ETV Bharat / state

World No Tobacco Day: सेहत ही नहीं बल्कि समाज और परिवार को भी बर्बाद कर देता है तम्बाकू सेवन

विश्व तंबाकू निषेध दिवस (world no tobacco day 2022) का लक्ष्य ध्रूमपान से मारे जाने वाले लोगों की संख्या कम करना (Tobacco is injurious to health) है. साथ ही इससे न सिर्फ एक व्यक्ति बल्कि परिवार और समाज को भी बचाना है. क्योंकि अधिकतर लोगों की मौत इसके सेवन से हो रही है.

world no tobacco day
विश्व तंबाकू निषेध दिवस
author img

By

Published : May 31, 2022, 7:48 AM IST

रायपुर: विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल की तरह विश्व तंबाकू निषेध दिवस (world no tobacco day 2022) 31 मई को मनाया जाता है. जिससे कि पूरे विश्व का तंबाकू से फैलाई गई महामारियों को कम किया जा (Tobacco is injurious to health) सके. इसकी शुरुआत सन 1987 से हुई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2022 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम " पर्यावरण के लिए खतरनाक है तंबाकू."

यह भी पढ़ें; विश्व कछुआ दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ी ?

आंकड़ों की मानें तो हर साल तकरीबन साठ करोड़ वृक्षों को काटकर सिगरेट बनाया जाता है. तंबाकू जनित उत्पादों से आठ करोड़ चालीस लाख टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जित होती है, जिससे वायुमंडल का तापमान बढ़ता है. इतना ही नहीं सिगरेट बनाने में लगभग 22 अरब लीटर पानी का उपयोग किया जाता है.

भारत में तंबाकू की खेती: भारत में लगभग चालीस हजार हेक्टेयर जमीन पर तंबाकू की खेती की जाती है, जो कुल उपजाऊ भूमि का 0.27 फीसद है. देश में लगभग 80 फीसद तंबाकू गुजरात, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है. मध्यप्रदेश तंबाकू का प्रमुख उत्पादक राज्य न होते हुए भी भारतीय बीड़ी उद्योग में बड़ी हिस्सेदारी रखता है.

80 फीसद से अधिक लोग करते हैं तम्बाकू सेवन: विश्व में तकरीबन 80 फीसद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. तंबाकू सेवन सेहत ही नहीं बल्कि पूरे परिवार और समाज को खात्मे की ओर ले जाता है. साल 2020 के आंकड़ों की मानें तो तंबाकू सेवन करने वालों में 20 फीसद महिलाएं भी शामिल हैं.

तंबाकू से हो रही अकाल मृत्यु: तंबाकू सेवन से हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो रही है. इनमें से 7 मिलियन से अधिक प्रत्यक्ष तंबाकू के उपयोग करने के कारण मर रहे हैं, जबकि लगभग एक लाख से अधिक अप्रत्यक्ष धूम्रपान करने से मारे जाते हैं. विश्व में करीब 2.5 करोड़ कैंसर के मरीज हैं. जो कि साल 2025 तक 3.0 करोड़ तक बढ़ने की संभावना है.

शरीर पर बुरा असर: तम्बाकू में पाए जाने वाले रसायन मस्तिष्क में दृष्टि को संचालित करने वाले हिस्से को प्रभावित करते हैं, जिससे आंखों की रोशनी कम हो जाती है. मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और डाइबिटिक रेटीनोपैथी जैसी बीमारियों के लक्षण इसके अत्यधिक सेवन से लोगों में पाए जाते हैं. तंबाकू के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इस दिन को मनाने का लक्ष्य तम्बाकू को समाज और लोगों से दूर रखना है. क्योंकि इसके सेवन से न सिर्फ एक व्यक्ति और परिवार बल्कि पूरा समाज बर्बाद होता है.

रायपुर: विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल की तरह विश्व तंबाकू निषेध दिवस (world no tobacco day 2022) 31 मई को मनाया जाता है. जिससे कि पूरे विश्व का तंबाकू से फैलाई गई महामारियों को कम किया जा (Tobacco is injurious to health) सके. इसकी शुरुआत सन 1987 से हुई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2022 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम " पर्यावरण के लिए खतरनाक है तंबाकू."

यह भी पढ़ें; विश्व कछुआ दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ी ?

आंकड़ों की मानें तो हर साल तकरीबन साठ करोड़ वृक्षों को काटकर सिगरेट बनाया जाता है. तंबाकू जनित उत्पादों से आठ करोड़ चालीस लाख टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जित होती है, जिससे वायुमंडल का तापमान बढ़ता है. इतना ही नहीं सिगरेट बनाने में लगभग 22 अरब लीटर पानी का उपयोग किया जाता है.

भारत में तंबाकू की खेती: भारत में लगभग चालीस हजार हेक्टेयर जमीन पर तंबाकू की खेती की जाती है, जो कुल उपजाऊ भूमि का 0.27 फीसद है. देश में लगभग 80 फीसद तंबाकू गुजरात, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है. मध्यप्रदेश तंबाकू का प्रमुख उत्पादक राज्य न होते हुए भी भारतीय बीड़ी उद्योग में बड़ी हिस्सेदारी रखता है.

80 फीसद से अधिक लोग करते हैं तम्बाकू सेवन: विश्व में तकरीबन 80 फीसद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. तंबाकू सेवन सेहत ही नहीं बल्कि पूरे परिवार और समाज को खात्मे की ओर ले जाता है. साल 2020 के आंकड़ों की मानें तो तंबाकू सेवन करने वालों में 20 फीसद महिलाएं भी शामिल हैं.

तंबाकू से हो रही अकाल मृत्यु: तंबाकू सेवन से हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो रही है. इनमें से 7 मिलियन से अधिक प्रत्यक्ष तंबाकू के उपयोग करने के कारण मर रहे हैं, जबकि लगभग एक लाख से अधिक अप्रत्यक्ष धूम्रपान करने से मारे जाते हैं. विश्व में करीब 2.5 करोड़ कैंसर के मरीज हैं. जो कि साल 2025 तक 3.0 करोड़ तक बढ़ने की संभावना है.

शरीर पर बुरा असर: तम्बाकू में पाए जाने वाले रसायन मस्तिष्क में दृष्टि को संचालित करने वाले हिस्से को प्रभावित करते हैं, जिससे आंखों की रोशनी कम हो जाती है. मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और डाइबिटिक रेटीनोपैथी जैसी बीमारियों के लक्षण इसके अत्यधिक सेवन से लोगों में पाए जाते हैं. तंबाकू के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इस दिन को मनाने का लक्ष्य तम्बाकू को समाज और लोगों से दूर रखना है. क्योंकि इसके सेवन से न सिर्फ एक व्यक्ति और परिवार बल्कि पूरा समाज बर्बाद होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.