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Rajyog Horoscope: राजयोग ऐसे बना सकता है आपको कुशल प्रशासक

आज के दौर में कौन होगा, जो शिखर पर नहीं पहुंचना चाहेगा. कौन होगा जो आज नेतृत्व करने से पीछे हटना चाहेगा. शिखर तक पहुंचने के लिए आज सबसे अच्छा क्षेत्र प्रशासक ही है. लेकन राजनीति में आज के दैर में कॉम्पिटिशन के चलते शिखर तक का रास्ता बेहद कठिन हो गया है. आइए जानें कि कैसे राजयोग के जरिए प्रशासनिक शिखर तक पहुंचा जा सकता है.

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Published : May 27, 2023, 9:19 PM IST

Raja Yoga make you efficient administrator
कुशल प्रशासक ऐसे बनें
कुशल प्रशासक बनने के लिये ये करें

रायपुर: व्यक्ति को बड़ा राजयोग कब मिलता है, वह बड़ा प्रशासक कब बनता है, राजनीति में यदि व्यक्ति है, तो वह किन कारणों से राज्यों के शिखर पर पहुंचता है, इसके लिए व्यक्ति के लग्न और लग्नेश की स्थिति और नक्षत्रों की स्थिति क्या होनी चाहिए, इसे जानना बेहद जरूरी है. व्यक्ति के अष्टक वर्ग में भी संबंधित ग्रहों को बिंदुवार होना चाहिए. सूर्य जितना अधिक शक्तिशाली होगा, व्यक्ति को उतना ही बड़ा पद प्राप्त होगा. कई जातकों को सूर्य के साथ-साथ गुरु की भी प्रभावशाली स्थिति में महत्वपूर्ण पद प्राप्त हो जाता है.


"बड़े प्रशासक बनने के लिए शनि का भी शक्तिशाली होना आवश्यक है. शनि न्यायदाता ग्रह है. वह तपा तपा कर संघर्ष कराकर व्यक्ति को योग्य बनाता है. फिर वह पद प्रदान करता है. व्यक्ति को इन ग्रहों के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इनके रत्नों को धारण करना चाहिए. अपने कर्म फल अच्छे बनाने के लिए माता-पिता की आज्ञा पालन के साथ ही दान परोपकार करते रहना चाहिए. ताकि इसका अधिक से अधिक फल उन्हें इसी जीवन में प्राप्त हो सके." - डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद



भौतिक होना चाहिए राजयोग: राजयोग व्यक्ति को संबंधित ग्रह की दशा अंतर्दशा में प्राप्त होता है. जब गोचर में स्थित ग्रह उसकी सफलता का संकेत दे रहे हों, विशेषकर सूर्य एवं गुरु शनि और राहु भी इस संबंध में अत्यधिक महत्वपूर्ण ग्रह है. अष्टक वर्ग में भी इनकी स्थिति मजबूत रहनी चाहिए और व्यक्ति का राजयोग भौतिक राजयोग होना चाहिए. यदि आध्यात्मिक राजयोग है तो व्यक्ति पहले बहुत कष्ट पाता है, उसे लगता है कि उसकी कुंडली में राजयोग नहीं है. फिर वह तपे हुए सोने की तरह निखर कर सामने आता है और राज्यों के फलों को प्राप्त करता है. साथ ही जनता में विशिष्ट सम्मान का भागी हो जाता है.

"व्यक्ति की हाथ की सबसे छोटी उंगली का पहला पोर यदि अनामिका अंगुली के पहले पोर तक पहुंच जाए और उससे आगे भी निकल जाए तो व्यक्ति को बड़ा पद प्राप्त होता है. राजनीति में भी ऐसा ही होता है. मंत्री, सांसद, विधायक आदि बड़े पदों के लिए शनि और राहु का शक्तिशाली होना शुभ प्रभाव में होना अत्यंत आवश्यक है. सूर्य बुध मंगल चंद्रमा गुरु शुक्र है तो व्यक्ति को राजा बनाते हैं. लेकिन उन्हें चक्रवर्ती सम्राट तो शनि एवं राहु ही बनाते हैं. बिना शनि और राहु के प्रबल हुए व्यक्ति किसी बड़े पद पर नहीं जा सकता." - डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद

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इन बातों का रखें ध्यान: शासन हो या राजनीति, व्यक्ति को अच्छे काम करते रहना चाहिए. हमेशा परोपकार करना चाहिए. जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए. सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए. गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए. इससे व्यक्ति जीवन में सफल प्रशासक एवं राजनीतिज्ञ बनता है.

कुशल प्रशासक बनने के लिये ये करें

रायपुर: व्यक्ति को बड़ा राजयोग कब मिलता है, वह बड़ा प्रशासक कब बनता है, राजनीति में यदि व्यक्ति है, तो वह किन कारणों से राज्यों के शिखर पर पहुंचता है, इसके लिए व्यक्ति के लग्न और लग्नेश की स्थिति और नक्षत्रों की स्थिति क्या होनी चाहिए, इसे जानना बेहद जरूरी है. व्यक्ति के अष्टक वर्ग में भी संबंधित ग्रहों को बिंदुवार होना चाहिए. सूर्य जितना अधिक शक्तिशाली होगा, व्यक्ति को उतना ही बड़ा पद प्राप्त होगा. कई जातकों को सूर्य के साथ-साथ गुरु की भी प्रभावशाली स्थिति में महत्वपूर्ण पद प्राप्त हो जाता है.


"बड़े प्रशासक बनने के लिए शनि का भी शक्तिशाली होना आवश्यक है. शनि न्यायदाता ग्रह है. वह तपा तपा कर संघर्ष कराकर व्यक्ति को योग्य बनाता है. फिर वह पद प्रदान करता है. व्यक्ति को इन ग्रहों के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इनके रत्नों को धारण करना चाहिए. अपने कर्म फल अच्छे बनाने के लिए माता-पिता की आज्ञा पालन के साथ ही दान परोपकार करते रहना चाहिए. ताकि इसका अधिक से अधिक फल उन्हें इसी जीवन में प्राप्त हो सके." - डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद



भौतिक होना चाहिए राजयोग: राजयोग व्यक्ति को संबंधित ग्रह की दशा अंतर्दशा में प्राप्त होता है. जब गोचर में स्थित ग्रह उसकी सफलता का संकेत दे रहे हों, विशेषकर सूर्य एवं गुरु शनि और राहु भी इस संबंध में अत्यधिक महत्वपूर्ण ग्रह है. अष्टक वर्ग में भी इनकी स्थिति मजबूत रहनी चाहिए और व्यक्ति का राजयोग भौतिक राजयोग होना चाहिए. यदि आध्यात्मिक राजयोग है तो व्यक्ति पहले बहुत कष्ट पाता है, उसे लगता है कि उसकी कुंडली में राजयोग नहीं है. फिर वह तपे हुए सोने की तरह निखर कर सामने आता है और राज्यों के फलों को प्राप्त करता है. साथ ही जनता में विशिष्ट सम्मान का भागी हो जाता है.

"व्यक्ति की हाथ की सबसे छोटी उंगली का पहला पोर यदि अनामिका अंगुली के पहले पोर तक पहुंच जाए और उससे आगे भी निकल जाए तो व्यक्ति को बड़ा पद प्राप्त होता है. राजनीति में भी ऐसा ही होता है. मंत्री, सांसद, विधायक आदि बड़े पदों के लिए शनि और राहु का शक्तिशाली होना शुभ प्रभाव में होना अत्यंत आवश्यक है. सूर्य बुध मंगल चंद्रमा गुरु शुक्र है तो व्यक्ति को राजा बनाते हैं. लेकिन उन्हें चक्रवर्ती सम्राट तो शनि एवं राहु ही बनाते हैं. बिना शनि और राहु के प्रबल हुए व्यक्ति किसी बड़े पद पर नहीं जा सकता." - डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष एवं वास्तुविद

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