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छ्त्तीसगढ़ में बढ़े सर्पदंश के मामले, 50 दिन में 350 से अधिक केस

बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती है. इस बार भी बारिश के समय मेकाहारा में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ती जा रही(snakebite cases increased in chhattisgarh) है.

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Published : Aug 3, 2022, 6:34 PM IST

snakebite cases increased in chhattisgarh
छ्त्तीसगढ़ में बढ़े सर्पदंश के मामले

रायपुर : बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने लगी (snakebite cases increased in chhattisgarh) है. बारिश का पानी बिल में घुसने से सांप बाहर निकल रहे हैं. उमस और बारिश के चलते घरों में सांप घुसने लगे. इतना ही नहीं बल्कि सर्पदंश की घटनाएं भी सामने आ रही है. हालात यह है कि राजधानी रायपुर के मेकाहारा में रोजाना तीन से चार ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो सर्पदंश के शिकार हैं. वहीं स्वस्थ्य विभाग इसके बढ़ते मामले को देखते हुए अलर्ट हो गया है. इसके लिए तमाम स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम की डोज रखवानी पड़ गई है.

अब तक कितने मामले आएं : राज्य आईडीएसपी विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक (raipur news ) एक जून से 20 जुलाई तक यानी 50 दिनों में 358 लोग सर्पदंश के शिकार (snakebite cases in raipur) हुए. इनमें जून महीने में छत्तीसगढ़ में वर्षा अनुकूल मौसम नहीं होने के बावजूद सांप काटने की घटनाओं में तेजी देखी गई. इतना ही नहीं जुलाई महीने के 20 दिन में भी लगभग 127 लोगों को सांप डस चुके हैं. सर्पदंश के ये आंकड़े उन लोगों के हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, जबकि कई ऐसे भी होंगे जो देसी इलाज और झाड़-फूंक में विश्वास कर अस्पताल नहीं पहुंच पाए. इनका रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग के पास भी नहीं है. राज्य आईडीएसपी नोडल अधिकारी डॉ धर्मेंद्र गहवई ने बताया "आमतौर पर बारिश के समय ही जुलाई महीने में सर्पदंश की रिपोर्ट आती थी. जून में भी यह घटना बढ़ी तो इसके लिए पारिस्थितिक बदलाव को ही कारण माना जा सकता है."



किन जिलों में सर्वाधिक मामले : जून महीने से लेकर 22 जुलाई तक जिलावार सर्पदंश के आंकड़े देखें तो दुर्ग जिले में सर्वाधिक 48 मामले आए हैं. इसके बाद जांजगीर-चांपा में 43, कोरिया में 42, बलौदा बाजार-भाटापारा जिले में 18 और रायगढ़ में 24 लोगों को सांप ने काटा. इसके ठीक विपरीत रायपुर में आधा दर्जन मामले ही दर्ज किए गए. ये आंकड़े उन लोगों के हैं, जिन्हें सांप ने कांटा और उन्हें अस्पताल लाया (Incidents of snakebite in Durg and Janjgir) गया.


मेकाहारा में रोजाना 3 से 4 मामले : मेकाहारा के मेडिशिन विभाग के प्रभारी डॉ. आर एल खरे बताते हैं " पिछले 15 वर्षों से मेकाहारा में कार्यरत हूं. इस वर्ष देखा जा रहा है कि सर्पदंश के केसेस ज्यादा आ रहे हैं. रोजाना तीन से चार मरीज पहुंच रहे हैं. कई दफे मरीज अंतिम स्टेज में पहुंच जाते हैं तब आ रहे हैं. ज्यादातर केसेस ग्रामीण इलाकों के हैं. सबसे ज्यादा डेंजर रात के समय कांटे गए सांप के जहर का होता है. ऐसे में तत्काल चिकित्सकीय मदद ली जानी चाहिए."



सर्पदंश के दौरान करें ये काम : सर्पदंश के दौरान किस तरह के करें उपाय

सांप अगर काट ले तो घबराएं नहीं.

जिस जगह सर्प कांटा है, उसके एक ज्वाइंट के नीचे हल्का धागा बांधे

ऐसा धागा या रस्सी बांधे जिसमें कम से कम आपकी दो अंगुली चली जाए.

धागा या रस्सी का न तो बहुत ढीला बांधना है और न ही बहुत कड़ा.

जिससे जहर का प्रवाह न हो और खून का दौरा बना रहे.

जिस भी एरिया में सांप ने कांटा है, उस हिस्से को कम से कम हिलाना है. इसके लिए लकड़ी, पेपर या किसी भी चीज से बांधकर उस हिस्से को स्थिर रखे.

ये सारी चीजें करने से चिकित्सकीय सुविधा तक पहुंचने का समय मिलेगा.



एंटी वेनम डोज का भरपूर स्टॉक : स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो एंटी वेनम के 10-10 वायल सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध करा दिया गया (Anti venom dose in Chhattisgarh hospital) है. इसलिए कभी भी सांप काटने की घटना होने पर बड़े अस्पताल तक पहुंचने के बजाय नागरिक अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच इसका इलाज कराएं.

रायपुर : बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने लगी (snakebite cases increased in chhattisgarh) है. बारिश का पानी बिल में घुसने से सांप बाहर निकल रहे हैं. उमस और बारिश के चलते घरों में सांप घुसने लगे. इतना ही नहीं बल्कि सर्पदंश की घटनाएं भी सामने आ रही है. हालात यह है कि राजधानी रायपुर के मेकाहारा में रोजाना तीन से चार ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो सर्पदंश के शिकार हैं. वहीं स्वस्थ्य विभाग इसके बढ़ते मामले को देखते हुए अलर्ट हो गया है. इसके लिए तमाम स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम की डोज रखवानी पड़ गई है.

अब तक कितने मामले आएं : राज्य आईडीएसपी विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक (raipur news ) एक जून से 20 जुलाई तक यानी 50 दिनों में 358 लोग सर्पदंश के शिकार (snakebite cases in raipur) हुए. इनमें जून महीने में छत्तीसगढ़ में वर्षा अनुकूल मौसम नहीं होने के बावजूद सांप काटने की घटनाओं में तेजी देखी गई. इतना ही नहीं जुलाई महीने के 20 दिन में भी लगभग 127 लोगों को सांप डस चुके हैं. सर्पदंश के ये आंकड़े उन लोगों के हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, जबकि कई ऐसे भी होंगे जो देसी इलाज और झाड़-फूंक में विश्वास कर अस्पताल नहीं पहुंच पाए. इनका रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग के पास भी नहीं है. राज्य आईडीएसपी नोडल अधिकारी डॉ धर्मेंद्र गहवई ने बताया "आमतौर पर बारिश के समय ही जुलाई महीने में सर्पदंश की रिपोर्ट आती थी. जून में भी यह घटना बढ़ी तो इसके लिए पारिस्थितिक बदलाव को ही कारण माना जा सकता है."



किन जिलों में सर्वाधिक मामले : जून महीने से लेकर 22 जुलाई तक जिलावार सर्पदंश के आंकड़े देखें तो दुर्ग जिले में सर्वाधिक 48 मामले आए हैं. इसके बाद जांजगीर-चांपा में 43, कोरिया में 42, बलौदा बाजार-भाटापारा जिले में 18 और रायगढ़ में 24 लोगों को सांप ने काटा. इसके ठीक विपरीत रायपुर में आधा दर्जन मामले ही दर्ज किए गए. ये आंकड़े उन लोगों के हैं, जिन्हें सांप ने कांटा और उन्हें अस्पताल लाया (Incidents of snakebite in Durg and Janjgir) गया.


मेकाहारा में रोजाना 3 से 4 मामले : मेकाहारा के मेडिशिन विभाग के प्रभारी डॉ. आर एल खरे बताते हैं " पिछले 15 वर्षों से मेकाहारा में कार्यरत हूं. इस वर्ष देखा जा रहा है कि सर्पदंश के केसेस ज्यादा आ रहे हैं. रोजाना तीन से चार मरीज पहुंच रहे हैं. कई दफे मरीज अंतिम स्टेज में पहुंच जाते हैं तब आ रहे हैं. ज्यादातर केसेस ग्रामीण इलाकों के हैं. सबसे ज्यादा डेंजर रात के समय कांटे गए सांप के जहर का होता है. ऐसे में तत्काल चिकित्सकीय मदद ली जानी चाहिए."



सर्पदंश के दौरान करें ये काम : सर्पदंश के दौरान किस तरह के करें उपाय

सांप अगर काट ले तो घबराएं नहीं.

जिस जगह सर्प कांटा है, उसके एक ज्वाइंट के नीचे हल्का धागा बांधे

ऐसा धागा या रस्सी बांधे जिसमें कम से कम आपकी दो अंगुली चली जाए.

धागा या रस्सी का न तो बहुत ढीला बांधना है और न ही बहुत कड़ा.

जिससे जहर का प्रवाह न हो और खून का दौरा बना रहे.

जिस भी एरिया में सांप ने कांटा है, उस हिस्से को कम से कम हिलाना है. इसके लिए लकड़ी, पेपर या किसी भी चीज से बांधकर उस हिस्से को स्थिर रखे.

ये सारी चीजें करने से चिकित्सकीय सुविधा तक पहुंचने का समय मिलेगा.



एंटी वेनम डोज का भरपूर स्टॉक : स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो एंटी वेनम के 10-10 वायल सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध करा दिया गया (Anti venom dose in Chhattisgarh hospital) है. इसलिए कभी भी सांप काटने की घटना होने पर बड़े अस्पताल तक पहुंचने के बजाय नागरिक अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच इसका इलाज कराएं.

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