गंगा, यमुना, सरस्वती नदी के जल से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थल साफ करके भगवती की पूजा करनी चाहिए.

माता चंद्रघंटा अपने हाथ में तलवार, त्रिशूल, धनुष और गदा धारण करने वाली देवी हैं. उनके माथे पर अर्धचंद्र विराजमान हैं. इसलिए माता का नाम चंद्रघंटा पड़ा. माता को अक्षत, पुष्प सफेद, दूध से बने हुए पदार्थ, सेब और केला अर्पित किए जाते हैं.


माता चंद्रघंटा को कमल अर्पित करना शुभ :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "माता को पीले रंग का कमल या सफेद रंग का कमल चढ़ाना शुभ माना गया है. माता को सुनहरी चमकीली साड़ी अर्पित की जाती है. ओम चंद्रघंटा नमः या देवी सर्वभूतेषु माता चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमसस्तस्ये नमसस्तस्ये नमसस्तस्ये नमो नमः, इस महामंत्र का पाठ करना चाहिए. माता चंद्रघंटा भक्तों की कामनाएं पूर्ण करती है. श्वेत वस्त्र धारण करके माता चंद्रघंटा की उपासना करने पर देवी प्रसन्न होती है. आज के शुभ दिन पूरी तरह से सात्विक और सकारात्मक होकर जीवन जीना चाहिए."

ये भी पढ़ें- क्या है अक्षय तृतीया के दिन दान का महत्व



कैसे करें माता चंद्रघंटा की पूजा : :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के शुभ दिन ध्यान योग और यज्ञ करना भी श्रेष्ठ माना गया है. प्राणायाम के अभ्यास से संपूर्ण शरीर को महान ऊर्जा मिलती है. नवरात्रि में किया गया प्राणायाम और ध्यान भक्तों में महान ऊर्जा का संचार करता है. भगवती के सामने बैठकर ध्यान मग्न होकर पूजा करने से भगवती प्रसन्न होती है. माता चंद्रघंटा ने वैदिक स्वरूप में दैत्यों और दानवों का संपूर्ण विनाश किया था. आज के शुभ दिन माता चंद्रघंटा की कृपा से भक्तों पर आत्मविश्वास और नैतिक गुणों में वृद्धि होती है. मुकदमे और शत्रुओं पर विजय मिलने की संभावना बढ़ती है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.