रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल ने पहला सवाल प्रेमचंद पटेल ने पूछा. उनका सवाल था कि कटघोरा वनमंडल के अंतर्गत वन विभाग ने साल 2023-24 और 2024-25 में कितने कामों की स्वीकृति दी.
मंत्री केदार कश्यप ने प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि कटघोरा में लगभग 5 हजार 346 काम स्वीकृत हुए हैं. जिनमें से 3 हजार 19 काम पूरे हो गए हैं. 2027 काम प्रगति पर है जो जल्द से जल्द पूरे करा लिए जाएंगे.
पटेल ने पूछा कि वन विभाग की तरफ से ही ये काम कराए जा रहे हैं या फिर दूसरे विभागों को भी एजेंसी बनाया गया है. मंत्री ने कहा कि वन विभाग को ही एजेंसी बनाई गई है.
गोंगपा विधायक हीरा सिंह मरकाम ने बीच में सवाल पूछते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई तालाब निर्माण नहीं कराए गए हैं. प्रगतिरत बताया जा रहा है लेकिन वहां कोई काम ही नहीं हुए हैं. मंत्री केदार कश्यप ने इसका जवाब देते हुए कहा कि साल 2024-25 में हो रही कार्यों की जानकारी दी गई है. मरकाम ने कहा कि कार्य शुरू ही नहीं हुए हैं. क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण कार्य कहां कराए जा रहे हैं. मंत्री ने जवाब दिया कि केंपा मद से साल 2024- 25 के क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण कार्य की जानकारी दी है. इसकी अलग से भी जानकारी दे दी जाएगी.
चरणदास महंत ने पूछा कि कटघोरा में जितने भी सड़क और तालाब के काम स्वीकृत हुए हैं वहां इन कामों के चिन्ह तक नहीं है. मंत्री जी से निवेदन है कि कटघोरा, मरवाही जैसे दूरस्थ अंचलों में जहां आदिवासी लोग रहते हैं वहां दी गई स्वीकृति की जांच करा लें. इस दौरान कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने कहा नेता प्रतिपक्ष जी अपने शासनकाल के कामों की जांच कराना चाहते है तो आपको अनुमति दे देनी चाहिए. इस पर महंत ने कहा यदि गलत हुआ है तो इसकी जांच करनी चाहिए.
महंत के सवाल पर मंत्री केदार कश्यप ने जवाब देते हुए कहा कि कटघोरा के अंतर्गत ऐसी कोई जानकारी है तो इसकी जानकारी उपलब्ध कराए, राज्य स्तर पर पूरे कार्यों का मूल्यांकन कर इसे दिखाया जाएगा.
विधायक राजेश मूणत ने सवाल किया कि कॉपरेटिव सोसायटी के अंदर कितनी संस्थाएं है. एक कमेटी गठित की गई है, आपने कहा कि कमेटी की दो मीटिंग हो चुकी है. क्या चार महीने पहले ध्यानाकर्षण के उत्तर में आपने जो प्रश्न का उत्तर दिया उसी प्रश्न का उत्तर आज भी रिपीट कर दिया. मंत्री जी से आग्रह है कि इसकी गंभीरता को समझ ले ये पूरा प्रदेश का मामला है. प्रदेश में कॉपरेटिव सोसायटी की सोसायटियां एनओसी के लिए भटकते रहते हैं. उन्हें कॉपरेटिव सोसायटी वाले बिना पैसे के एनओसी नहीं देते. जनता से जुड़ा मामला है. आज चार महीने बाद भी वहीं उत्तर आ रहा है.
मंत्री केदार कश्यप ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह से गंभीर है. पिछले सत्र में सदस्य को विश्वास दिलाया था कि तुरंत कमेटी गठित की जाएगी. 3 सितंबर 2024 को चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई. कमेटी की दो बैठक हो गई है. 30 नवंबर और 24 जनवरी 2025 को बैठक हुई. क्या बेहतर हो सकता है इस दिशा में काम हो रहा है. आने वाले समय में किसी भी तरह की शिकायत नहीं होगी. एनओसी को तुरंत देने का प्रावधान करेंगे.
मूणत ने कहा कि शहर में 40 ऐसी सोसायटी है जहां मकान बने हैं. प्लाट खाली पड़े हैं. बिना एनओसी के कहीं भी रजिस्ट्री नहीं होती है. मंत्री जी एक समय सीमा दें दे तो जनता को राहत मिल जाएगी. मूणत ने कहा कि साय सरकार में सायं सायं जिस तरह दूसरे काम हो रहे हैं उसी तरह इस काम को भी सायं सायं कर दें.
अगल सवाल महंत ने पूछा- उन्होंने भारतमाला परियोजना के प्रभावितों के मुआवजा पर सवाल करते हुए कहा एक ट्रस्ट को 2 करोड़ से ज्यादा का मुआवज भुगतान हो जाता है. जबकि जिसे होना चाहिए उसे नहीं होता और किसी और को मुआवजा दे दिया जाता है. 32 खाते को 247 छोटे छोटे टुकड़ों में बांटकर मुआवजा का निर्धारण और वितरण कर दिया गया.
इस पर रमन सिंह ने कहा मंत्री जी ने जवाब देते हुए कहा कि जानकारी एकत्रित की जा रही है, ऐसे में सवाल जवाब नहीं बनता. इसमें ऐसी व्यवस्था है कि नियमावली 46 के अनुसरण में सदस्य को पूरा उत्तर मिलना चाहिए. इस प्रश्न को आगामी प्रश्न दिवस में पहले नंबर पर रख देंगे.
भूपेश बघेल ने कहा कि दुर्ग में भी भारतमाला प्रोजेक्ट में भी इस तरह की शिकायत आ रही है तो उसे भी जोड़ लें. इस पर रमन सिंह ने कहा कि मंत्री जी से आग्रह है कि आगामी तिथि के पहले प्रश्नकर्ता को उत्तर उपलब्ध करा दें. इस पर टंकराम वर्मा ने उत्तर उपलब्ध कराने के बारे में कहा.
अगला सवाल कुंवर सिंह निषाद ने पूछा- दुर्ग संभाग के खिलाड़ियों को बेहतर खेल प्रशिक्षण के लिए खेलकूद और युवा कल्याण विभाग की तरफ से क्या काम किया जा रहा है.
मंत्री टंक राम ने बताया कि दुर्ग संभाग के खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए दुर्ग में कबड्डी, बालोद में वेटलिफ्टिंग, बेमेतरा, कबीरधाम में कबड्डी, राजनांदगांव में हॉकी के 5 खेलो लघु इंडिया के केंद्र चलाए जा रहे हैं. खेलो इंडिया के तहत सभी जिलों में एक एक खेलों का चयन होता है. इनका संचालन भी किया जा रहा है, ये आवासीय नहीं है.
कुंवर सिंह ने कहा कि मैंने प्रशिक्षण संस्थान के बारे में पूछा है लेकिन आपने खेलो इंडिया लघु केंद्र के बारे में बता रहे हैं. खेलो इंडिया योजना खेल विभाग की योजना नहीं है ये भारत सरकार की योजना है. छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वो नहीं मिल रही है. आपको अधिकारी गलत जानकारी दे रहे हैं. क्या उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
मंत्री टंक राम ने कहा प्रशिक्षण संस्थान खेलो इंडिया के तहत ही संचालित हो रहे हैं. भारत सरकार की योजना है जो छत्तीसगढ़ के 31 जिलों में चल रही है. 2 जिलों का चयन हो चुका है. अप्रैल से वहां भी शुरू हो जाएगा.
निषाद ने कहा कि खेल विभाग की तरफ से इन्हें कोई राशि नहीं दी जाती.
इसके बाद मंत्री टंक राम अपनी बात पर अड़े रहे और कहा कि खेलो इंडिया की तरफ से ही प्रशिक्षण संस्थान चलाए जा रहे हैं. इसमें केंद्र की राशि आती है. 5 लाख रुपये सालाना, जिसमें 2 लाख रुपये खिलाड़ियों के संधारण और परिवेश के लिए आते हैं. 3 लाख रुपये प्रशिक्षकों के लिए आते हैं.
निषाद ने कहा कि दुर्ग में कहीं कोई सेंटर नहीं हैं जहां खिलाड़ियों को प्रोत्सहित किया जा रहा हो. मंत्री जी से 11 सितंबर 2024 को पत्र दिया था कि कुछ बच्चे राष्ट्रीय कूड़ो प्रतियोगिता गुजरात जाने के लिए मदद की मांग की थी, राशि तो दूर एक रिमाइंडर तक नहीं आया. ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभा के प्रोत्साहन के लिए सरकार को काम करना चाहिए.
इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभा के प्रोत्साहन के लिए अनुदान दिया जाता है. इसकी लिस्ट दे दीजिए.
निषाद ने कहा कि बालोद विधानसभा खेल के लिए प्रसिद्ध रहा है. कबड्डी के राष्ट्रीय खिलाड़ी भी रहे हैं. कब्ड्डी के खिलाड़ियों के लिए मैट उपलब्ध करवा दीजिए. इस पर मंत्री टंकराम ने कहा कि पूरे प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ियों को मैट उपलब्ध कराया जाएगा.