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सीएम बघेल ने कहा- 2017 में छत्तीसगढ़ आए थे पेगासस से जुड़े लोग, रमन बोले- 4 साल कहां थे ?

पेगासस (Pegasus) मामला छत्तीसगढ़ में तूल पकड़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया में कहा कि 2017 में पेगासस बनाने वाली कंपनी के लोग छत्तीसगढ़ आए थे. कुछ लोगों से भी मिले थे. हालांकि किस-किस से मिले इस बात का खुलासा नहीं हो सका है. सीएम भूपेश बघेल के इस बयान पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. चुटकी भरे अंदाज में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार 2018 में आई थी. अब 2021 चल रहा है. 4 साल कहां थे.

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पेगासस मामले में आमने सामने भूपेश बघेल और रमन सिंह
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Published : Jul 21, 2021, 9:01 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 10:54 PM IST

रायपुर: पेगासस सॉफ्टवेयर (Pegasus) से जासूसी मामले में प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (raman singh) पर बड़े आरोप लगाए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने कहा कि जानकारी मिली थी कि पेगासस बनाने वाली कंपनी से जुड़े लोग 2017 में छत्तीसगढ़ आए थे और यहां कुछ लोगों से संपर्क किया था. इसके लिए हमने जांच समिति गठित की है. वहीं पूर्व सीएम रमन ने भी पलटवार किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस को अब सपना आ रहा है, 4 साल कहां थे ?

पेगासस पर आमने सामने सीएम और पूर्व सीएम

सीएम बघेल ने कहा कि ये बात तो निश्चित है कि पेगासस के लोग छत्तीसगढ़ आए थे. लेकिन किससे मिले, क्या बात हुई और क्या डील हुई इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. डॉक्टर रमन सिंह बताएं कि कौन आया था और किससे डील हुई थी ? देश को ये जानने का हक है कि कितने की डील हुई थी और कितने दिनों तक जासूसी हुई थी ?

2019 में गठित की गई थी जांच समिति

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (Congress state president Mohan Markam) ने भी पूर्व सीएम रमन सिंह पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेगासस कंपनी के लोग 2017 में आए थे. तत्कालीन रमन सरकार और पुलिस के साथ उनकी चर्चा हुई थी. इसकी जानकारी एक अखबार के माध्यम से सामने आई. इस आधार पर प्रदेश सरकार के द्वारा नवंबर 2019 में एक समिति गठित की गई थी. समिति ने इस मामले में जांच की. समिति ने जांच में पाया कि पेगासस के साथ हुई बैठक की जानकारी से जुड़े दस्तावेज जला दिए गए हैं.

पेगासस कंपनी के साथ हुई बैठक की जानकारी को लेकर मरकाम ने डॉक्टर रमन सिंह से सवाल किया कि रमन सिंह बताएं कि कंपनी के लोगों के साथ उनकी बैठक हुई थी या नहीं ? भाजपा ने कुछ गलत नहीं किया तो उसका विवरण उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए. मामले को लेकर कांग्रेस गुरुवार को राजभवन कूच करेगी और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगी.

'4 साल कहां थे' ?

पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि 2017 से 2021 हो गया, अब सपना आ रहा है. 4 साल में होश नहीं आया कि कुछ हुआ है या नहीं. पेपर पढ़ कर न्यूज जारी करने का ही काम है. इनका यही काम है दिल्ली में कुछ छपता है, उसे फॉलो करो. सोनिया गांधी के जो निर्देश मिले, उसका क्रियान्वयन करो. 4 साल कहां थे ?.

सबूत हैं उपलब्ध कराएं: बृजमोहन अग्रवाल

पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पेगासस मामले को साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार या प्रदेश कांग्रेस के पास अगर सबूत हैं तो उपलब्ध कराएं.

क्या है पेगासस ?

यह एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर है, जिसे इजराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है. इसके जरिए किसी व्यक्ति का फोन हैक करके उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है. इसे टारगेट के लिए फोन में इंस्टॉल किया जाता है और फिर फोन का रिमोट कंट्रोल ले लिया जाता है. यह रिमोट एक्सेस ट्रोजन की तरह ही काम करता है. ये पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिए आपकी जासूसी करता है.

इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

रायपुर: पेगासस सॉफ्टवेयर (Pegasus) से जासूसी मामले में प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (raman singh) पर बड़े आरोप लगाए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने कहा कि जानकारी मिली थी कि पेगासस बनाने वाली कंपनी से जुड़े लोग 2017 में छत्तीसगढ़ आए थे और यहां कुछ लोगों से संपर्क किया था. इसके लिए हमने जांच समिति गठित की है. वहीं पूर्व सीएम रमन ने भी पलटवार किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस को अब सपना आ रहा है, 4 साल कहां थे ?

पेगासस पर आमने सामने सीएम और पूर्व सीएम

सीएम बघेल ने कहा कि ये बात तो निश्चित है कि पेगासस के लोग छत्तीसगढ़ आए थे. लेकिन किससे मिले, क्या बात हुई और क्या डील हुई इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. डॉक्टर रमन सिंह बताएं कि कौन आया था और किससे डील हुई थी ? देश को ये जानने का हक है कि कितने की डील हुई थी और कितने दिनों तक जासूसी हुई थी ?

2019 में गठित की गई थी जांच समिति

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (Congress state president Mohan Markam) ने भी पूर्व सीएम रमन सिंह पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेगासस कंपनी के लोग 2017 में आए थे. तत्कालीन रमन सरकार और पुलिस के साथ उनकी चर्चा हुई थी. इसकी जानकारी एक अखबार के माध्यम से सामने आई. इस आधार पर प्रदेश सरकार के द्वारा नवंबर 2019 में एक समिति गठित की गई थी. समिति ने इस मामले में जांच की. समिति ने जांच में पाया कि पेगासस के साथ हुई बैठक की जानकारी से जुड़े दस्तावेज जला दिए गए हैं.

पेगासस कंपनी के साथ हुई बैठक की जानकारी को लेकर मरकाम ने डॉक्टर रमन सिंह से सवाल किया कि रमन सिंह बताएं कि कंपनी के लोगों के साथ उनकी बैठक हुई थी या नहीं ? भाजपा ने कुछ गलत नहीं किया तो उसका विवरण उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए. मामले को लेकर कांग्रेस गुरुवार को राजभवन कूच करेगी और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगी.

'4 साल कहां थे' ?

पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि 2017 से 2021 हो गया, अब सपना आ रहा है. 4 साल में होश नहीं आया कि कुछ हुआ है या नहीं. पेपर पढ़ कर न्यूज जारी करने का ही काम है. इनका यही काम है दिल्ली में कुछ छपता है, उसे फॉलो करो. सोनिया गांधी के जो निर्देश मिले, उसका क्रियान्वयन करो. 4 साल कहां थे ?.

सबूत हैं उपलब्ध कराएं: बृजमोहन अग्रवाल

पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पेगासस मामले को साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार या प्रदेश कांग्रेस के पास अगर सबूत हैं तो उपलब्ध कराएं.

क्या है पेगासस ?

यह एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर है, जिसे इजराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है. इसके जरिए किसी व्यक्ति का फोन हैक करके उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है. इसे टारगेट के लिए फोन में इंस्टॉल किया जाता है और फिर फोन का रिमोट कंट्रोल ले लिया जाता है. यह रिमोट एक्सेस ट्रोजन की तरह ही काम करता है. ये पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिए आपकी जासूसी करता है.

इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

Last Updated : Jul 21, 2021, 10:54 PM IST
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