रायपुर: महिला दिवस के मौके पर सोमवार को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में राज्य महिला सम्मान सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों ने 'दहेज एक अभिशाप' थीम पर नाट्य प्रस्तुति दी. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं.
दहेज समाज के लिए अभिशाप
दहेज आज समाज के लिए ये एक अभिशाप बन गया है. इसका दुष्परिणाम बहुत भंयकर हो रहा है और आज यह नारियों के लिए एक काल बन चुका है. हाल ही में आयशा आत्महत्या मामला देश में सुर्खियों में बना हुआ है. अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट से नदी में कूदकर जान देने वाली आयशा की मौत ने सबको झकझोर कर रख दिया है. आयशा का शौहर दहेज के लिए उसे अक्सर परेशान किया करता था. न जाने कितनी आयशा रोज दहेज को लेकर प्रताड़ित की जाती हैं. न जाने कितनी मौत को गले लगा लेती हैं. पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ जैसे शांति और महिला प्रधान समाज माने जाने वाले प्रदेश में भी दहेज के मामलों में वृद्धि हुई है.
छत्तीसगढ़ में भी कई 'आयशा', हर महीने दहेज के सैकड़ों केस होते हैं दर्ज
छत्तीसगढ़ में हर महीने दहेज के 400 केस
छत्तीसगढ़ में हर महीने दहेज के करीब 400 मामले सामने रहे हैं. हालांकि अब कानून में संशोधन के बाद दहेज के मामलों में तत्काल FIR नहीं की जाती, ना ही गिरफ्तारी की जाती है. जांच के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करती है. जिससे कहीं ना कहीं उन लोगों को राहत मिली है, जिनके खिलाफ महिलाओं की ओर से झूठे दहेज प्रताड़ना के मामले दर्ज कराए जाते हैं.
छत्तीसगढ़ में दहेज के चलते मौत (NCRB के आंकड़ों के आधार पर)
2017 | 2018 | 2019 |
84 | 79 | 76 |